रोगी कल्याण समिति सदस्य पर जाति के लोगों को परेशान करने का लगाया आरोप
उज्जैन, अग्निपथ। माधव नगर अस्पताल के रोगी कल्याण समिति सदस्य के खिलाफ गुरुवार को वाल्मीकि महापंचायत के साथ ही लघु वेतन कर्मचारी संघ के सदस्यों ने विरोध जताते हुए मोर्चा खोल दिया। करीब 3.30 घंटे माधव नगर अस्पताल में हंगामा चलता रहा। वाल्मिकी महापंचायत के लोग रोकस सदस्य को हटाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान सीएमएचओ, सिविल सर्जन भी पहुंच गये थे।
लघु वेतन कर्मचारी संघ उज्जैन के अध्यक्ष और वाल्मिकी महापंचायत के हेमराज घावरी ने बताया कि महिला सफाई कर्मचारी सिम्मी गौहर बीमार चल रही है। वह चार दिन से भर्ती थी। उनका पुत्र गुरुवार की सुबह अवकाश का आवेदन देने के लिये गया था। लेकिन रोकस सदस्य अभय विश्वकर्मा द्वारा उसके अवकाश स्वीकृति पर हस्ताक्षर करने से इंकार करवा दिया।
इसके बाद वाल्मिकी महापंचायत और लघुवेतन कर्मचारी संघ के 150-200 की संख्या में लोग माधव नगर अस्पताल पहुंच गये और रोकस सदस्य के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि रोकस सदस्य द्वारा माधव नगर अस्पताल के हर मामले में हस्तक्षेप किया जाता है। अवकाश की स्वीकृति के लिये भी उन्होंने मना कर दिया। साथ ही महिला के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया।
करीब 3.30 घंटे चले इस प्रदर्शन की जानकारी सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल, सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर को लगी तो वह भी मामला सुलझाने के लिये माधव नगर अस्पताल पहुंच गये। इस दौरान वाल्मिकी महापंचायत के महामंत्री लोकेश टोप्पो, पूर्व पार्षद पारू गिरजे सहित सैंकड़ा कर्मचारी घरने पर बैठे हुए थे।
2 बजे की जगह 4 बजे तक करवाते काम: श्री घांवरी ने बताया कि सिम्मी गौहर स्वास्थ्य विभाग की परमानेंट शासकीय कर्मचारी है। वह गायनिक डिपार्टमेंट की साफसफाई का काम करती है, लेकिन रोकस सदस्य श्री विश्वकर्मा द्वारा उनकी डय़ूटी आईसीयू में लगा दी गई।
साथ ही उनसे जमकर काम लेने को कहा गया। जबकि दूसरी आऊटसोर्स कर्मचारी इस दौरान बैठी रहतीं। दोपहर 2 बजे उनके घर जाने का समय रहता है, लेकिन शाम को 4 बजे तक उनको घर जाने नहीं दिया जा रहा था। इसके चलते उनकी तबीयत खराब हो गई और उनको अवंति हास्पीटल में भर्ती किया गया।
आईसीयू में भर्ती बीमार को वार्ड में भेजा
श्री घांवरी ने बताया कि विगत 27 अगस्त को परमानेंट कर्मचारी अशोक पाचू को बीमार होने पर माधव नगर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। लेकिन यहां से उसको डिस्चार्ज करवा कर वार्ड में भर्ती करवा दिया गया। साथ ही कामचोरी का आरोप लगवा कर यहां से उनका चरक अस्पताल ट्रांसफर करवा दिया गया। आगामी छह माह बाद उनका रिटायरमेंट होने वाला है।
इनका कहना है
मेरा इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है, मेरे ऊपर जबरदस्ती के आरोप लगाये जा रहे हैं।
-अभय विश्वकर्मा, रोगी कल्याण सदस्य