हजारों की मौजूदगी में हुआ आचार्य पद अर्पण

45 शिखर युक्त जिनालय में आज प्रतिष्ठित होंगे अभ्युदय पाश्र्वनाथ

उज्जैन, अग्निपथ। अभ्युदयपुरम गुरुकुल में चल रहे अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत शुक्रवार सुबह 10 बजे तीर्थ परिसर से प्रभु की रथ यात्रा निकली। जिसमें चांदी का रथ, बैंड बाजे हाथी, बग्गी सहित गुरु भगवंत एवं समाजजन शामिल हुए। इसके बाद राजदरबार पंडाल में चार आचार्यों कि निश्रा में उपाध्याय अचल मुक्ति सागर जी मसा का आचार्य पद अर्पण विधान हुआ। हजारों लोगों की सामें जब उन्हें यह पद प्रदान किया गया तो पंडाल जयकारों से गूंज उठा और उपस्थित साधु साधुओं ने उन्हें वास्तक्षेप किया तो लोगो ने अक्षत से वदाया। वर्षों से लोगों का जिस पल का इंतजार था शनिवार को वह घड़ी आएगी और दूधिया संगमरमर से निर्मित 45 शिखर युक्त जिनालय में प्रभु अभ्युदय पारसनाथ विधि विधान से प्रतिष्ठित होंगे।

अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल उज्जैन के भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव समिति संयोजक मफतलाल संघवी एवं मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार प्रतिष्ठाचार्य नरदेव सागर सूरी जी महाराज, आचार्य चंद्ररत्न सागर जी मसा, तीर्थ प्रेरक संस्कार यज्ञ प्रणेता डॉ. आचार्य मुक्ति सागर सुरीश्वर जी मसा, आचार्य मतिचंद्र सागर जी कि निश्रा में उपाध्याय अचल मुक्ति सागर जी मसा को आचार्य पद अर्पण किया गया।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर उपाध्याय चंद्रयश विजय जी एवं गणिवर्य आदर्श रत्न सागर जी मसा, साध्वी शीलरेखा श्रीजी, साध्वी चारुदर्शा श्रीजी, साध्वी मुक्ति रेखा श्रीजी आदि ठाणा उपस्थित रहे। नवकार महामंत्र के तृतीय आचार्य पद प्रदान करने के अवसर को देखने विभिन्न प्रदेशों से समाज जन गुरुकुल पहुंचे। शनिवार सुबह 8.30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य विधान होगा एवं नूतन मंदिर में ध्वजा अर्पित की जाएगी। इस दौरान समिति के गौतमचंद धींग, राजेंद्र मूणत, विजय सुराणा, सुभाष दुग्गड, संजय जैन खलीवाला, संजय संघवी, प्रियेश जैन, एडवोकेट चिराग बांठिया, बृजेश श्रीमाल, संतोष मेहता, पारसमल भंडारी, कुशलराज गुलेछा, अनिल शेखावत, पारस जैन, हस्तीमल संघवी, राकेश नाहटा, सुरेश चौरडीया, जितेंद्र कटारिया सहित हजारों समाजजन मौजूद रहे।

महोत्सव दौरान प्रतिष्ठा एवं 11 साल कि ध्वजा का चढ़ावा बोला गया। ध्वजा का लाभ पुणे निवासी आशा बेन ललित ललवानी परिवार तो प्रतिष्ठा का लाभ सनद चंपालाल मेहता परिवार इंदौर ने लिया। मंगल कलश स्थापना का सौभाग्य हस्तीमल छोगालाल संघवी परिवार दिल्ली को मिला। कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ में शनिवार को मूलनायक अभ्युदय पार्श्वनाथ के साथ ही 44 शिखर युक्त दहरियों में पाश्र्व प्रभु कि प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की जाएगी। के साथी अधिष्ठायक देव नाकोड़ा भैरव, पद्मावती देवी, मणिभद्र जी, लक्ष्मी जी सरस्वती देवी, पाश्र्व यक्ष आदि प्रतिमाएं भी विराजमान की जाएगी।

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