शिवभक्तों की सेवा में बिछा दिये पलक पावड़े

चित्रः कथा में बाहर से आए श्रद्धालुओं को भोजन बांटते शहरवासी।

धन्य है उज्जैन वासी : उज्जयिनी आये महाकाल भक्तों की सेवा में जी-जान से जुटे

उज्जैन, अग्निपथ। धन्य है उज्जैनवासी, सेवा का ऐसा भाव कि देर रात तक महाकाल भक्तों की सेवा में जी-जान से जुटे हैं। कोई पानी पिला रहा है, कोई भोजन-चाय तो कोई बिस्किट। कुछ युवा तो बाहर से आये बुजुर्ग श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए अपनी बाइक भी दौड़ा रहे हैं।
उज्जैन शहर में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के आयोजन में करीब चार लाख से अधिक श्रद्धालु बाहर से आये हैं और बडऩगर रोड स्थित कथा स्थल पर ठहरे हैं।

आयोजनकर्ता वि_लेश सेवा समिति ने इन शिव भक्तों को महाकाल की नगरी में बाबा के पुण्य प्रताप का उलाहना देकर एकत्रित तो कर लिया, लेकिन इन भक्तों को समिति आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। ऐसे में उज्जैन वाले आगे आये और महाकाल भक्तों की सेवा में जुटे हैं।

आयोजन स्थल पर देर रात तक उज्जैन वासी भोजन सामग्री लेकर पहुंच रहे हैं। कोई खिचड़ी ले जा रहा है तो कोई साग-पूड़ी वितरित कर रहा है। कोई चाय तो कोई पानी उपलब्ध करा रहा है। कोई बिस्किट-चिप्स-कुरकुरे दूर-दूर से आये महाकाल भक्तों की सेवा में परोस रहा है। खास बात तो यह है कि यह कौन हैं, कहां से आये हैं, यह कोई बताने को तैयार नहीं है। मकसद बस एक है कि महाकाल की नगरी में भोले का भक्त भूखा नहीं रखना चाहिए। धन्य है, उज्जैनवासी।

भक्ति की मस्ती में कथा के बाद रात में नृत्य करतीं श्रद्धालु।
भक्ति की मस्ती में कथा के बाद रात में नृत्य करतीं श्रद्धालु।

हम तो आदी है भक्तों की सेवा के

छोटी रपट के पास से अपनी बाइक से बुजुर्ग श्रद्धालुओं को महाकालेश्वर मंदिर (हरसिद्धि मंदिर) तक छोडऩे में लगे युवा ने बताया कि हम लोग भक्तों की सेवा के आदी हैं। बरसों से ऐसी सेवा में जुटे हैं। सिंहस्थ, पर्व-स्नान आदि ऐसे कई मौके अकसर आते हैं जब हमें लगता है कि बुजुर्गों की मदद करना चाहिए, और हम जुट जाते हैं।

नो व्हीकल जोन के नाम पर मनमानी

पुलिस प्रशासन और समिति की मिलीभगत से उज्जैन आये शिव भक्तों को नो व्हीकल जोन के नाम पर परेशान किया जा रहा है। आयोजन स्थल के दो-तीन किमी दूर ही टू व्हीलर और ई रिक्शा भी रोके जा रहे हैं। कथा आयोजन के बाद भी वाहनों को एंट्री नहीं मिल रही है। ऐसे में बुजुर्ग-दिव्यांग-असहाय भी बुरी तरह परेशान हो रहे हैं। दूसरी ओर समिति और पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोगों के सभी तरह के वाहन कथा समय पर भी आयोजन स्थल तक जा रहे हैं।

सडक़ पर बैठे उज्जैनवासियों की व्यास पीठ से प्रशंसा, समिति पर कटाक्ष

उज्जैनवासियों के लिए आयोजन स्थल पर उचित बैठक व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकतर लोग यहां-वहां सडक़ पर बैठ रहे हैं। व्यास पीठ से पं. मिश्रा ने उज्जैनवासियों की सेवा और सडक़ पर बैठकर कथा सुनने का प्रसंग सुनाकर कहा ये मेरा महाकाल है तो बड़े ठाट से बीच सडक़ पर बैठकर कथा सुन रहा है। पं. मिश्रा ने कहा कि जहां महादेव जगह दे, वहीं बैठकर कथा का रसत्व ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने समिति की अव्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समिति ने भले ही यजमानों के लिए उचित व्यवस्था नहीं की है लेकिन मेरा महाकाल इनकी व्यवस्था ठीक करके ही भेजेगा।

तीसरे दिन भी समिति सदस्य परिजनों को सेवा में जुटे रहे

कथा के तीसरे दिन भी श्री वि_लेश सेवा समिति के सदस्यगण अपने-अपने परिजन और रिश्तेदारों की सेवा में लगे रहे। ये लोग अपने खास लोगों को वीआईपी जोन में ले जाने में जुटे रहे। इस कारण गेट पर तीसर दिन भी अफरा-तफरी रही और अंदर जाने के लिए वीआईपी आपस में गुत्थम-गुत्था होते रहे।\

विधायक का सपना संजोए नेताजी मंच से करवा रहे तारीफ, उनके साथी ही हैं नाराज

आयोजन समिति के एक प्रमुख पदाधिकारी ऐसे भी हैं जो आयोजन के जरिए लोगों के बीच अपनी पैठ बनाकर अगला विधायक बनने का सपना संजोए हैं। वे अपने पुत्र के साथ सेवा के दिखावे में भी लगे हैं जबकि माल खर्च हो रहा है नगर निगम का। गुरुवार को तो उन्होंने इसके लिए मंच का भी सहारा लिया और खुद की तारीफ करवाई। लेकिन उज्जैन वाले भी पारखी नजर रखते हैं और जानते हैं कि कौन कितना सेवा भावी है।

खास बात तो यह है कि इन पदाधिकारी से उनके साथी पार्षद ही बुरी तरह नाराज हैं। क्योंकि इन्होंने कथा के पहले दिन ही दिन वीआईपी गेट पर खड़े रहकर अपने पार्षद साथियों की तरफ से नजरें फेर ली थी। अब नाराज पार्षद भी कमर कस कर तैयार हैं। इनका कहना है जिस आयोजन में नगर निगम का संसाधन और रुपया खर्च हो रहा है, उसी में पार्षदों को अपमानित किया जा रहा है। और खुद की मंच से तारीफ करवाई जा रही है।

शिव भक्तों को अपशब्द मत कहो, जवाब महादेव देंगे

  • कथा में तीसरे दिन गुरुवार शाम को सीएम शिवराजसिंह चौहान कथा स्थल पर पहुंचे। श्री चौहान ने इस दौरान शाल और श्रीफल भेंटकर पं.मिश्रा का सम्मान किया। वहीं पं.प्रदीप मिश्रा ने भी मुख्यमंत्री का सम्मान किया। वहीं दोपहर में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा महाकाल दर्शन करने के बाद कथा स्थल पहुंचकर व्यासपीठ का पूजन कर पं. मिश्रा का आशीर्वाद लिया।
  • श्री विक्रमादित्य महाकाल राजा शिव महापुराण के तीसरे दिन व्यास पीठ से पं. प्रदीप मिश्रा ने माता सती के वृतांत के जरिए संदेश दिया कि शंकर के भक्तों को कभी अपशब्द मत कहो। इसका जवाब महादेव देगा।
  • शंकर के भक्त की निंदा करने वाले की क्या गति होती है। यह संदेश सती माता के प्रसंग से मिल ता है। माता सती ने परम शिव भक्त श्रीराम की परीक्षा ली।
  • जिस समय भी आषाढ़ माह का अधिक मास आये, उस दिनों में महादेव को रोज जल चढ़ाने का विशेष महत्व होता है। उनके पूर्वजों को हर तरह की योनि से मुक्ति होती है। इसी तरह श्राद्ध पक्ष में शिव भजन जरूर करना चाहिए।

 

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