हिम्मत … अपने वजनदार जी की हिम्मत को अपुन की तरफ से 1 नहीं- 10 नहीं- 100 नहीं- 1000 बार सेल्यूट। जिन्होंने हिम्मत भी करी गिरने की। तो सीधे अपने मामाजी पर। जिसकी चर्चा अपने कमलप्रेमी खूब कर रहे है। भले ही हमारे पाठकों को लगे कि ऐसा संभव ही […]

जिज्ञासा … किसी भी विषय को लेकर जिज्ञासा होना अच्छी बात है। लेकिन जिज्ञासा का समाधान, सही जगह सवाल पूछकर करना, उससे भी अच्छी बात मानी जाती है। पेंटिग्स बेचने वाला दुकानदार रंगों की समझ नहीं रखता है। उसे तो केवल बेचने से मतलब होता है। उससे सवाल करना तो […]

साधुवाद… हमारे अपने कप्तान को साधुवाद। जिन्होंने मीडिया में फैली गंदगी को जड़ से मिटाने की तैयारी कर ली है। अभी तो केवल तालाब की 2 मछली ही निशाने पर हंै। लेकिन जल्दी ही इस गैंग के मगरमच्छों पर भी शिकंजा कसने वाला है। अपने कप्तान कोई रियायत देने के […]

नीचे बैठो… कमलप्रेमियों के दोनों मुखिया की, इस कदर बेईज्जती होते, हमने नहीं देखी। हमने तो क्या, खुद कमलप्रेमियों ने भी नहीं देखी। तभी तो कमलप्रेमी नीचे-बैठो का राग अलाप रहे हंै। विज्ञान केन्द्र के भूमिपूजन में यह नजारा सभी कमलप्रेमियों ने देखा। अपने ढीला-मानुष और लेटरबाज को मंच पर […]

कानाफूसी… ई-लोकार्पण की घटना है। अपने विकास पुरुष-पहलवान और उम्मीद जी, तीनों एक साथ बैठे थे। जिसके चलते विकास पुरुष और उम्मीद जी के बीच संवाद नहीं हो पा रहा था। क्योंकि पहलवान बीच में थे। जब पहलवान उद्बोधन के लिए उठे। तो मौका मिल गया। फिर कानाफूंसी शुरू हुई। […]

अंधेरा… चिराग तले हमेशा अंधेरा होता है। तभी तो अपने उम्मीद जी को कुछ पता नहीं चल रहा है। उनके ऑफिस के नीचे स्थित गलियारों में क्या हो रहा है। खासकर मुआवजा वितरण को लेकर। जैसा मुआवजा-वैसा कमीशन। बेचारे जमीन देने वाले अपने मुआवजे के लिए मजबूर होते हैं। इसलिए […]

शौकीन मिजाज… इन दिनों पंजाप्रेमी एक शौकीन मिजाज नेता की चर्चा खूब कर रहे हैं। पंजाप्रेमियों का इशारा मां चामुंडा नगरी की तरफ है। जहां के यह पंजाप्रेमी नेताजी हंै। इनको पंजाप्रेमी शौकीन मिजाज के नाम से जानते है। इन दिनों यह नेताजी हर दूसरे दिन महाकाल की नगरी में […]

दौड़… अपने असरदार जी को हमारे पाठक भूले तो नहीं होंगे। लंबे समय बाद हम उनको याद कर रहे हैं। हालांकि, अपने असरदार जी खुद काफी समय से गायब हंै। मगर अब वह एक कुर्सी की दौड़ में लग गये हैं। उनकी निगाहे भरतपुरी क्षेत्र के उस भवन की कुर्सी […]

नब्ज… सही बीमारी का पता तभी चलता है। जब नब्ज पकड़ में आ जाये। फिर बीमारी का इलाज भी सही होता है। अपने मंद-मुस्कान जी ने इन दिनों नब्ज पकड़ी है। अपने फुलपेंटधारी की। सर्विस बुक वाली नब्ज। जिसे पकड़ते ही फुलपेंटधारी, इस कदर छटपटा गये कि वह अपनी सर्विस […]

वसूली… अपने उम्मीद जी, पिछली दफा परिवहन दलाली कांड को सही तरीके से नहीं रोक पाये थे। नये-नये आये थे और दलाली कांड में ऊपर से नीचे तक मिलीभगत थी। केवल उन्होंने राशि निकासी पर रोक लगाई थी। जो कि वक्त के साथ धीरे-धीरे निकल गई। पूरी 72 पेटी। किसी […]