जहर मत घोलो, मौलाना मौज के शहर की फिजा में…

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Mohraram ujjain deshdrohi nare

बीती रात कुछ असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों ने मेरे प्यारे शहर की हवा में जहर घोलने की कोशिश की। घटनानुसार बुधवारिया गीता कॉलोनी स्थित बड़े साहब एवं निकास चौराहा स्थित छोटे साहब पर मोहर्रम की 9वीं तारीख पर सेहरा चढ़ाने और मेहंदी के छापे मांडने वालों की भीड़ एकत्रित हुयी थी। गीता कॉलोनी चौराहे स्थित बड़े साहब के समीप कुछ दु:स्साहसी मुस्लिम नवयुवकों ने या हुसैन के नारों के बीच पाकिस्तान जिंदाबाद के भी नारे लगाये।

इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें राष्ट्रविरोधी ताकतों को पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए देखा और सुना जा सकता है। इस तरह के नारे लगाने वाले दिग्भ्रमित नवजवानों की मानसिकता एक सच्चे भारतीय मुसलमान की हो ही नहीं सकती।

निश्चित तौर पर इस तरह की विकृत मानसिकता वाले मुस्लिम नवयुवकों को इस शांतिप्रिय शहर में रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि यह शहर भगवान महाकाल के लिये देशभर में जाना जाता है वहीं मौलाना मौज की दरगाह के लिये भी जाना जाता है। यहीं पर पीर मत्स्येंद्र नाथ की समाधि है जहाँ पर हिंदु-मुस्लिम दोनों मत्था टेकने जाते हैं, उज्जैन के ही सांकडिय़ा सुल्तान भी हिंदु-मुस्लिम दोनों के आराध्य है, यही वह शहर है जहाँ महाकाल की शाही सवारी का मुस्लिम इस्तकबाल करते हैं और मिलादुन्नबी के जुलुस का स्वागत हिंदु भाई।

मेरे ही शहर के मुस्लिम भाइयों ने सिंहस्थ में देश-विदेश से आये मेहमानों के आवभगत के लिये अपनी इबादतगाह मस्जिदों के दरवाजे खोल दिये थे। इस शहर के हिंदु-मुस्लिम भाइयों ने एक-दूसरे को प्रेम-प्यार बाटा है उस उज्जैन में ऐसी घटना होना चिंता का विषय है।

पुलिस और आला प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में यह सब होना और त्रासदायी है। पुलिस प्रशासन की तारीफ करना होगी कि उसने तत्काल घटना को संज्ञान में लेते हुए प्रकरण दर्ज कराया साथ ही आधा दर्जन से अधिक आरोपियों को सींखचों के पीछे भी पहुँचा दिया।

इस घटना का सबसे दु:खदायक पहलु हमारे परिपक्व शहर काजी का बयान रहा जिसमें उन्होंने अपने आप को इस तरह की घटना से अनभिज्ञ बताया। शहर में सौहार्द्र कायम रखने में अभी तक शहर काजी ने अनेक अवसरों पर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस मौके का जो वीडियो वायरल हुआ है जिसमें स्पष्ट रूप से नवयुवक पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं उस वीडियों को शहर काजी ने ना देखा हो और उन्हें पता ना हो, यह बात किसी भी सामान्य उज्जैनवासी के गले नहीं उतर सकती है। शहर काजी को चाहिये था कि वह हिम्मत के साथ ऐसा करने वाले देशद्रोहियों के खिलाफ बोलते कि प्रशासन इन पर कठोर कार्रवाई करे।

खैर, प्रशासन अपना कार्य करेगा और ऐसी फिरकापरस्त ताकतों के विरुद्ध रासुका जैसी कार्रवाई करके इस घटना को अंजाम देने वालों की संपत्तियों को भी नेस्तानाबूद करेगा, ताकि शहर की हवा को विषाक्त करने वाले ऐसे राष्ट्रविरोधी तत्वों के फनों को कुचला जा सके और जो पाकिस्तान जिंदाबाद कह रहे हैं उन्हें वहीं भगा दे।

हिंदुवादी संगठनों को भी चाहिये शहर की शांति को भंग करने के किसी भी कार्य से अपने आप को दूर रखकर प्रशासन को अपना कार्य करना दे। जरा-सी की गयी भूल एक चिंगारी से कभी भी अग्नि का विशाल रूप ले सकती है। मेरे शहर को अभी संयंम रखना होगा।

– अर्जुनसिंह चंदेल

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