उखड़ी सडक़ पर दुर्घटनाएं बड़ी, पांच दिनों में तीन हादसे, दो की मौत

बदनावर, अग्निपथ। वर्षाकाल में सडक़ से डामर उखडक़र गिटटी उडऩा, बड़े गड्ढों में पानी भरा रहना, चकाचक सडक़ पर भी वाहन हिचकोले खाकर चलना, मरम्मत दौरान धीमी गति से कार्य कर एक मार्ग पर ही वाहनों की आवाजाही चालू रखना। ये हाल है करोड़ों रूपए की लागत से निर्मित फोरलेन मार्ग का।

हम बात कर रहे हैं लेबड़ से नयागांव फोरलेन की। इन सब समस्याओं के बीच दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती है। पिछले पांच दिनों में तीन दुर्घटनाएं घटी जिनमें दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इन हादसों में तीन लोग घायल भी हो गए। रविवार रात मनावर के अनिल जैन की ग्राम सनोली फांटे के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

जबकि शुक्रवार रात रिटोड़ा फांटे के पास एक वाहन की टक्कर से बाइक सवार युवक ने दम तोड़ दिया तथा दो लोग घायल हो गए। घटना स्थल से करीब तीन किमी दूर छोकला में बाइक सवार फोरलेन पर गिर गया जिसे चोंटे आई। इनमें कुछ दुर्घटनाएं एक लेन पर ट्राफिक डायवर्ट करने के दौरान घटी। वर्तमान में छोकलां से कानवन की ओर एक लेन को बंद कर सडक़ की मरम्मत की जा रही है।

साल 1905 में अंग्रेज सरकार ने महू छावनी को नीमच छावनी से जोडऩे के लिए महू-नीमच राज्य मार्ग का निर्माण एक ब्रिटिश कंपनी से करवाया था। उच्च गुणवत्ता के साथ इस मार्ग का निर्माण किया था। इसके अंतर्गत आने वाली पुलियाएं इतनी मजबूत थी कि 100 साल तक उन पर निर्बाध आवागमन होता रहा। 90 के दशक में यातायात का दबाव बढऩे से मार्ग उखडऩा शुरू हो गया था और बड़े बड़े गडढे होने के कारण प्रदेश स्तर पर यह कुख्यात हो गया।

तब 2008 में फोरलेन स्वीकृत होकर इसका कार्य करीब 1100 करोड़ की लागत से जावरा से लेबड़ तक बनाया गया था। साल 2009 में फोरलेन चकाचक बनकर तैयार हो गया था जिस पर निर्बाध रूप से मल्टी एक्सल वाहन भी चलने लगे थे। मार्ग पर टोल टेक्स की वसूली के लिए बदनावर के ग्राम बोराली में टोल प्लाजा बनाया गया जबकि करीब 30 किमी दूर रतलाम के बिलपांक में दूसरा टोल प्लाजा है।

शुरूआती वर्षो में तो सब कुछ ठीक ठाक से सफर आसान रहा है किंतु दो तीन वर्ष बीतने के बाद सडक़ी पोल वर्षाकाल के दौरान खुलने लगी है।

कहीं कहीं उखड़ रही है सडक़

फोरलेन पर बदनावर से करीब 10 किमी की दूरी पर टोल प्लाजा स्थित है जहां प्रतिदिन करीब सात हजार वाहन गुजरते है जिनसे 24 घंटे में करीब 15 से 20 लाख रूपए तक की टोल वसूली होती है। इसी टोल प्लाजा के दस-दस किमी आजू बाजे में सडक़ उखड़ रही है।

फिलहाल रिटोड़ा फांटा, खण्डीगारा के आसपास, सनोली फांटे के पास, नागदा जैन टी होटल के पास सडक़ पर गडढे हो रहे है जो वर्षाकाल के है। हालाकि कंपनी ने उस दौरान मरम्मत की लेकिन वर्षा होने पर सडक़ संधारण की गति धीमी रही। कहीं कहीं सडक़ से जगह जगह डामर उखडक़र गिटटी बाहर आ गई और धूल उडने लगी।

वाहनों की गति पर भी उखड़ी सडकों से अंकुश लग गया और खासकर मल्टी एक्सल वाहनों को अधिक परेशानी उठाना पड़ रही है। तथा दुर्घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है।

एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक एसके मनवानी ने को बताया कि वर्षाकाल के बाद सडक़ संधारण का कार्य कंपनी द्वारा किया जा रहा है। शीघ्र ही सडक़ सुंधार के निर्देश दिए गए हैं।

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