बंद… अपने उम्मीद जी की एक अच्छी आदत है। वह बंद कमरे की बैठक या मुलाकात करने से बचते हैं। इसलिए उनके ऑफिस का दरवाजा हमेशा आधा खुला रहता है। मगर पिछले सप्ताह इसके उलट हो गया। कमलप्रेमी व मीडिया में चुगलखोर के नाम से चर्चित एक कमलप्रेमी मिलने गये […]

बाजीगरी… अंकों को घुमाकर इस तरीके से लिखना कि वह 5 ही दिखे और 4 भी नजर आये। यह बाजीगरी अगर सीखनी है तो उपभोक्ता भंडार चलाने वालों से सीखी जा सकती है। जिनमें से अधिकतर संचालक कमलप्रेमी हैं। इसलिए 5 को 4 बनाने में डरते भी नहीं है। प्रधानमंत्री […]

सलाहकार… आभार-धन्यवाद-साधुवाद-अभिनंदन…इन सभी के हकदार हैं। हमारे अपने वजनदार जी। जिन्होंने खुद जाकर जुर्माना भरा। कानून के प्रति सम्मान दिखाया। उनका तो नागरिक अभिनंदन होना चाहिये? वह भी सार्वजनिक स्थान पर। इतिहास बना दिया उन्होंने। यह सब पढक़र पाठक गलतफहमी ना पाले। कमलप्रेमियों में ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही […]

गलती… शायर वसीम बरेलवी का कहना है। वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से/मैं एतबार ना करता तो और क्या करता। अपने कमलप्रेमी इन दिनों यह अशआर कुछ ज्यादा ही सुना रहे हंै। इशारा अपने विकास पुरुष की तरफ है। जिन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट अपलोड की थी। […]

हवा में… अपने वजनदार जी, इन दिनों हवा में उड़ रहे हैं। वैक्सीन वाले मामले में। उस उनका जवाब भी पलटवार जैसा है। कोई पाप नहीं किया है। वह बिलकुल सही कह रहे हंै। पाप तो हम जनता ने किया है। जो उनको चुना-इस काबिल बनाया। इस विश्वास के साथ […]

खेल… दशहरा मैदान पर एक बैठक हुई, 4 दिन पहले। इस बैठक को करवाने में स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था का योगदान रहा। अपने उम्मीद जी भी जनहित का काम समझकर आ गये। उन्होंने मौजूद स्वास्थ्य रक्षकों को सलाह भी दे डाली। कैसे और क्या करना है। अपने उम्मीद जी को […]

चाय… इन दिनों कमलप्रेमी चाय शब्द सुनते ही भडक़ रहे हैं। बिलकुल वैसे ही, जैसे सांड, लाल कपड़ा देखकर भडक़ता है। इसकी वजह सोशल मीडिया पर अपलोड हुई एक पोस्ट है। जिसे अपने विकास पुरुष ने अपलोड किया है। वह भी बंगाल से। जहां इन दिनों पार्टी के निर्देश पर […]

चौकीदार… हाथ जोडक़र अनुरोध है। शीर्षक पढक़र गलत अर्थ नहीं निकालें। हम देश के चौकीदार की बात नहीं कर रहे हैं। हम तो उस चौकीदार की बात कर रहे हैं। जिसको अपने उम्मीद जी ने नियुक्त किया है। अस्पतालों की लूट-खसोट से बचाने के लिए। जिनको हम नीली फिल्मों के […]

शतरंज… राजनीति में अगर आगे रहना है। तो शतरंज का खेल जरूर आना चाहिये। ताकि कब-कहां-कैसे-किस चाल से-विरोधी को चित किया जा सके। इस खेल में अपने विकास पुरुष माहिर है। तभी तो मास्टर प्लान को लेकर उन्होंने अपनी अगली चाल चल दी है। तीनों गांवों के उनके समर्थक बाहर […]

-प्रशांत अंजाना अवेहलना… इस जिले के सबसे टॉप बॉस अपने उम्मीद जी है। जिनके आदेश की अवेहलना करने की हिम्मत किसी में नहीं है। मगर उनके आदेश की भी अवेहलना करने वाले एक अधिकारी है। जिनको हम नीली फिल्मों के शौकीन डॉ. के नाम से जानते हैं। पाठकों को याद […]