नगर पालिका चुनाव: जमीनी स्तर पर पैठ वाले कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा टिकट

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कांग्रेस, भाजपा को बागियों का डर, भाजपा में प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा

धार, (आशीष यादव) अग्निपथ। जैसे जैसे नगरीय चुनाव की तारीख नज़दीक आती जा रही है वैसे ही शहर व जिले ने नगरपालिका की दावेदारी करने वालों की लाइन भी लम्बी होती जा रही है। हर कोई पार्षद बने के सपने संजो रहा है। चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां चरम पर है। राजनीतिक पार्टियों में बैठक और रायशुमारी का दौर शुरु भी हो गया है। वही टिकट के दावेदार राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों पर डेरा डाले हुए है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के पदाधिकारियों ने चुनाव को लेकर रणनीतियां बनाना शुरु कर दी है। भाजपा में उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से सहमति बनना पार्टी के लिए चुनौती होगा, वही कांग्रेस चुनाव लड़ाने के लिए जीताओं उम्मीद्वारों की तलाश कर रही है। कांग्रेस ने इसके लिए तैयारियां भी शुरु कर दी। कांग्रेस कार्यालय पर नगर पालिका चुनाव को लेकर पिछले दिनों प्रभारी देपालपुर विधायक विशाल पटेल ने रायशुमारी कर पार्षद का चुनाव लडने वालों के फॉर्म मांगे है।

भाजपा की ओर से हर वार्ड 5 से अधिक नाम होने से पार्टी मजबूत दावेदारों को टिकट दे सकती है, जिसको लेकर आगामी दिनों में बैठक आयोजित कर पार्टी चुनाव लडने वालों के नाम मांग सकती है। जीत सकने वाले उम्मीदवारों को उतराने के मुड में कांग्रेस नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस तैयारियों को लेकर भाजपा से आगे चल रही है, पार्टी में लगातार बैठकों का दौर जारी है, नेताओ ने मैदानी स्तर पर भी सक्रियता बढा दी है।

कांग्रेस इस बार जीताओं के साथ मजबूत उम्मीदवारों पर दांव लगाने के मुड में है, जिसको लेकर पैनलों में नाम लिए जा रहे है। कांग्रेस ने बागियों को साधने के लिए रणनीति तैयार की है।

भाजपा को बागियों का डर

नगर पालिका चुनाव में भाजपा के लिए इस बार टिकट बंटवारा आसान नही होगा, शहर के कई वार्डो से 5 से अधिक नाम होने से पार्टी को मजबूत दावेदार चुनना होगा, जिससे कई प्रत्याशी बागी हो जाएगें, जिन्हें मनाना पार्टी के लिए चुनौती होगा। सूत्रों की माने तो सत्ता और संगठन ने अपनी-अपनी पसंद के पार्षद चेहरों को टिकट दिलवाने के लिए लॉबिंग शुरु कर दी है। भाजपा कई प्रत्याशी ऐसे भी जो 10 से 15 सालों से पार्षदी लडने के मुड में है, लेकिन टिकट नही मिलने से पार्टी के लिए कार्य कर रहे है। भाजपा चुनाव को लेकर एक दो दिनों में बडी बैठक भी कर सकती है।

दमदार होगी इस बार की पार्षदी

चुनावों में चुनकर आने वाले पार्षद अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला करेंगे। इस बार की पार्षदी वर्चस्व वाली होने वाली है, चुनावो में जीतकर आए पार्षदो की पुछ परख बढेंगी। दोनों की पार्टियों को जीते हुए पार्षदों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए और पार्टी के अध्यक्ष उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने के लिए अपने पार्षदों को एकजुट कर रखना होगा। वही इस बार निर्वाचन में बदलाव पार्टियां जीतवा उम्मीदवार को ही टिकट देने वे विचार में है।

कांग्रेस का बूथ पर फोकस

भितरघात रोकने के लिए कांग्रेसी इस बार नई रणनीति पर काम कर रही है। वह प्रबंधन के साथ एक निगरानी समिति बनाने की बात कही जा रही है जो भितरघात जैसे मामले पर निगरानी और रोकथाम के लिए काम करेगी। खास तौर पर धार और पीथमपुर में कांग्रेसी फोकस करने की बात कर रही है। इन दोनों ही नगर पालिकाओं में इन समितियों के माध्यम से हर वार्ड में निगरानी होगी, लेकिन यह कितनी सफल हो पाती है। इसका खुलासा 23 जनवरी को मतगणना के परिणाम ही बता पाएंगे।

सत्ता-संगठन और टिकट बंटवारा

कांग्रेस की सूची दो चार दिन में आने की संभावना है। जबकि भाजपा के लिए इस बार टिकट वितरण काफी पेचीदा नजर आ रहा है। इसकी वजह यह है कि सत्ता और संगठन के बीच सामंजस्य बनाकर जिताऊ उम्मीदवारों को टिकट देना और फिर चुनाव जिताना अपने आपमें चुनौती है। वही टिकट की दौड़ से बाहर होने वाले दावेदारों को अधिकृत उम्मीदवारों को भी भाजपा के पक्ष में काम करवा पाने के लिए भाजपा को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा।

नगर पालिका चुनाव को लेकर एक-दो दिन में सूची जारी हो जाएगी इसबार जमीनी स्तर पर पेठ रखने वाले कार्यकर्ताओं को ही इस बार टिकट दिया जाएगा।

– राजीव यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष, धार

बैठक में कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि टिकट किसे भी मिले, पूरी टीम उसके लिए काम करेंगी। वही नगरपालिका में जमीनीस्तर के कार्यकताओं को ही टिकट दिया जायेगा

– बालमुकुंदसिंह गौतम, कांग्रेस जिला अध्यक्ष, धार

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