श्रवण, चिंतन और मनन ये तीन शब्द आपकी जिंदगी बदल देंगे : जया किशोरी

नागदा, अग्निपथ। श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्री जया किशोरी ने 24 अवतार माता अनुसूया की कथा वराह अवतार की कथा व शिव पार्वती विवाह का वर्णन सुनाया।

प्रवाचन के अंतर्गत जिस व्यक्ति का स्वयं के दिमाग पर नियंत्रण है, वह दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है यह बात युवाओं की आइकन मोटिवेशनल स्पीकर और भागवताचार्य सुश्री जया किशोरी ने वारकों सिटी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कही दूसरे दिन की कथा रघुकुल सा घराना हो चरण हो राघव के जहां मेरा ठिकाना हो भक्ति गीत से शुरू की।

इसके बाद कथा सुनाते हुए कहा कि दक्षिण भारत की सुभद्रा नदी के तट पर एक नगर में आत्म देव नामक एक व्यक्ति रहता था जो सभी वेदों में पारंगत था। उसकी पत्नी का नाम धुंधली था, धुंधली झगड़ालू थी। घर में सब प्रकार का सुख था, लेकिन वह व्यक्ति अपनी पत्नी से तो दुखी था ही साथ ही साथ उसे कोई संतान का सुख भी नहीं था । वह चिंता में रहता था कि उम्र निकल गई तो फिर संतान का सुख देखने को नहीं मिलेगा। यह सब सोचकर उसने बड़े दुखी मन से अपने प्राण त्यागने के लिए वह वन चला गया। वन में एक तालाब में कूदने ही वाला था कि एक संयासी ने पीछे से पकड़ लिया और कारण पूछा इस पर आत्म देव ने कहा ऋषिवर मैं संतान के लिए इतना दुखी हो गया हूं कि मुझे अपना जीवन असफल लगता है मैंने जिस गांय को पाल रखा है वह भी बांझ है। इस पर संत कहते हैं कि तुम यह फल लो और इसे अपनी पत्नी को खिला देना इससे उसको एक पुत्र होगा हाथ में देव फल अपनी पत्नी को देते हैं इस पर वह काफी तर्क कुतर्क करती है। रामदेव के कहने पर वह फल रख लेती है पर खाती नहीं है।

एक दिन उसकी बहन उसके घर आती है जिसे वह सारा किस्सा सुनाती है बहन उससे कहती है कि मेरे पेट में बच्चा है प्रसव होने पर वह बालक में तुम्हें दे दूंगी तब तक तुम्हारे तुम हमारे घर चल के रहो और बता दो कि बच्चा वही होगा और तू यह फल गाय को खिला दे आत्म देव की पत्नी अपनी बहन की बात मानकर ऐसा ही करती है उस पल को वह गाय की टोकरी में डाल देती है 9 महीने बाद बहन को बच्चा होने पर वह उसे ढूंढ ली को दे दिया पुत्र हुआ यह सुनकर आत्मदेव को बड़ा आनंद हुआ धुंधली ने अपने बच्चे का नाम धूंदकारी रखा उधर गाय को भी बच्चा हुआ लेकिन वह मनुष्य जैसा ही था पर उसके कान गाय जैसे थे इसलिए उसका नाम गोकर्ण रखा गोकर्ण बड़ा होकर विद्वान पंडित और ज्ञानी निकलता है जबकि धुंधकारी दुष्ट नशेड़ी और विरोधी चोर व्यभिचारी निकलता है बाद में धुंधली को धुंधकारी सताने लगता है और वह आत्महत्या कर लेती है इसके कारण धुंधकारी के मुख में दहकते अंगारे डालकर उसकी हत्या कर दी जाती है

सुनाई भगवान के 24 अवतारों की कथा

इसके बाद श्रीमद्भागवत में भगवान के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए कहा कि यह एक ऐसा ग्रंथ है जिसके भगवान के सभी अवतारों का वर्णन है इसके बाद ही की कथा में अश्वत्थामा द्वारा पांडवों के पांच पुत्रों की हत्या करना दुर्योधन की मृत्यु पांडवों द्वारा अश्वत्थामा को अपमानित करते हुए अपने मस्तक से मणि निकालने उसे बालों को काट दिया जाता है किशोरी जी ने आगे की कथा में बताया कि अपमान का बदला लेने अश्वत्थामा उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे पर मात्र से हमला कर देते हैं गर्भ में जाकर सुरक्षा घेरा बना देते हैं इसके बाद परीक्षित का जन्म कलयुग का प्रवेश राजा परीक्षित द्वारा आक्रोशित होकर मरे हुए सांप को गले में डालना और उनके पुत्र द्वारा राजा परीक्षित को श्राप देना कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग के काटने से आपकी मृत्यु हो जाएगी।2 फरवरी गुरुवार को आयोजित होने वाली कथा के लाभार्थी के मुखी लाभार्थी मोहनलाल जी पोरवाल मंडावर वाला परिवार मोहन ट्रेडर्स नागदा रहे जी मैं समिति के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पोरवाल के सुपुत्र राहुल पोरवाल का जन्मदिन मना कर बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की।

सुबह की आरती में विश्व हिंदू परिषद दुर्गा वाहिनी की मानसी उपाध्याय हिमांशी उपाध्याय दीपांश दीपांशु उपाध्याय प्रियांशु सेन माया खंडेलवाल सपना वर्मा संगीता सिसोदिया सीमा तिवारी राष्ट्रीय सेविका समिति आरएसएस की पूनम जी बहल रूपा बैरागी मंजू उदेनिया अवंती कुशवाहा अर्चना वर्मा आदि सम्मिलित हुई।

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