‘कलावती’ के हाथ सदन की कमान, कांग्रेस में सेंधमारी

कलावती

नई नगर निगम अध्यक्ष का भाजपा कार्यालय पर भव्य स्वागत

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में अध्यक्ष के पद पर छटवीं बार की पार्षद कलावती यादव आसीन हो गई है। कलावती उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव की बड़ी बहन है। भाजपा पार्षद दल में 7 सीनियर पार्षद अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन उच्चशिक्षा मंत्री के उच्च स्तर के संबंधो का कलावती यादव को लाभ मिला। सीधे भोपाल से उनका नाम तय किया गया।

अध्यक्ष पद का चुनाव भी रोचक रहा है। कांग्रेस पार्षद दल में 17 सदस्य है लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राजेंद्र गब्बर कुवाल को 16 ही वोट मिले, कांग्रेसी खेमे में किसी एक पार्षद ने पार्टी के साथ बगावत की है।

शनिवार सुबह 10 बजे पीठासीन अधिकारी के रूप में कलेक्टर आशीषसिंह ने नगर निगम की नई परिषद के पहले सम्मेलन की शुरूआत करवाई। कांग्रेस पार्षद दल के 17 सदस्यों को कलेक्टर द्वारा शपथ दिलाई गई। भाजपा पार्षद दल के सदस्य और महापौर मुकेश टटवाल शुक्रवार को ही कालिदास अकादमी परिसर के हॉल में शपथ ग्रहण कर चुके थे।

पार्षदों की शपथ के बाद नगर निगम अध्यक्ष और अपील समिति के 4 सदस्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की शुरूआत की गई। दोपहर 12 बजे तक नामांकन दाखिल हुए। कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए राजेंद्र गब्बर कुवाल और भाजपा की ओर से कलावती यादव ने नामांकन दाखिल किया। अपील समिति सदस्य के 4 पदों के लिए केवल 4 ही नामांकन दाखिल हुए। अपील समिति के लिए भाजपा और कांग्रेस पार्षद दल में आपसी सहमति बन गई थी। 3 पद भाजपा के खाते में गए जबकि एक पद कांग्रेस पार्षद दल को मिला।

दोपहर 1.30 बजे से कलेक्टर सह पीठासीन अधिकारी आशीष सिंह ने मतदान शुरू कराया। 54 पार्षद और महापौर सहित कुल 55 वोट डालने में लगभग 50 मिनिट का समय लगा। मतदान के तत्काल बाद ही मतों की गणना आरंभ कर दी गई और महज 15 मिनिट बाद ही कलावती यादव को अध्यक्ष के रूप में विजयी घोषित कर दिया गया।

भोपाल से सुबह नगर अध्यक्ष के पास आया मैसेज

भाजपा के कुल 37 पार्षदों में से 7 पार्षद अध्यक्ष पद की दौड़ मेँ शामिल थे। शहर के लिए भाजपा संगठन द्वारा तय किए गए पर्यवेक्षक और मप्र हाउसिंग बोर्ड के चेयरमेन आशुतोष तिवारी ने सभी पार्षदों की राय लेकर प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। शुक्रवार शाम तक भी अध्यक्ष पद को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी। एक रात पहले तक भी कलावती यादव और शिवेंद्र तिवारी के नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल थे।

शनिवार सुबह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा का नगर अध्यक्ष विवेक जोशी के पास मैसेज आया। प्रदेश संगठन द्वारा अध्यक्ष पद के लिए कलावती यादव का नाम तय किया गया। जोशी ने लोकशक्ति कार्यालय पर सभी पार्षदों को प्रदेश संगठन के फैसले से अवगत कराया, इसके बाद महापौर मुकेश टटवाल खुद अपनी कार में कलावती यादव को साथ लेकर नगर निगम पहुंचे।

कांग्रेसी खेमे में कम हुआ एक वोट

भाजपा पार्षद दल में 37 सदस्य है, महापौर मुकेश टटवाल ने भी अध्यक्ष पद के लिए मतदान किया लिहाजा भाजपा प्रत्याशी कलावती यादव को कुल 38 वोट मिलने थे लेकिन उन्हें 39 वोट मिले। कांग्रेस पार्षद दल में 17 सदस्य है लेकिन कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राजेंद्र गब्बर कुवाल को 16 वोट मिले। साफ जाहिर है कि कांग्रेस पार्षद के किसी एक सदस्य ने गब्बर कुवाल के बजाए भाजपा पार्षद दल की उम्मीदवार कलावती यादव को वोट दिया है। कुल पड़े 55 वोटो में से कोई वोट निरस्त नहीं हुआ।

27 साल से नहीं हुए अपील समिति के चुनाव

नगर निगम के इतिहास में पिछले 27 साल से अपील समिति सदस्य पदों के लिए चुनाव नहीं हुए है। अपील समिति के सदस्य पदों के लिए लगातार पांचवी बार आपसी सहमति से ही चुनाव कर लिया गया है। नगर पालिका निगम अधिनियम में अपील समिति काफी ताकतवर होती है। इसे राजस्व बोर्ड के समान ताकत हांसिल है।

शहरी क्षेत्र में यदि कहीं भी कोई नागरिक नगर निगम या निगम अधिकारी के किसी फैसले से अंसुष्ट है तो वह अपील समिति के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है, यह एक तरह की न्यायालयीन प्रक्रिया के समान है। अपील समिति के सदस्य पदों के चुनाव की प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव जैसी ही जटिल होती है, यहीं वजह है कि अमूमन पार्षद चुनाव प्रक्रिया से बचते है।

चुनाव की नौबत आती तो वोटों की गणना की प्रक्रिया भी काफी जटिल होती, गणना के लिए एक्सपर्ट के रूप में रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री पी.एल. टटवाल को नगर निगम में बुलाया गया था, हालांकि इसकी नौबत नहीं आई। भाजपाई खेमे से पंकज चौधरी, नीलम राजा कालरा और गजेंद्र हिरवे व कांग्रेसी खेमे से पूनम मोहित जायसवाल को अपील समिति में निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। नगर निगम में पिछली बार 1995 में अपील समिति सदस्य पदों के लिए वोटिंग की नौबत आई थी।

बुर्के पर योगेश्वरी की आपत्ति

निगम अध्यक्ष पद के लिए जैसे ही मतदान की शुरूआत हुई, भाजपा पार्षद योगेश्वरी राठौर ने कांग्रेसी खेमे की दो महिला पार्षदों के बुर्के पर आपत्ति ले ली। योगेश्वरी राठौर का कहना था कि इनकी पहचान सुनिश्चित की जाए, कहीं ऐसा तो नहीं कि बुर्के की आड़ में पार्षदों की जगह कोई और मतदान कर जाए। कलेक्टर ने इस आपत्ति को तत्काल खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सदन में जितने सदस्य आए है, सभी की आईडी पहले ही जांची जा चुकी है।

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