अखिल भारतीय 2022: लोकगीत और लोकनृत्य से गुंजायमान रहा प्रतिकल्पा का मंच

लोकगीत और लोकनृत्य

भारत के विभिन्न प्रांतों के लोकगीत एवं लोक नृत्य की हुई प्रस्तुतियां

उज्जैन, अग्निपथ। भारतीय लोकगीत और लोकनृत्य की मधुरता और उसकी आत्मा से युवाओं और नई पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य, इन कलाओं के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से संजा लोकोत्सव के अंतर्गत सामूहिक लोकगीत, सामूहिक लोकनृत्य एवं एकल लोकनृत्य की प्रतियोगिता का आयोजन 21 सितंबर को कालिदास अकादमी के संकुल हाल में किया गया।

अतिथि के रूप में कलावती यादव सभापति उज्जैन नगर पालिका निगम, डॉ. सतिन्दर कौर सलूजा वरिष्ठ समाजसेवी उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत संस्था निदेशक डॉ. शिव चौरसिया, डॉ. पल्लवी किशन, संस्था सचिव कुमार किशन, डॉ पुष्पा चौरसिया, रोहित सामदानी, विजय भागचंदानी ने किया।

संस्था सचिव कुमार किशन ने बताया कि प्रात: 11 बजे से आरंभ सामूहिक लोकगीत, सामूहिक लोक नृत्य एवं एकल लोक नृत्य प्रतियोगिता आरंभ हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में स्कूलों बच्चों, नृत्य संस्थाओं एवं ग्रामीणों मंडलियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न प्रांतों मालवा, राजस्थान, असम, महाराष्ट्र, बंगाल, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि के लोकगीत एवं लोक नृत्य की प्रस्तुतियां प्रस्तुत हुई।

इस अवसर पर निर्णायक के रूप में सुचित्रा पंडित, उज्जवला दुबे एवं नृत्य में संजय महाजन बड़वाह, सीमा शर्मा नागदा एवं तरुणा जोशी थे। संचालन लोकेश सिंह तोमर ने किया। प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा संजा लोकोत्सव के समापन कार्यक्रम में 25 सितंबर की शाम 7 बजे की जाएगी।

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