गृह निर्माण समिति से 40 साल बाद बुजुर्ग को मिला न्याय

जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन द्वारा ऐतिहासिक निर्णय पारित

उज्जैन, अग्निपथ। गृह निर्माण समिति से 40 साल बाद बुजुर्ग को न्याय मिला है। जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन द्वारा ऐतिहासिक निर्णय पारित करते हुए बुजुर्ग को उसका अधिकार दिलाया।

परिवादी की और से पैरवी करने वाले एडवोकेट यशवंत अग्निहोत्री ने बताया कि इंद्रपुरी सेठी नगर निवासी जितेंद्र कुमार शर्मा द्वारा अवंतिका कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या उज्जैन से वर्ष 1979 में एक भूखंड 40 बाय 60 का बुक करवाया गया था, जिस हेतु श्री शर्मा द्वारा संस्था की मांग अनुसार तत्कालीन समय उक्त भूखंड की संपूर्ण राशि संस्था में जमा कर दी गई थी। इसके पश्चात संस्था द्वारा जितेंद्र कुमार शर्मा के पक्ष में भूखंड क्रम भूखंड क्रमांक 868 (40 बाय 60) का आवंटित किया गया था, किंतु इसके पश्चात संस्था द्वारा श्री शर्मा के पक्ष में विक्रय पत्र का निष्पादन नहीं किया गया।

शर्मा द्वारा संस्था से कई बार मौखिक एवं लिखित रूप से निवेदन एवं सूचना पत्र दिए गए, तब भी संस्था द्वारा विक्रय पत्र के निष्पादन में लगातार टालमटोल की गई तब मजबूर होकर श्री शर्मा द्वारा तत्कालीन कलेक्टर उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर वर्ष 2010 में जनसुनवाई में भी आवेदन देना पड़ा, जिस पर उस समय जाँच के आदेश हुए किंतु कोई नतीजा नही निकला एवं श्री शर्मा को कोई राहत प्रदान नहीं हुई तो जितेंद्र कुमार शर्मा द्वारा वर्ष 2013 में मजबूर होकर अपने अभिभाषक एडवोकेट यशवंत अग्निहोत्री के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन में संस्था के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत करना पड़ा।

जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन के अध्यक्ष सुश्री जसवीर कौर सासन एवं सदस्य अतुल जैन द्वारा जितेंद्र कुमार शर्मा के परिवाद एवं परिवाद के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों का एवं संस्था की ओर से प्रस्तुत जवाब एवं शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात दिनांक 1/2/2023 को जितेंद्र कुमार शर्मा के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए विपक्षी संस्था अवंतिका कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित उज्जैन के विरुद्ध आदेश पारित किया गया कि संस्था द्वारा आवेदक के पक्ष में 30 दिवस की अवधि में विक्रय पत्र के निष्पादन हेतु उचित कार्यवाही करते हुए विक्रय पत्र का निष्पादन करें।

भूखण्ड उपलब्ध न होने की स्थिति में संस्था द्वारा आवेदक को 60 दिवस में आवेदक की कुल जमा राशि को 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से जमा दिनांक से भुगतान करें। 60 दिवस में अगर संस्था आवेदक को उक्त राशि ब्याज सहित अदा नही करती है तो संस्था को आवेदक को उसकी सम्पूर्ण जमा राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा करना होगी।

साथ ही जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन द्वारा यह भी आदेश दिया गया कि संस्था आवेदक को मानसिक त्रास हेतु 5000/- एवं परिवाद व्यय 3000/- 2 माह की अवधि में प्रथक्क से अदा करने का आदेश दिया गया है। आवेदक की और से जिला उपभोक्ता फोरम में पैरवी एडवोकेट यशवंत अग्निहोत्री द्वारा की गई थी। आवेदक जितेंद्र कुमार शर्मा द्वारा उक्त निर्णय पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मुझे जिला उपभोक्ता आयोग पर विश्वास था और यहां से उन्हें न्याय प्राप्त हुआ है, तथा इस निर्णय से इससे जनता में जागरूकता आएगी।

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