नहीं रूकेगा सिद्धांचल वीर मणि जैन मंदिर का निर्माण

हाईकोर्ट के निर्देश पर विचारण न्यायालय ने स्टे पर दिया फैसला

शाजापुर, अग्निपथ। नगर के लालघाटी क्षेत्र में निर्मित श्रीसिद्धांचल वीरमणि तीर्थधाम जैन मंदिर के निर्माण को अवैध बताकर रोक लगाने के लिए वाद दायर करने वाले आवेदनकर्ताओं की कोशिश एक बार फिर विफल साबित हो गई। मामले में उच्च न्यायालय इंदौर के बाद विचारण न्यायालय शाजापुर द्वारा स्टे के आवेदन को निरस्त कर दिया गया है।

विचारण न्यायालय ने उक्त फैसला उच्च न्यायालय इंदौर द्वारा 7 दिनों के भीतर स्टे के आवेदन का निराकरण करने हेतु दिए गए आदेश पर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि नगर के जैन समाज द्वारा लालघाटी पर भू – स्वामियों से दान में मिली भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। जिसमें 24 फरवरी से 01 मार्च के मध्य परमात्मा की भव्य प्रतिष्ठा होने वाली है। इसी बीच कुछ लोगों द्वारा उक्त भूमि को शासकीय भूमि तथा मंदिर के निर्माण को अवैध बताकर सिविल न्यायालय में निर्माण पर रोक लगाए जाने को लेकर वाद दायर किया था और निर्माण रोकने के लिए स्टे का आवेदन दिया था।

मामला न्यायालय में विचाराधीन था इसी बीच उक्त पक्ष ने ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनवाई में देरी किए जाने का हवाला देते हुए हाईकोर्ट इंदौर में एक याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई होने पर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरांत अपना मत स्पष्ट करके स्टे को अगली तारिख के लिए नहीं बढ़ाते हुए स्पष्ट निर्देशों के साथ याचिका का निराकरण कर दिया था। साथ ही मामले में ट्रायल कोर्ट को सुनवाई के निर्देश प्रदान करते हुए स्टे के आवेदन पर 7 दिनों के भीतर फैसला देने के निर्देश दिए थे।

31 जनवरी को उच्च न्यायालय से मिले उक्त आदेश के बाद विचारण न्यायालय ने नियमित सुनवाई करते हुए मामले से जुड़े समस्त दस्तावेज, तर्क व तथ्यों का सुक्ष्म अध्ययन करते हुए 6 फरवरी 2023 को अपना आदेश प्रदान कर दिया।

जिसमें विचारण न्यायालय ने आवेदनकर्ता पक्ष द्वारा मंदिर निर्माण पर रोक लगाने के लिए स्टे देने की मांग को लेकर दिए गए आवेदन को निरस्त कर दिया। जिससे मंदिर पर रोक लगाने वालों को एक बार फिर अदालत से राहत नहीं मिल सकी।

विचारण न्यायालय से स्टे के संबंध में स्पष्ट निर्णय मिलने के साथ ही मंदिर निर्माण समिति तथा जैन समाज ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में होने वाले पांच दिवसीय परमात्मा की प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर आवश्यक कार्य प्रारंभ कर दिए हैं। नगर में इस भव्य महोत्सव को लेकर उत्साह और उमंग छाई हुई है। जैन मंदिर पक्ष की ओर से मामले की पैरवी अभिभाषक महेन्द्रसिंह परमार द्वारा की गई।

नगर की नई पहचान बनेगा जैन मंदिर

जिस जैन मंदिर के निर्माण को अवैध बताकर उस पर रोक लगाने के लिए आवेदनकर्ताओं ने स्टे की मांग की थी, वह मंदिर ना केवल जैन समाज बल्कि सम्पूर्ण नगर को नई पहचान देने वाली धार्मिक धरोहर के रूप में तैयार किया गया है। जो शासन – प्रशासन से निर्धारित समस्त वैध अनुमतियों के बाद निर्मित हुआ है। इसके वैध प्रमाण अब न्यायालय के समक्ष भी उपलब्ध हो चुके हैं। मंदिर निर्माण पूर्ण हो चुका है अब तय तिथि पर परमात्मा की प्रतिष्ठा और मंदिर के शिखर पर लहराने वाली धर्मध्वजा जन आस्था बढ़ाने का काम करेगी।

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