सम्मेद शिखर और रोहिशाला में तोडफ़ोड़ के विरोध में सडक़ पर उतरा जैन समाज

खाचरौद, अग्निपथ। झारखंड सरकार द्वारा अविवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी जो 20 तीर्थंकरों की पावन भूमि हे को पर्यटन स्थल बनाने की अधिसूचना जारी कर प्रस्ताव पारित किये जाने के विरोध में रविवार को सकल जैन समाज सडक़ पर उतर आया। पुरुष , महिलाएं और बच्चे नारेबाजी करते हुए लिमडावास स्थित जैन पौषधशाला से विशाल आक्रोश रैली के रूप में पुराने पुलिस थाने पर पहुंचे। जहां पर राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, र्झारखंड व गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी पुरुषोत्तम कुमार को सौंप।

अधिसूचना पर आपत्ति दर्ज करा कर इसमें संशोधन करने की व पवित्र पालीताणा तीर्थ पर अराजक तत्वों द्वारा शांति को खत्म करने हेतु और अपना कब्जा जमाने की कोशिश करने व तोडफ़ोड़ करने तथा आदिनाथ भगवान के पगलिया जी को खंडित करने के विरोध में कार्यवाही करने की मांग की है। पारसनाथ पर्वत जैन धर्म का पवित्र धर्म स्थल माना जाता है । जहां दुनियाभर से जैन तीर्थ यात्री नियमित रूप से आते हैं, अनादि काल से शाश्वत जैन सिद्ध क्षेत्र को वन्य जीवन अभयारण्य घोषित कर इसके मात्र एक भाग में तीर्थ स्थल लिखने से और सम्मेद शिखर या 20 जैन तीर्थंकरों की मोक्ष स्थली ना लिखने और माना जाता है लिखकर तीर्थ की प्राचीन स्वतंत्र पहचान नष्ट करने का जो निंदनीय प्रयास किया जा रहा है, उससे देश विदेश के समग्र जैन समाज की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची हे ,इसी का परिणाम है की देशभर में समग्र जैन समाज पावन तीर्थ को बचाने के लिए एक स्वर में सडक़ों पर उतर आया हे।

पारसनाथ पर्वत राज और मधुबन को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसेटिव जोन में घोषित कर पारसनाथ पर्वत को वन्य जीवन अभयारण्य एक भाग लिखकर प्राचीन जैन तीर्थ की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 2 अगस्त 2019 से बाहर किये जाने व सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत राज और मधुबन को मांस मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाने, वंदना मार्ग को अतिक्रमण युक्त करने, अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर ,यात्री सामान जांच के लिए स्केनर सहित पर्वत के आरंभ में और शीतल नाला पर चेकपोस्ट और पर्वत पर सोलर लाइट और शुद्ध जल व्यवस्था आदि सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में बताया अधिसूचना पर मात्र 130 सुझाव व आपत्तियां मंत्रालय को आई है जिसमें एक भी जैन की आपत्ति क्यों नहीं है।
सकल जैन समाज की ओर से मूर्तिपूजक श्री संघ के अध्यक्ष माणक लाल नादेचा,दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष व पूर्व नगर पालिका अध्य्क्ष विजय सेठी, स्थानकवासी जैन श्री संघ के अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा, युवक महासंघ के अध्यक्ष झमक लाल बरखेड़ा वाला सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के महिला पुरुष एवं बच्चे उपस्थित थे ।

आक्रोश रैली को संतोष बरखेड़ा वाला, दिलीप छाजेड़, विजय सेठी, झमक लाल बरखेड़ा वाला, माणकलाल नांदेचा पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत व नगरपालिका अध्यक्ष गोविंद भरावा ने भी संबोधित किया। रैली का संचालन प्रशांत सुराना ने किया। आभार अमित सेठी ने माना। ज्ञापन का वाचन रविंद्र बरखेड़ा वाला व सुरेश छाजेड़ द्वारा किया गया।

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