जेल अधीक्षक के बंगले पर आते थे नोटो से भरे बेग

जगदीश ने खोले राज : कहा -10 लोगों के पास है गबन के लाखों रुपए; प्रेस कांफ्रेस के बाद पुलिस ने लिया हिरासत में

उज्जैन,अग्निपथ। डीपीएफ घोटाले में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। अब तक पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज को निदो्र्रष बताने वाले उनके खास जगदीश परमार ने कबूला कि गबन की राशि मेडम के बंगले पर आती थी और वह उसे जमीन बेचने से मिले रुपए बताती थी। उसने कुछ लोगों के पास गबन के रुपए होने का भी दावा किया। बाद में पुलिस ने उसे प्रेस क्लब से हिरासत में ले लिया।

केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हुए ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधि के१३.५४ करोड़ के घोटाले की रकम हेरफेर करने के मामले में जगदीश परमार का नाम चर्चाओं में था। तीन बार की पूछताछ के बाद पुलिस उस पर नजर रख रही थी। अपनी गिरफ्तारी तय देख मंगलवार सुबह जगदीश ने तीन वीडियो जारी कर गबन होने से लेकर उसके नाम से ४४ लाख की लग्जरी कार किया कार्निवाल बुक करने तक की बात कबूली।

खुद को निर्दोष बताकर कहा-पुलिस से जान का खतरा

जगदीश परमार ने खुद को निर्दोष बताकर पुलिस पर अविश्वास जताया और जान का खतरा भी बताकर मु यमंत्री से सुरक्षा की मांग की। तत्पश्चात प्रेस क्लब में मीडिया से रूबरू हुआ और खुलासा किया कि रुपए से भरे बेग उसके सामने मेडम के बंगले पर आते थे। मेडम रुपए जमीन बेचने से मिलना बताती थी। प्रेस कांफ्रेस के दौरान माधवनगर पुलिस उसे पकडऩे आ गई, लेकिन मीडिया के हस्तक्षेप पर कुछ देर के लिए राहत दे दी, लेकिन प्रेस क्लब से बाहर निकलते ही टीआई मनीष लोधा, राहुल कामले उसे पकडक़र नागझिरी थाने ले गए। बताया जाता है जगदीश पर करीब १० माह से १ लाख रुपए प्रतिदिन पर जेल को ठेके पर लेकर चलाने का आरोप है।

दीदी बेईमान, दुश्मनों के नाम

खास बात यह रही कि जगदीश ने बताया कि उषाराज को वह बहन मानता है और उसी ने गबन की राशि को जमीन बेचने के पैसे बताकर उसे धोखा दिया। गबन रिपूदमन, फरार शेलेंद्र सिकरवार व धर्मेद्र लोधी ने किया और करोड़ों रुपए आरके पुरम् के मालिक राकेश अग्रवाल, समीर टेंट हाऊस संचालक मतीन कुरेशी को बिजनेस के लिए देना बताया। उसने पत्रकार अभय को उषा राज द्वारा 50 लाख रुपए देने का दावा किया, जबकि अभय और उसकी रंजिश सार्वजनिक है।

अब तक रिकवरी नहीं

गबन के लाखों रुपए अपने खातों में जमा होने पर सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरीश गेहलोद २३ मार्च से रिमांड पर है। उषाराज व रिपूदमन भी ८ अप्रैल तक रिमांड पर लेकर पुलिस गबन की राशि और उससे खरीदी संपत्ति का पता लगाने में जुटी हुई है,लेकिन अब तक की कोशिशों के बाद भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली है। मामले में सटोरिए सुशील परमार, पिंटू तोमर,अमित मीणा, ललित,मंगेश सहित करीब एक दर्जन लोगों की भी तलाश है। एएसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार ने कहा कि प्रयास कर रहे है। जल्द सफलता मिलेगी।

18 दिन में यह हुआ

याद रहे १० मार्च को डीपीएफ घोटाला सामने आया था। मामले में केस दर्ज होने से पहले रिपूदमन फरार हो गया था। उषाराज को पद से हटाते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था,लेकिन अटैक आना बताकर वह इंदौर में भर्ती हो गई थी। इसी दौरान प्रहरी शैलेंद्र व धर्मेद्र फरार हो गए थे। पुलिस ने सटोरिए रोहित, रिंकू व हरीश को पकडक़र रिमांड पर ले लिया था। वहीं रिपुदमन के पकड़ाते ही उषा राज को भी गिरफ्तार कर लिया था। दोनों को रिमांड पर लेने की सूचना मिलते ही विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। इसी दौरान उषाराज के कई काले कारनामे सामने आ गए।

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