केंद्रीय जेल के डीपीएफ घोटाला: फरार आरोपी के घर पुलिस की दबिश

मुख्य आरोपी के घर में मिले घोटाले के दस्तावेज

उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के डीपीएफ घोटाले में फरार मुख्य आरोपी के घर का ताला तोडक़र पुलिस ने तलाशी ली है। मौके सें गबन से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। वहीं जांच में तीन नए सटोरियों के नाम भी सामने आए है। खास बात यह है जेल के दर्जनों कर्मचारियों ने एक पत्रकार के खिलाफ भी शिकायत की है।

भैरवगढ़ जेल में हुए डीपीएफ घोटाले की तह तक जाने के लिए गुरुवार को भैरवगढ़ टीआई प्रवीण पाठक ने मुख्य आरोपी रिपुदमन के सरकारी क्वार्टर का ताला तोडक़र तलाशी ली। घर में से गबन से संबंधित कई अहम दस्तावेज और ज्वेलरी खरीदने की रसीदें मिली है। दस्तावेजों में रिपुदमन के साथ ही पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज के हस्ताक्षर पाए गए हैं। पुलिस अब इनका सुक्ष्मता से परीक्षण करेगी।

जांच में ललित, मंगेश व अमित मीणा नामक सटोरियों के नाम भी सामने आए है। शंका है कि गबन की मोटी रकम तीनों के खाते में भी गई है। वहीं काफी प्रयास के बाद भी सटोरिए सुशील परमार, पिंटू तोमर का अब तक सुराग नहीं मिला है।

इधर जेल कर्मी सुरेश मरमट, गोवर्धनसिंह रघुवंशी, राजेंद्र ठाकुर सहित ४६ कर्मचारियों ने थाने में एसएसपी के नाम आवेदन देकर उषाराज से संबंधित एक पत्रकार पर भी भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए। मांग की कि संबंधित पत्रकार की संपत्ति और खातों की भी जांच की जाए। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को भी भविष्य निधि की उनकी राशि उनके खातों में डालने की मांग की है।

अब तक यह कार्रवाई

१० मार्च को उजागर हुए १५ करोड़ के डीपीएफ घोटाले के मास्टर माईंड रिपुदमन व उसके साथी शैलेंद्रसिंह सिकरवार पर ५-५ हजार रुपए का ईनाम घोषित है। उनका साथी प्रहरी धर्मेदं्र लोधी भी फरार है। जांच कर रही एसआईटी शंका के घेरे में आए सटोरिए,प्रहरी व अन्य के बैंक खातों और संपत्ति की जांच कर रही है। सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरीश गेहलोद को रिमांड पर ले रखा है। जांच के चलते ही उषा राज इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती है। पुलिस आरोपियों के मकान तोडऩे की भी तैयारी कर रही है। मामले में जेल विभाग और ट्रेजरी भी जांच कर रही है।

विधायक परमार देंगे धरना

गबन कांड को लेकर विधायक महेश परमार ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को ज्ञापन देकर जांच की मांग की है। मंत्री ने १५ दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया। बावजूद अगर कर्मचारियों की राशि उनके खातों में जमा नहीं की जाती है और दोषियों पर स त कार्रवाई नहीं की तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। उन्होंने कहा गबन कांड को लेकर जिला कांग्रेस भी प्रदर्शन कर चूकी है।

उषाराज का इसलिए बचना मुश्किल

  1. बिल जारी करने से सबसे पहले कंटीजेंट रजिस्टर में दर्ज करना पड़तेे है।
  2. बिल पर जेल अधीक्षक याने डीडीओ हस्ताक्षर के बाद ट्रेजरी में भेजते है।
  3. पास बिल केश बुक में लिखने पर जेल अधीक्षक साइन करते हैं।
  4. पास फॉर पैमेंट पर जेल अधीक्षक के साईन होते है।
  5. आय-व्यय पत्रक प्रति माह भोपाल जाता है।
  6. सेवा पुस्तिका और पासकूक में लिखकर जेल अधीक्षक के हस्ताक्षर होते है।
  7. साल खत्म होने पर पूरे साल की जमा व निकाली गई राशि तथा ब्याज की गणना के बाद कुल जमा पर जेल अधीक्षक के हस्ताक्षर होते है।

कुछ सटोरियों के नाम सामने आए है। उनके खातों की जांच की जा रही है। आरोपियों के मकानों की जांच कर उन्हें तोडऩे के भी तैयारी कर रहे है।

– डॉ. इंद्रजीत बाकलवाल,एएसपी

फरार आरोपी के मकान की तलाशी में डीपीएफ घोटाले से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज मिले है,जांच कर रहे है।

– अनिल सिंह मोर्य, सीएसपी

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