धार, अग्निपथ। वन माफिया द्वारा धार वन मंडल क्षेत्र के मनावर इलाके में बड़ी मात्रा में सागवान की तस्करी का खुलासा हुआ है। वन विभाग की कार्रवाई में आठ ट्रक सागवान लकड़ी और आरा मशीन जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई वन माफियाओं के बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कारोबार पर गहरा प्रहार मानी जा रही है।
धार वन क्षेत्र में लंबे समय से लकड़ी तस्करों और आरा मशीन संचालकों के बीच अवैध साठगांठ चल रही थी। कीमती सागवान की लकड़ी की तस्करी कर आरा मशीनों पर इसे काटा जा रहा था और इसके बाद अन्य क्षेत्रों में बेचने की योजना बनाई जा रही थी। वन विभाग ने स्थानीय स्तर पर गोपनीय जानकारी के आधार पर यह छापेमारी की। जिला वनमंडल अधिकारी (डीएफओ) अशोक सोलंकी ने गोपनीय टीम बनाकर पहले ही इस मामले पर नजर रख रहे थे।
जैसे ही मुखबिर की सूचना मिली वैसे ही तुरंत कार्रवाई की। जिसमें टीम में मौजूद महेश कुमार अहिवार परिक्षेत्र अधिकारी धार, होशियारसिह कनोजे परिक्षेत्र अधिकारी कुक्षी, बबीता बघेल, महेन्द्र डामरे, अनिल हरोड कमल रावत, राकेश तंवर, सरद सोलंकी, सोहनसिंह एस्के, नानुराम अलावा, भेरूसिह देवके, बहादुरसिह रणदा, रामसिह कनेल, रफिक खान ने छापामारी कर सागवान की लकड़ी, ट्रक व आरा मशीन जब्त की हैं।
वहीं, सरदारपुर के उप वन अधिकारी एसडीओ संतोष रनशोरे ने बताया कि हमने गोदाम से 85 नग सागवान की लकड़ी जब्त की है। मामले को लेकर जांच की जा रही है उसकी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वन क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल
सबसे चिंताजनक सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में सागवान की लकड़ी आखिर किस वन क्षेत्र से अवैध रूप से काटकर लाई गई? धार वन मंडल क्षेत्र के कई वन क्षेत्र सागवान की लकड़ी के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन इस तरह की अवैध कटाई वन क्षेत्र की सुरक्षा पर गहरे सवाल उठाती है।वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और अवैध लकड़ी तस्करी से जुड़े लोगों की शिनाख्त कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि इस अवैध कारोबार में शामिल आरा मशीन संचालकों और अन्य लोगों पर भी कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।
प्राकृतिक संसाधनों का दोहन
यह मामला दर्शाता है कि वन माफिया किस तरह से प्राकृतिक संसाधनों का अवैध दोहन कर रहे हैं। बहुमूल्य सागवान की तस्करी एक गंभीर अपराध है जो न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि देश की वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करें और वन माफियाओं की साठगांठ को जड़ से उखाड़ फेंके। वन माफियाओं के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से जहां वन विभाग की तत्परता सामने आई है, वहीं यह भी स्पष्ट हो गया है कि वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्कता और सख्त निगरानी की जरूरत है।
जांच चल रही है
मामले में जांच चल रही है बारीकी तथ्यों पर हम कार्य कर रहे हैं। यह कार्रवाई धार जिले के वन क्षेत्रों में अवैध रूप से कटाई और तस्करी की रोकथाम के तहत की गई। इसमें जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएंगी।
– अशोक सोलंकी, जिला वन मंडल अधिकारी धार