उज्जैनवासियों को विशेष दर्शन सुविधा मिलेगी या नहीं?

महाकालेश्वर मंदिर shikhar

मंदिर समिति के शनिवार देर रात जारी प्रेस नोट में महापौर के सुझाव को दूसरे फेज में चर्चा पर रखना बताया

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। महापौर मुकेश टटवाल के प्रयासों के बाद आए एक समाचार ने स्थानीय रहवासियों को खुश कर दिया था, जिसमें उनके द्वारा जारी समाचार में कहा गया था कि उज्जैन शहर के रहवासियों द्वितीय फेज का काम निपटने के बाद एक अलग मार्ग बनेगा, जहां से वे आधार कार्ड दिखाकर दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। ऐसा निर्णय मंदिर प्रबंध समिति ने लिया है।
महापौर टटवाल के प्रयासों से मिली इस सौगात से उज्जैन वासी काफी खुश थे कि अब उन्हें भगवान महाकाल के दर्शन में आसानी होगी। इस आशय का समाचार महापौर की ओर से शनिवार शाम को प्रबंध समिति की बैठक के बार जारी भी हुआ था।

महाकाल मंदिर समिति के मुताबिक सिर्फ चर्चा हुई, निर्णय नहीं

शााम करीब 4 बजे हुई मंदिर प्रबंध समिति का प्रेस नोट देर रात करीब साढ़े नौ बजे जारी हुआ जिसमें कहा गया था कि महापौर जी ने प्रस्तावित किया कि उज्जैन निवासियों हेतु पृथक प्रवेश मार्ग होना चाहिए जिस पर द्वितीय चरण का निर्माण पूर्ण होने के बाद चर्चा की जायेगी। प्रेस नोट में ऐसा कहीं भी उल्लेख नहीं है कि ऐसा निर्णय हुआ है और अमल द्वितीय चरण के निर्माण के बाद होगा।

पार्षदों को प्रोटोकाल का भी उल्लेख नहीं

महापौर श्री टटवाल के मुताबिक मंदिर समिति की बैठक में उज्जैन के पार्षदों को भी प्रोटोकाल की सुविधा देने पर सहमति हुई थी। लेकिन मंदिर समिति के प्रेसनोट में उसका भी जिक्र नहीं है।

महापौर के कहने के बाद भी सुधार नहीं

महाकाल मंदिर समिति के प्रेस नोट की जानकारी रविवार दोपहर जब महापौर टटवाल लगी तो उन्होंने फोन पर ही मंदिर प्रबंध समिति के पीआरओ आरके तिवारी (सहायक प्रशासनिक अधिकारी) से चर्चा की और उन्हे बताया कि ऐसा निर्णय हो चुका है और आप इसे सुधार कर मीडिया को अवगत कराये। तब तिवारी ने कहा कि जैसा मीटिंग रजिस्टर में दर्ज है वैसी जानकारी उन्होंने दी है। इस पर महापौर टटवाल ने आपत्ति भी ली।

प्रशासक से चर्चा कीजिए

इस मुद्दे पर महाकाल मंदिर समिति के पीआरओ आरके तिवारी ने अग्रिपथ को बताया कि प्रशासक से चर्चा कीजिए वे ही जबाव देंगे। वहीं मंदिर समिति के प्रशासक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं।

मंदिर प्रबंध समिति की बैठक के अन्य प्रमुख निर्णय

  • वर्ष 2023-24 में मन्दिर की प्रस्तावित आय रुपये 22800 लाख एवं व्यय रु 22700 लाख है।
  • श्री महाकाल लोक निर्माण के द्वितीय चरण के कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश।
  • सवारी मार्ग को उन्नत करने, धर्मधानी के अनुकूल सौन्दर्यीकृत किये जाने का प्रस्ताव रखा जिस पर सहमति बनकर प्रस्ताव बनाने की चर्चा हुई।
  • कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि महाकाल लोक बनने के बाद विशाल स्वरूप के अनुरूप व्यवस्थाएं की जाये। दर्शनार्थीगण के गमन-आगमन हेतु स्थायी, सापेक्ष शेड स्थापित करें, गुजरात के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के परिसर की तरह महाकालेश्वर मंदिर के शिल्प से मैच करते शेड बनाये जायें।
  • सभी होटल, अतिथि निवास आदि के मुख्य कॉउंटर के समीप मन्दिर की व्यवस्थाओं की संक्षिप्त जानकारी जिसमे भस्म- आरती, जलाभिषेक व्यवस्था आदि की पूर्ण जानकारी मय भेँट राशि अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जावे।
  • बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख चौराहों पर बड़े-बड़े स्थायी सूचना फलक लगाएं जिसमें प्रमुख स्थानों के ऑटो रिक्शा किराए का उल्लेख रहे और शिकायत का नंबर भी लिखा हो।
  • प्रशासक संदीप सोनी ने मंदिर के नंदी हाल उन्नयन की जानकारी दी।
  • प्रस्तावित अन्नक्षेत्र के समीप तीन ब्लॉक्स जिसमें 88-88 कमरों के सर्व सुविधा युक्त अतिथि निवास दानदाता के सहयोग से बनाये जावेंगे बेसमेंट में ही पर्किंग रहेगी व सभी ब्लॉक्स आपस मे जुड़े रहेंगे।
  • मन्दिर व महाकाल लोक परिसर में आवशयक सूचना पट्ट लगाए जावें जिससे श्रद्धालुओं को सही जानकारी मिल सके।
  • मन्दिर में ही वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित की जाये।
  • 4 अप्रैल से कथावाचक प. प्रदीप मिश्रा जी की कथा में बडी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना के चलते 03 अप्रैल प्रात: 10 बजे से 10 अप्रैल तक गर्भगृह से दर्शन-पूजन श्रद्धालुओं हेतु बन्द रहेगा।

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