ठाकुर शिवप्रतापसिंह

ठाकुर शिवप्रतापसिंह का
जीवनवृत्त

जन्म – २५ जून १९१४, चंदेल नगर (लालगंज के पास जिला रायबरेली, उ.प्र.)
पिता – श्री बिन्दासिंह
शिक्षा – बी. ए.
पत्रकारिता की प्रेरणा एवं सम्पर्क – सर्वश्री बाबू विष्णुराव पराड़कर, राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन, लक्ष्मण गर्दे, श्री श्रीप्रकाश, बाबू मूलचंद अग्रवाल, बनारसीदास चतुर्वेदी, सोमेन्द्रनाथ टैगोर, हरेन्द्रनाथ चटर्जी, रामानंद बाबू, ठाकुर रामसिंह, गणेश शंकर विद्यार्थी, सत्यदेव विद्यालंकार, कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर आदि।
पत्रकारिता में प्रवेश – 1934 दैनिक विश्वमित्र (कलकत्ता) के सहसम्पादक के रूप में।
प्रमुख समाचार पत्र से. सम्बद्धता – दैनिक विश्वमित्र (कलकत्ता) संपादक, दैनिक विश्वमित्र (दिल्ली) संपादक, दैनिक हिन्दुस्थान (मुंबई) संपादक, साप्ताहिक प्रवाह (अकोला) संपादक, दैनिक लोकमत (नागपुर), नवज्योति (अजमेर) संपादक, दैनिक नवप्रभात (इंदौर) संपादक, संग्राम (उज्जैन) संपादक, दैनिक भास्कर (उज्जैन) संपादक, अग्निबाण (इंदौर-उज्जैन) संपादक, दैनिक अग्निपथ (उज्जैन) । संस्थापक
कृतियां – १. चीन की क्रांति,
२. सोशलिस्ट कांग्रेस की शव परीक्षा,
३. भारत वर्ष की विभूतियां (संपादन)।
अन्य लेखन – अजमेर में नवज्योति के संपादन काल में दिल्ली केकई समाचार पत्रों मं् स्तम्भ लेखन, प्रसिद्ध व्याकरणाचार्य श्री किशोरीदास वाजपेयी की कई
कालजयी पुस्तकों की समीक्षा।
संघटक के रूप में – अजमेर में प्रेस सर्विस ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स नामक
अपने तरह की प्रथम सिंडिकेट का गठन ।
सामाजिक हिस्सेदारी – १. पत्रकार संपादक के रूप में,
२. स्वतंत्रता के पूर्व विद्याथीजी के सहयोग से पं. जवाहरलाल नेहरू से सम्पर्क और उन्हें अपने गांव लालगंज लाना एवं जनजागति के कार्य करना,
३. १९४८ में तेलंगाना में कम्युनिस्ट विद्रोह के कारण ४१ व्यक्तियों की रिहाई हेतु न्यायालय में अर्जी लगाना और उनकी रिहाई करवाना,
४. नये अखबारों के प्रकाशन पर अंग्रेज सरकार द्वारा लगायी गयी रोक को हटाने के लिये प्रथम उपप्रधानमंत्री लौह पुरुष सरदार पटेल का ध्यान आकृष्ट करना तथा प्रतिबंध हटवाने में सफल होना, ५. १९४२ के आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत समर्थक अमेरिकी टेरिस्ट श्री एम. डी. पर्डी को कैद से मुक्ति दिलाने हेतु तत्कालीन मुंबई राज्य के गृहमंत्री मोरारजी देसाई से अनुरोध और श्री पर्डी की रिहाई,
६. सर्वहारा वर्ग के उत्थान के लिये जनजीवन समर्पित,
७. अन्याय, अत्याचार के विरुद्ध कलम को हथियार बनाकर मार करना।
व्यक्तित्व पर प्रभाव – मार्क्सवादी दर्शन के अलावा एंजिल्स, लेनिन,
ट्राट्स्की, अरविंद तथा विवेकानंद
व्यक्तित्व की विशेषता – तरल-सरल किंतु स्वाभिमानी, प्रगतिशील, स्पष्टवादी , पारदर्शिता, सादगी, न्यायप्रियता, वंचितो-दलितों-पीड़ितों और असहायों के लिये सदैव सहयोगमार्गदर्शन तथा उनके अधिकारों की लड़ाई के लिये तत्पर तथा तीखे तेवर वाले संपादकीय लेखन के लिये प्रसिद्ध।
अभिनंदन – ३१, मार्च, १९७४ को नागरिक अभिनंदन (उज्जैन), जून, १९९२ में मध्यप्रदेश शासन (भाजपा सरकार) के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि
द्वारा निवास पर आकर अभिनंदन ।
निधन – ११ दिसम्बर, १९९४ (उज्जैन)|