महाकाल की सवारी में दिखी तिरंगी शान

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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सवारी के आगे-आगे फहराया राष्ट्रध्वज

मुख्यमंत्री सपत्नीक पुत्र सहित हुए शामिल

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकाल से श्रावण मास की तीसरी सवारी पूरी शानोशौकत से धूमधाम से निकली। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सवारी की शान बढ़ाते तिरंगा ध्वज भी सवारी के आगे आगे चल रहे थे। कोरोना के पिछले दो वर्ष छोड़ दें तो तीसरी सवारी में मुख्यमंत्री शामिल होते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। मुख्यमंत्री सपत्नीक अपने पुत्र सहित सवारी में शामिल हुए। पूरा सवारी मार्ग श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। ऐसा लग रहा था कि मानों शाही सवारी निकल रही हो।

श्रावण माह के तीसरे सोमवार को शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण पर निकली। तीसरी सवारी में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान , धर्मपत्नी साधनासिंह और पुत्र कार्तिकेय शामिल हुए। भगवान महाकाल ने शिव तांडव स्वरूप में गरूड़ पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए।

पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश विराजित थे। भगवान महाकाल की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभामंडप में विधिवत भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, साधनासिंह, पुत्र कार्तिकेय और आरएसएस के भय्याजी जोशी ने किया। इसके बाद मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने पालकी को कंधा देकर सभामंडप से रवाना किया। साधनासिंह भी इस दौरान उनके साथ शामिल रहीं।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी गई। उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी रामघाट पर पहुंची। यहां पर फिर से मुख्यमंत्री, उनकी धर्मपत्नी और पुत्र ने पालकी पूजन किया। भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की गई। पूजन -अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए पुन: शाम 7.10 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

इस अवसर पर उज्जैन के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद अनिल फिरोजिया, मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माखनसिंह, महापौर मुकेश टटवाल, जनअभियान परिषद उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय तथा अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

शिप्रा तट पर भगवान महाकालेश्वर की सवारी के पूजन के दौरान मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिहं व पत्नी साधना सिंह।
शिप्रा तट पर भगवान महाकालेश्वर की सवारी के पूजन के दौरान मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिहं व पत्नी साधना सिंह।

ओटले से लेकर छत तक रही भीड़

जैसा नजारा शाही सवारी में नजर आता है, उसी तरह का नजारा या यूं कहें कि उससे भी ज्यादा लोग सवारी में नजर आए। पूरी शाही सवारी के मार्ग के दोनों ओर बने ओटलों पर भीड़ का आलम दिखा। वहीं घरों की छतों और खिड़कियों से भी लोग अपने भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए सवारी आने का इंतजार करते दिखे। सवारी में महिलाओं सहित पंडे पुजारियों के छोटे बच्चे डमरू और झांझ लेकर शोभा बढ़ाते रहे। सवारी के आगे आगे तिरंगा झंडा लिए सेवक आगे आगे चलते हुए देशभक्ति की अलख जगाते रहे। सवारी जिस भी घर के नीचे से निकलती, लोग पुष्पवर्षा कर भगवान महाकाल की भक्ति में लीन हो जाते। रामघाट, हरसिद्धि की पाल, महाकाल चौराहा के बेरिकेड्स के पीछे से हजारों की संख्या में खड़ी प्रजा अपने राजा का एक झलक पाने के लिए बेताब रही।

ओंकारेश्वर मंदिर सहित पूरा परिसर तिरंगामय

आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए इस बार सवारी में भी इसी थीम का पालन किया गया। पूरे परिसर को तिरंगा रंग से सजा दिया गया था। यहां तक कि सभामंडप से मुख्य पालकी द्वार के बेरिकेड्स के उपर भी तिरंगा स्वरूप लगा दिया गया था। ओंकारेश्वर मंदिर के स्तंभों पर भी तिरंगा लपेट कर आकर्षक स्वरूप प्रदान कर दिया गया था। वहीं नागचंद्रेश्वर मंदिर और फुट ओव्हर ब्रिज के उपर भी तिरंगा लपेट दिया गया था। भद्रकाली मंदिर और सिद्धि विनायक सहित साक्षी गोपाल मंदिर को भी तिरंगामय कर दिया गया था।

मंत्री के साथ के लोगों को रोका

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव अपने समर्थकों के साथ जब सभा मंडप के गेट पर पहुंचे तो उनको तो पुलिसकर्मियों सहित सुरक्षाकर्मियों ने जाने दिया। लेकिन अनिल जैन कालूहेड़ा सहित अन्य भाजपा के कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक रोक दिया गया। इस दौरान गेट पर धक्का मुक्की के हालत भी निर्मित हुए। आखिरकार मंत्री श्री यादव मुख्यमंत्री से मिलने के बाद खुद गेट पर पहुंचे और अपने समर्थकों को अंदर ले गए। सभामंडप में प्रवेश के लिए लोग एकत्रित होकर धक्का मुक्की करते रहेे।

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