उज्जैन नगर निगम चुनावः किनारे पर डूबी कांग्रेस की कश्ती (देखें पार्षद पद का लेखा-जोखा)

mukesh tatwal

आपत्ति के बाद कलेक्टर ने कराई री-टोटलिंग इंजीनियरिंग कॉलेज के बाहर हंगामा

उज्जैन। उज्जैन के अगले महापौर भाजपा के उम्मीदवार मुकेश टटवाल होंगे। नगर निगम का चुनाव कांग्रेस ने इस बार बेहद संजीदगी से लड़ा लेकिन खुद कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार और उनकी टीम को इस बार जिंदगीभर मलाल रहेगा कि उनकी मेहनत में थोड़ी सी कमी रह गई।

लगातार तीसरी बार उज्जैन नगर निगम में भाजपा का बोर्ड बनना तय हो गया है। हंगामा, रि-टोटलिंग, नारेबाजी के बीच आखिरकार कलेक्टर सह जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने भाजपा के महापौर प्रत्याशी मुकेश टटवाल को 736 मतों से विजय घोषित किया है।

टटवाल को कुल 1 लाख 34 हजार 94 वोट मिले है जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी महेश परमार को 1 लाख 33 हजार 358 वोट हांसिल हुए है। बहुत कम अंतर से हुई हार-जीत की वजह से उज्जैन में महापौर का चुनाव और मतगणना दोनों ही मध्यप्रदेश में चर्चाओं में आ गई है।

रविवार की शाम मतगणना समाप्त होने से ठीक पहले जब कम अंतर से भाजपा प्रत्याशी मुकेश टटवाल का पलड़ा भारी हुआ तो कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार कलेक्टर आशीष सिंह के पास बात करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं 55 वोटो से चुनाव जीता हूं, मतगणना कर रहे अधिकारियों ने गलत गणना की है। हमने 9 ईवीएम पर आपत्ति दर्ज कराई थी, उसका भी निराकरण नहीं किया गया।

कलेक्टर का कहना था कि हर राउंड के बाद प्रत्याशियों ने खुद ही प्रत्येक राउंड के रिजल्ट पर सिग्नेचर किए है। इस दौरान काफी जद्दोजहद की स्थिति बन गई। महेश परमार कलेक्टर से बात कर रहे थे, इसी दौरान बाहर खड़े भाजपा नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं का खेमा भी यहीं खड़ा था। इन्होंने भी जवाबी नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों को बीच बचाव करना पड़ा। नारेबाजी-आपत्ति के माहौल के बीच कलेक्टर ने अधिकृत घोषणा रोक दी। इस बीच कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार की ओर से रि-काउंटिंग के लिए विधिवत आवेदन दिया गया। कलेक्टर ने रि-काउंटिंग की मांग को स्वीकार कर लिया।

काउंटिंग का आरंभ ही विवाद से

सुबह करीब 9 बजे मतगणना हॉल में प्रवेश से पत्रकारों को प्रवेश देने से रोक दिया गया। जनसंपर्क विभाग द्वारा जिन पत्रकारों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया। इस पर पत्रकारों ने इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर ही विरोध शुरू कर दिया। एडीएम संतोष टेगौर और एएसपी डा. इंद्रजीत बाकलवार ने पत्रकारों से बात की और उन्हें मीडिया सेंटर में बैठाया।

भाजपा की शुरूआत ही जीत से

सुबह 9 बजे सबसे पहले कक्ष क्रमांक 3 में डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई। कुल 355 डाक मतपत्र आए थे। डाक मतपत्र में भाजपा के महापौर प्रत्याशी मुकेश टटवाल को 250 और कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार को 105 मत प्राप्त हुए।

7 साल में कम हुई भाजपा की लीड

2022 के चुनाव के मुकाबले देखे तो शहर में मतदाताओं की संख्या तो बढ़ी लेकिन भाजपा के वोट कम हो गए। 2015 में हुए नगर निगम के चुनाव में भाजपा की मीना जूनवाल ने कांग्रेस की कविता गोमे को 24 हजार वोट से हराया था। भाजपा की मीना जोनवाल 24,153 मतों से विजयी घोषित हुईं थी। उन्हें 1 लाख 34 हजार 976 वोट मिले, जबकि कांग्रेस की कविता गोमे को 1 लाख 10 हजार 837 वोट मिले थे।

43 साल में 16 साल रहा भाजपा का कब्जा, फिर मिले 5 साल

उज्जैन नगर निगम में अब तक 9 महापौर रहे है। मुकेश टटवाल 10 वें महापौर होंगे। 1979 से 2022 तक के 43 साल के दौरान 16 साल तक महापौर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा रहा है। फिर से भाजपा को अगले 5 साल के लिए जनता ने नगर निगम की कमान सौंपी है। 9 साल महापौर की कुर्सी कांग्रेस के पास रही। इस अवधि में 5 लोग महापौर रहे। 1980 से 1995 और 2020 से 2022 तक लगभग 16 साल नगर निगम में प्रशासक कार्यकाल रहा है।\

अब तक उज्जैन के महापौर

  • राधेश्याम उपाध्याय 12 अक्टूबर 1979 से 9 मई 1980
  • इंदिरा त्रिवेदी 5 जनवरी 1995 से 17 फरवरी 1996
  • प्रेमनारायण यादव 17 फरवरी 1996 से 23 मार्च 1996
  • अंजु भार्गव 23 मार्च 1996 से 17 जून 1999
  • शीला क्षत्रिय 18 जून 1999 से 4 जनवरी 2000
  • मदनलाल ललावत 27 जून 2000 से 26 जून 2005
  • सोनी मेहर 9 अगस्त 2005 से 8 अगस्त 2010
  • रामेश्वर अखंड 18 अगस्त 2010 से 11 अगस्त 2015
  • मीना जोनवाल 4 सितंबर 2015 से 3 सितंबर 2020

…..और अब

  • मुकेश टटवाल अगले 5 साल महापौर रहेंगे।

भाजपा ने जीते 37 वार्ड, कांग्रेस ने 17

नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए भले ही कांग्रेस कड़ी टक्कर देने की स्थिति में रही लेकिन पार्षदों के मामले में भाजपा इससे कही आगे थी और इस बार भी आगे रही।

3 वोट से हारे चुनाव

वार्ड नंबर 8 में चुनावी मुकाबला सबसे रोचक रहा है। इस वार्ड में भाजपा के उम्मीदवार गजेंद्र हिरवे को 1 हजार 576 वोट हांसिल हुए। प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार राकेश गिरजे को 1 हजार 573 वोट मिले। कांग्रेस के राकेश गिरजे महज 3 वोट से पार्षद का चुनाव हार गए है।

उत्तर के विधायक और दावेदार, घर का वार्ड ही हारे

उज्जैन में भाजपा में पूर्व विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल बड़ा नाम है। पार्षद प्रत्याशियों के टिकट वितरण में भी जगदीश अग्रवाल की खूब चली। उनके गृह क्षेत्र के वार्ड नंबर 19 में ही भाजपा प्रत्याशी की बुरी तरह हार हुई है। जगदीश अग्रवाल के गृह वार्ड से कांग्रेस की उम्मीवार पूनम जायसवाल को 2 हजार 13 वोट मिले जबकि भाजपा की उम्मीदवार रजनी नरवरिया को महज 906 वोट ही हांसिल हुए। इस वार्ड से भाजपा 1 हजार 107 वोट से हारी है।

पार्षद चुनाव के लिहाज से यह बड़ी हार है। ठीक यही स्थिति टिकिट वितरण में प्रभावशाली भूमिका रखने वाले अनिल जैन कालूहेड़ा के गृह वार्ड की भी है। नयापुरा वार्ड नंबर 9 में कांग्रेस उम्मीदवार सपना सांखला को 2556 वोट हांसिल हुए। भाजपा के गजेंद्र सकलेचा को महज 1899 वोट हांसिल हुए।

इस वार्ड से भाजपा उम्मीदवार 657 वोट से पराजित हुए है। कालूहेड़ा का पैतृक निवास नयापुरा में ही है। वार्ड 18 विधायक पारस जैन के निवास वाला वार्ड है। यहां भी कांग्रेस के रवि राय ने भाजपा के विधायक समर्थक राजेश बोराना को पराजित किया है।

पार्षद पद का लेखा-जोखा

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