सेवक … राजनीति में कार्यकर्ता, तभी तक सेवक की भूमिका में रहता है। जब तक उसे पद नहीं मिल जाता। पद के बाद सेवक को चाहिए कि वह खुद अपनी भूमिका बदले। खासकर चरणों में बैठने की आदत से बाज आये। मगर ग्रामीण युवा इकाई के जलवा नेता जी, आज […]

तस्वीर … कमलप्रेमी इन दिनों एक तस्वीर आपस में एक-दूसरे को दिखा रहे है। इसके साथ ही बाबा तुलसीदास की चौपाई को याद कर रहे है। चौपाई जगप्रसिद्ध है। भय बिन प्रीत ना होये गुसांई। तस्वीर अपने विकास पुरूष की है। जिसमें विकास पुरूष दंडवत मुद्रा में प्रणाम करते नजर […]

मुस्कान … अपने डेल्टा जी की आदत है। हमेशा मुस्कुराते रहना। उन्होंने 118 किलोमीटर की यात्रा में बाकी सभी के चेहरों पर भी मुस्कान ला दी। बिल्वेश्वर महादेव मंदिर की घटना है। 7 जिलो के मुखिया, अल्फा जी, उम्मीद जी और अपने कप्तान, अपनी-अपनी चरण- पादुका उतारने में लगे थे। […]

तनातनी … राजनीति का पहला सबक यही सिखाता है। कितनी भी दुश्मनी हो? उसको जगजाहिर नहीं किया जाये। बस … मौके का इंतजार करो… फिर वार करो। मगर विकास पुरूष- पहलवान और वजनदार जी की तनातनी, जगजाहिर हो रही है। अभी-अभी एक बैठक हुई थी। जिसमें तीनों मौजूद थे। मगर […]

5 खोखा… अपुन भले ही पिछले 15-17 सालों से चुप रहने का दावा करते है। मगर आज तक किसी ने भी चुप रहने के नाम पर फूटी कौडी नहीं दी है। लेकिन अपने वजनदार जी के चुप रहने की कीमत 5 खोखा है। ऐसा हम नहीं, बल्कि अपने कमलप्रेमी ही […]

10 नम्बरी… हमने पिछले सप्ताह लिखा था। अपने पपेट जी की परीक्षा को लेकर। इशारा स्वच्छता की तरफ था। जिसमें अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। देश की राजधानी से कभी भी परीक्षकों की टोली आ सकती है। मगर, उनको क्या दिखायेंगे? इस यक्ष प्रश्न का जवाब किसी के […]

दावत … किसी शायर ने खूब कहा है। यह भी एक बात है अदावत की/ रोजा रख्खा जो हमने दावत की। मगर यहां मामला अदावत का नहीं, बल्कि शिष्टाचार और समन्वय से जुड़ा है। जिसके चलते शिवाजी भवन में इन दिनों यह शेर सुनाई दे रहा है। कारण अपने पपेट […]

सुरक्षा … हमारे माननीयों के साथ अकसर सुरक्षाकर्मी रहते है। फिर भले ही उनको किसी से भी कोई खतरा ना हो। मगर इससे खुद को अतिविशिष्टजन समझने में आसानी रहती है। सीधी भाषा में इसे स्टेटस सिंबल बोला जाता है। इसी चक्कर में एक काले कोटधारी आ गये। उन्होंने भी […]

मुझे पता है … चक्रम में फर्जी कोर्स को लेकर विद्यार्थी आक्रोश में है। आंदोलन भी कर चुके है। मगर इसको हवा कौन दे रहा है। यह सवाल लाख टके का है। जिसका जवाब चक्रम के मुखिया को पता है। पर्दे के पीछे कौन है। तभी तो उनका गुस्सा उजागर […]

पत्र … निवेदन है कि हम लोगों को संगठन में काम करने में दिक्कत आ रही है। हमने कमंडल के पदाधिकारियों को हमारी समस्या बताई। लेकिन वह कहने लगे कि कमंडल के मुखिया का मामला है। इसलिए हम मदद नहीं कर सकते है। संगठन में ऊपर अवगत कराये। कमंडल के […]