मजदूर ने 56 हजार में बेची थी
धार, अग्निपथ। चिटनिस चौक स्थित मकान की खुदाई से मिली सोने की गिन्नियों का चौक में जिस मकान की खुदाई में सोने की गिन्नियां मिलने के बाद मजदूरों ने आपस में बंटवारा कर लिया था। उसमें से एक गिन्नी बाजार में भी बेची गई थी। पुलिस पूछताछ में मजदूर ने राजवाड़ा के सुनार का नाम बताया था। जिसे पुलिस ने नोटिस देकर कोतवाली हाजिर होने के लिए कहा था।
पुलिस के अनुसार शुक्रवार को व्यापारी साकेत अग्रवाल कोतवाली पहुंचा और मामले की जानकारी पुलिस को दी है। पूछताछ में अग्रवाल ने कबूला है कि मजदूर ने यह गिन्नी 56 हजार रुपए में बेची थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने सोने की गिन्नी की बंदरबांट करने के मामले में अग्रवाल को भी आरोपी बनाया है।
दरअसल धार पुलिस ने 27 अगस्त को प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया था कि चिटनिस चौक स्थित शिवनारायण राठौड़ के घर की खुदाई के दौरान मजदूरों को सोने की गिन्नियां मिली थी। इन गिन्नियों को मजदूरों ने आपस में बांट लिया था। जब पुलिस को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने आठ मजदूरों को पकडकऱ पूछताछ की। इसमें सुरेश पिता रमेश, सोहन पिता गंभीर सिंह, बर्मा पिता रामा, सोहन पिता दितीया, दिनेश पिता तेरसिंह, मनीष उर्फ कटिया पिता रामा, जितेंद्र पिता मोहन को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने इनके पास से 86 सोने की गिन्नियों सहित टूटी हुई सोने की चेन, बिस्किट नुमा सोने का टुकड़ा बरामद किया था। इसकी कीमत 1 करोड़ से अधिक आंकी गई थी।
जयपुर घराने के वक्त की है गिन्नियां
इन गिन्नियों के पुरातत्विक महत्व को जानने के लिए कोतवाली पुलिस ने पुतरात्व विभाग को भी पत्र लिया था। इस पर पुरातत्व विभाग इंदौर की टीम ने धार आकर गिन्नियों की जांच की। लेकिन अभी विभाग की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने इसमें अपनी जानकारी पुलिस से साझा की थी। इसमें पता चला था कि इस तरह की गिन्नियां जयपुर राजघराने द्वारा 14वीं से 18वीं शताब्दी के बीच इस्तेमाल की जाती थी।
इसमें मुगल शासकों के भी नाम है। गिन्नी के पीछे पेड़ की आकृति से गिन्नी की पहचान करने में मदद मिली थी। हालांकि इसमें अभी पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार सटिक जानकारी सामने आएगी।
थाने में लौटाई
मजदूर मेरे पास आया था ओर मैंने गिन्नी की कीमत 56 हजार बताई थी। मेरे पास आये मजदूर को 20 हजार रुपए देकर कहा था कि इसे चेक करना के बाद तुम्हे बताऊंगा उसके बाद में देश के बाहर चले गया था। आने पर पता चला और पुलिस का नोटिस मिला है तो में ने तुरंत गिन्नी पुलिस थाने जाकर सौंप दी है।अगर मुझे गिन्नी की जानकारी होती में उसे नही लेता।
साकेत अग्रवाल, दुकान खरीददार