भारी अव्यवस्था के बीच बोर्ड परीक्षा प्रारंभ, टाट-पट्टी -गलियारों में बैठ कर दी परीक्षा

पांचवी एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा में अव्यवस्थाओं ने भांजे भांजियों को नानी याद करा दी

उज्जैन, अग्निपथ। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा कक्षा पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षा का श्रीगणेश होते ही मासूम भांजे भांजी यों को नानी की याद करा दी द्य प्रश्न पत्र हाथ में आते ही विद्यार्थी उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब परीक्षा में ब्लूप्रिंट से शत प्रतिशत पेपर आने का दावा झूठा साबित हुआ आठवीं विज्ञान के पेपर में प्रश्नों को घुमा फिरा कर पूछने से बच्चे चकरघिन्नी हो गए पांचवी एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा पहले दिन ही अव्यवस्थाओं का शिकार हो गई।

बोर्ड परीक्षा प्रारंभ होते ही प्रश्न पत्रों में गड़बड़ी परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था जैसी खबरों का अंबार लग गया उन्हेल स्थित परीक्षा केंद्र पर अव्यवस्था का यह आलम था कि वहां विद्यार्थियों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था तक नहीं थी विद्यार्थियों ने गलियारे एवं खुले मैदान में हाट बाजार की तरह परीक्षा दी।

बीच सत्र में बोर्ड की घोषणा

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा सितंबर माह में कक्षा पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षा ले जाने की घोषणा की थी जब तक विद्यार्थी दूसरे पाठ्यक्रम से अध्ययन चालू कर चुके थे केंद्र द्वारा घोषित पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी विद्यार्थियों को परीक्षा के पूर्व तक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ना हो सकी क्योंकि एनसी आरटी द्वारा बहुत कम संख्या में पुस्तकें प्रकाशित की गई थी बोर्ड परीक्षा का विरोध प्रदेश के सभी संगठनों द्वारा किया गया किंतु केंद्र द्वारा कोई भी बात स्वीकार नहीं की गई।

ऐट ग्रेड एवं ब्लूप्रिंट

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेश में भारी विरोध को देखते हुए यह आदेश जारी किए की कक्षा पांचवी और आठवीं बोर्ड में आने वाले प्रश्न पत्रों को ऐट ग्रेड एवं ब्लूप्रिंट के आधार पर तैयार किया जाएगा इसी कारण प्रदेश के हजारों स्कूलों द्वारा सभी विद्यार्थियों को इसी आधार पर पूरे वर्ष पढ़ाया जाकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराई गई। केंद्र द्वारा जारी ब्लूप्रिंट आदि के आधार पर रात दिन पढऩे वाले विद्यार्थी प्रश्न पत्र में पूछे गए प्रश्नों को देखकर चकरघिन्नी हो गए क्योंकि ब्लूप्रिंट आदि में जिस सहज एवं सरल ढंग से प्रकाशित किया गया था प्रश्न पत्र उसके एकदम भिन्न आया था आठवीं विज्ञान के पेपर में प्रश्नों को घुमा फिरा कर पूछने से सैकड़ों विद्यार्थी उनके उत्तर नहीं लिख पाए।

मामा से भांजे-भांजीओं ने पूछा प्रश्न

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा बोर्ड परीक्षा में अव्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश के लाखों भांजे भांजी ने मामा मुख्यमंत्री से प्रश्न पूछा है हम बच्चे आज गलियारों में खुले मैदान में टाट पट्टी पर बैठकर परीक्षा दे रहे हैं क्या पूरी सरकार ने राज्य शिक्षा केंद्र के आगे घुटने टेक दिए हैं कि हम बच्चों को 5 से 10 किलोमीटर दूर परीक्षा देने भेजा जा रहा है कोरोना के 2 साल बाद एकदम बोर्ड परीक्षा का दबाव बच्चों पर डाला जाना कहां तक उचित है फिर परीक्षा में पूछे जा रहे कठिन प्रश्नों का जवाब हम कैसे दे पाएंगे क्या इसके दोषी अधिकारियों पर शासन तंत्र पर कोई कार्रवाई होगी..?

परीक्षा में भारी अव्यवस्था

बोर्ड परीक्षा को लेकर राज्य शिक्षा केंद्र की लापरवाही उस समय उजागर हो गई जब कई परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार प्रश्न पत्र ही नहीं निकले प्रदेश के एक परीक्षा केंद्र पर विज्ञान के बजाय सामाजिक अध्ययन का पेपर निकलने की भी सूत्रों के अनुसार जानकारी सामने आई है पहली बार बोर्ड द्वारा प्रश्न पत्र में ही उत्तर लिखे जाने के कारण पालको एवं स्कूलों को कोई जानकारी विषयांतर्गत मालूम नहीं पड़ रही है कुछ केंद्रों पर पेपर कम निकलने से फोटोकॉपी की अनुमति नहीं होने से कई विद्यार्थी विलंब से परीक्षा दे सके।

राज्य शिक्षा केंद्र ने अपनी गलती को स्वीकारा

विश्वस्त सूत्रों एवं व्हाट्सएप पर मिली जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा समस्त जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र को बताया गया है कि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्रों के जो लिफाफा पर पहुंच गए हैं उसमें गड़बड़ी संभावित है हिंदी विशिष्ट के लिफाफे में हिंदी विशिष्ट का पेपर नहीं है इसी प्रकार अंग्रेजी सामान्य के लिफाफे में अन्य पेपर हैं कृपया इसकी जांच करें

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