मालवा का परंपरागत भोजन तो नहीं भस्मारती में शामिल श्रद्धालुओं के लिए शुरू करेंगे नाश्ता

Mahakal annakshetra

महाकालेश्वर मंदिर के अन्न क्षेत्र में गुरुवार से नई व्यवस्था के तहत मिलेगा चाय, पोहा और खिचड़ी

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के अन्न क्षेत्र में भस्म आरती के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब नाश्ता भी मिलेगा। आरती के बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में नाश्ता दिया जाएगा। मंदिर समिति यह व्यवस्था गुरुवार से शुरू करने जा रही है। जिसमें श्रद्धालुओं को चाय, पोहा और खिचड़ी दी जाएगी। लेकिन अभी तक मंदिर प्रशासन मालवा के उस परांपरागत भोजन प्रसादी को शुरू नहीं कर पाया है, जिससे मंदिर की ब्रांडिंग हो सकती है।

जानकारी में आया है कि महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन अलसुबह होने वाली भस्मारती में शामिल होने के लिए देशभर से आने वाले श्रद्धालु एक दिन पहले ही देर रात को मंदिर पहुंच जाते हैं। उसके बाद सुबह 6 बजे तक आरती संपन्न होती है। काफी समय मंदिर में व्यतीत किए जाने से चाय और नाश्ते की दरकार रहती है। इसी वजह से मंदिर समिति भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अल्पाहार की व्यवस्था करने जा रही है।

नाश्ते के लिए टोकन मिलेंगे

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति नाश्ते के लिए बकायदा टोकन बैठे इसके लिए चार काउंटर तैयार किए जा रहे हैं इनमें से दो अन्य क्षेत्र में उर्दू महाकाल परिसर में लगेंगे भस्म आरती संपन्न होने के बाद श्रद्धालु सीधे परिसर में लगे काउंटर से टोकन लेकर अन्य क्षेत्र पहुंच सकते हैं

सुबह 6 से 8 बजे तक मिलेगा

महाकाल नि:शुल्क अन्न क्षेत्र प्रभारी मिलिंद वैद्य ने बताया कि देर रात से मंदिर आने वाले श्रद्धालु भस्म आरती दर्शन के लिए सुबह तक मंदिर में भूखे बैठे रहते हैं। यही वजह है कि मंदिर समिति अब गुरुवार से नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। जिसके अनुसार हर दिन सुबह 6 से 8 बजे तक दो हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को चाय नाश्ता उपलब्ध कराएगी।

प्रतिदिन लगेगा 50 लीटर दूध

भस्मारती में प्रतिदिन लगभग 2000 श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। नई व्यवस्था के अनुसार उनके लिए सुबह 6 बजे चाय बन कर तैयार रहेगी। इसके लिए 50 लीटर दूध लगेगा। साथ ही नाश्ते के लिए रोजाना 40 किलो पोहा लगेगा। नाश्ता बनाने के लिए रात 2 बजे से एक नई शिफ्ट में कर्मचारी आएंगे। अब तक अन्न क्षेत्र में सिर्फ दो शिफ्ट में 40 कर्मचारी खाना बनाने के लिए आते थे। लेकिन गुरुवार से यहां तीन शिफ्टों में रात्रि 2 से सुबह 8, दोपहर सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से लेकर रात्रि 9 बजे तक कर्मचारी ड्यूटी करेंगे।

2 वर्ष पुराना है प्रस्ताव

महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को गुरुवार से नाश्ते के रूप में मिलने वाले चाय, पोहा और खिचड़ी को लेकर 2019 में भी प्रस्ताव आया था लेकिन कोरोना प्रतिबंधों के चलते महाकाल मंदिर को भी बंद करना पड़ा था। जिसके बाद व्यवस्था को शुरू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। अब 28 अप्रैल से अन्न क्षेत्र में श्रद्धालुओं को नाश्ता मिलने लगेगा।

दानदाताओं के जरिए होगी व्यवस्था

गुरुवार से शुरू होने जा रहे इस व्यवस्था के दौरान सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग मैन्यू रहेगा। चाय, पोहा खिचड़ी समेत अन्य चीजें सुबह के नाश्ते में उपयोगी रहेंगी। उनका भक्तों में वितरण किया जाएगा। यह व्यवस्था दानदाताओं के सहयोग से चलेगी।

दाल, बाफले, लडड़ू नहीं कर पाए शुरू

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा अलग-अलग प्रकल्प के साथ ही निशुल्क अन्न क्षेत्र का संचालन भी किया जा रहा है। अन्न क्षेत्र में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के प्रसाद स्वरूप भोजन प्रसादी दिया जाता है। लेकिन मैन्यू में ऐसी कोई विशिष्ट चीज नहीं परोसी जाती है, जिससे मंदिर की ब्रांडिंग हो।

कुछ साल पहले मंदिर में कलेक्टर आशीषसिंह ने मालवा के परंपरागत भोजन दाल, बाफले और लड्डू को शुरू करवाया था। जिसको ग्रहण कर बाहर से आने वाले श्रद्धालु मालवा के परंपरागत भोजन का स्वाद लेकर जा रहे थे। इससे मंदिर की ब्रांडिंग भी हो रही थी। यह परंपरागत भोजन सप्ताह में रविवार के दिन परोसा जा रहा था। जिसको लेकर स्थानीय श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह था।

इनका कहना है

यह अभी फायनल नहीं हुआ है।
गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर

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