ढाई सौ देने के बावजूद ढाई घंटे में दर्शन नहीं

शीघ्रदर्शन टिकटधारी दर्शनार्थियों ने मंदिर में मचाया हंगामा, जिम्मेदार मौके से गायब

उज्जैन, अग्निपथ। दर्शन व्यवस्था में खामी के कारण गुरुवार को शीघ्रदर्शन टिकट धारी दर्शनार्थी भडक़ गए और मंदिर के गलियारों में उन्होंने हंंगामा कर दिया। सुरक्षा कर्मी ने रोकने का प्रयास किया तो उसके साथ भी तीखी बहस हुई। दर्शनार्थियों का कहना था कि 250 रुपए का टिकट उन्हे यह कहकर दिया था कि 10 मिनट में दर्शन हो जायेंगे। ढाई घंटे के बाद भी उन्हें दर्शन नहीं हो पाये हैं, अब और कितनी देर लगेगी।

हम आपको बता दें महाकाल लोक बनने के पश्चात महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है हालात यह है कि श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है और दर्शन व्यवस्था के नाम पर नए-नए प्रयोगों के कारण प्रतिदिन श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हालात यह है कि शीघ्रदर्शन की टिकट लेकर दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को ही तीन-तीन घंटे में भी दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। गुरुवार को श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण 250 रुपये की रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओ को3 घंटे से अधिक का समय लग रहा था जिससे श्रद्धालु काफी नाराज दिखाई दिए। गुरुवार दोपहर श्रद्धालुओं ने मदिर में हंगामा कर दिया। वे जगह-जगह कतार को रोकने से खफा थे। और इस कारण वे सुरक्षाकर्मियों से भी भिड़ लिए।

दर्शनार्थियों का कहना था कि 250 की रसीद कटवाते समय कहा गया था कि 15 से 20 मिनट में बाबा महाकाल के दर्शन हो जाएंगे किंतु ढाई घंटे से अधिक समय से लाइन में खड़े हैं, इसके बाद भी बाबा के दर्शन नहीं हुए हैं। कई श्रद्धालु महाकाल मंदिर में ड्यूटी में लगे पुलिस एवं गार्ड से विवाद करते हुए दिखाई दिए।

मुंबई से आये एक दर्शनार्थी ने कहा कि ढाई घंटे हो गये हैं लेकिन दर्शन नहीं हुए। अभी पूछने पर भी यह कोई नहीं बता रहा है कि दर्शन में और कितना वक्त लगेगा। ऐसे में कई लोगों की ट्रेन भी छूट गई। क्योंकि 10 मिनट में दर्शन का कहकर टिकट दिया था। अंदर आकर कतार में लग गये। अब यहां से वापस भी नहीं जा सकते।

सामान्य दर्शनार्थियों का क्या हाल होगा

शीघ्रदर्शन के टिकटधारी जब तीन घंटे में दर्शन नहीं हो पा रहे हैं, तो सोचिये सामान्य दर्शनार्थियों को कितना वक्त लगता है। मंदिर के जिम्मेदार भले ही दावा करें कि चंद मिनटों में हम दर्शन करा रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं सच्चाई खुद-ब-खुद उजागर कर रही हैं।

आम दर्शनार्थियों के लिए नहीं है शौचालय, कपड़े खराब हो जाते हैं कई बार

महाकाल दर्शन के लिए कतार में खड़े आम दर्शनार्थी के लिए इन दिनों एक ओर सबसे बड़ी समस्या सामने आ रही है, वह है शौचालय की। पहले तो जूना महाकाल के पीछे निर्गम द्वार के पास एक शौचालय था जो कि निर्माण कार्यों के कारण टूट चुका है। अभी मानसरोवर से अंदर प्रवेश करने वाला आम दर्शनार्थी करीब चार से पांच घंटे में दर्शन कर बाहर निकाल पाता है।

इस दौरान बीच में शौचालय आदि की कहीं व्यवस्था नहीं है। बीच में अगर किसी को आकस्मिक रूप से सुविधा घर की आवश्यकता होती है तो बीच में कहीं सुविधा नहीं है। कतार इस तरह चलती है तो कि बीच में से कोई बाहर भी नहीं आ सकता। सूत्रों के मुताबिक कई बुजुर्ग, शुगर पैसेंट, बच्चे व बीमारों के कपड़े खराब हो रहे हैं।

दान में आई पानी की केन स्टोर में जमा, जरूरत मंदिर परिसर में

पिछले दिनों दानदाता अशोक खंडेलवाल की ओर से पानी की 50 केन मंदिर समिति को दान दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि यह कैन मंदिर के स्टोर में जमा हो गई है। जबकि इस वक्त इन कैन की जरूरत महाकाल लोक और महाकाल मंदिर परिसर क्षेत्र में अधिक है। जहां मंदिर में सेवा दे रहे कर्मचारी और दर्शनार्थियों को पेयजल की जरूरत है।

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