सबको लगाई गुहार बार-बार, आप से भी उम्मीद एक बार यह व्यथा जिले के कल्याणपुरा थाने की एक वृद्धा की हे जो अपनी बची कुची जमीन पुलिस से बचाने के लिए थाने से लेकर एसपी तक और कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री ऑन लाइन समाधान उर्फ 181 तक शिकायत के बाद […]

राम की चिडिय़ा राम का खेत, चुग लो चिडिय़ा भर-भर पेट झाबुआ। जिले की थांदला नगर परिषद में भाजपा का दूसरा कार्यकाल अब लग भाग खत्म होने को है। पूर्व परिषद भी लगातार विवादोमें रही। भाजपाई पूर्व परिषद में अध्यक्ष उपाध्यक्ष का विवाद पुरे कार्यकाल रहा यह तक की उपाध्यक्ष […]

झाबुआ। एक कहावत है किसी को उंगली पकड़ाओ तो वो चलना सिख सिखाने वाले का ही गला पकडऩे की फिराक में रहता है किन्तु उंगली पकडऩे वाले कि यह धारणा जब सार्वजनिक रूप से असत्य हो जाए तो फिर उसे मुह की ही खाना पड़ती है ऐसा ही कुछ जिले […]

खेल हर जगह खेल झाबुआ,मेघनगर,थांदला हो या पेटलावद हर जगह का खेल बिगड गया। बेचारे छोटे व्यापारियों व जनशिक्षक, बीआरसी की होली बदरंग कर गया। पाडो की लड़ाई में बागड का नुक़सान,चोरी कर गया दाडी वाला पकडा गया मूंछ वाला। जी हां मुख्यमंत्री के भगोरिया उत्सव में शामिल होने की […]

झाबुआ, अग्निपथ। सीख रहा हूँ मैं भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए। इन पंक्तियों की गहराई को समझा जावे तो झुठ के सहारे ही सही लोग अपना काम बना ही लेते है । इसी कडी में देखा जावे तो […]

झाबुआ। वाह रहे सरकार राम राजी की सत्ता में आते ही दिया था नारा जीरो टॉलरेंस का अब यही नारा बन रहा सरकार की गले की हड्डी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने जिले के ग्राम देवीगढ़ में दौरा कर ग्रामीणों तथा स्कूली बच्चो से हालचाल जाने थे तब मंच […]

कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही बच्चों का बौद्धीक स्तर प्रभावित प्रभावित होने लगा है। आन लाईन पढ़ाई ग्रामीण बच्चो को समझने में दिक्कत आ रही है। फिर संपूर्ण वैक्सिनेशन भी बच्चों का नही हो पाया ऐसे में शासन ने बच्चों की जान जोख़िम में डाल एक से आठ […]

 झाबुआ।  हमे तो भुष्ट तंत्र ने लूटा सरकार की क्या मजाल शिकायतो को कैसे करते हलाल कोई इनसे जाने। जी हां यह कड़वा सच मुख्यमंत्री ऑन लाइन शिकायत का है शिकायत का समाधान जिले की थांदला तहसील का है। यह वह तहसील है जहां विधि विपरीत हुए नान्तरण की खबर […]

अगर कोई चुप है तो इसका मतलब ये नहींं की उसे बोलना नहींं आता, हो सकता है वो थप्पड़ मारने में यकीन रखता हो! हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो, जिस दिन हम बदमाश हो गए कय़ामत आ जायेगी! ये पंक्तियां इतिहास पुरूष स्वातन्त्र्यवीर मामा बालेश्वर दयाल जी […]

झाबुआ हे शिव जिस जनता को आप ईश्वर और प्रदेश को अपना मंदिर कहते हैं आज वह इतिहास में सबसे विकट स्थिति में है। कोरोना पीछा छोड़ नहीं रहा। तंत्र बे लगाम हो चुका है, जन की समस्याओं का कहीं समाधान नहीं हो पा रहा। ऊपर से आर्थिक रूप से […]