भैया हम भी सेवा करेंगे, पास कब तक मिलेगा…

पं. प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा के लिए महिलाओं में वीआईपी पास के लिए अधिक उत्सुकता

उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। भैया हमे भी सेवा करना है, हमारा नाम लिख लो… और कथा के पास कब तक मिल जायेंगे।
ये उत्सुकता पं. प्रदीप मिश्रा के कथास्थल स्थित कार्यालय पर आने वाली महिलाओं में देखी जा रही है। रविवार को पं. मिश्रा के कथास्थल के कार्यालय पर इंक्वायरी के लिए काफी लोग पहुंचे। इन लोगों के सवालों को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये लोग सेवा से अधिक कथा पांडाल में प्रवेश के लिए पास की जुगाड़ में अधिक हैं।

हम आपको बता दें कि उज्जैन में 4 अप्रैल से सीहोर वाले गुरुजी पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण का आयोजन होने वाला है। समारोह के सफल संचालन के लिए करीब एक दर्जन अलग-अलग समितियां बनाई जा रही है। इन समितियों में वि_लेश सेवा समिति के सदस्यों के अलावा स्थानीय व्यक्ति भी सेवादार के रूप में अपनी सेवाएं देंगे।

समिति द्वारा सेवा देने के इच्छुक महिला-पुरुषों को पंजीयन किया जा रहा है, जिसके लिए आधार कार्ड की फोटो कापी व मोबाइल नंबर के साथ एक फोटो समिति कार्यालय में जमा करना है। इसके बाद समिति मीटिंग में बुलाकर तय करेगी की सेवादार से किस समिति में लाभ लेना चाहिए।

कथा पंडाल में नहीं चलेगा परिचय पत्र

श्री विट्ठलेश सेवा समिति के स्थानीय अध्यक्ष पार्षद प्रकाश शर्मा ने बताया कि यहां पर सेवादारों को जो परिचय पत्र जारी किये जा रहे हैं वो सिर्फ उनके कत्र्तव्य स्थल तक के लिए ही मान्य रहेंगे। जैसे किसी का परिचय पत्र भोजन व्यवस्था में है तो वो भोजनशाला के लिए ही मान्य होगा। किसी भी सेवादार का परिचय पत्र कथा पंडाल में मान्य नहीं होगा।

निमंत्रण पत्र भेजने का काम शुरू

अध्यक्ष श्री शर्मा ने व सचिव मनोज बगाया ने बताया कि शिव महापुराण के आयोजन के लिए शहर के प्रमुख लोगों को निमंत्रण भेजने का काम भी रविवार से शुरू हो गया। शहर के सभी मठ, संतों के अखाड़े, धार्मिक स्थल के धर्मगुरु व प्रबंधक, सभी व्यापारिक व सामाजिक संगठनों के प्रमुखों को शिव महापुराण कथा से जोडऩे के लिए आमंत्रण भेजा जा रहा है। यह काम रविवार से प्रारंभ हो गया है।

महिलाएं ही नहीं पुरुष भी बराबर निभा रहे भागीदारी

श्री विट्ठलेश सेवा समिति के स्थानीय अध्यक्ष पार्षद प्रकाश शर्मा ने बताया कि समारोह मेें सिर्फ आठ हजार महिलाएं व्यवस्था संभालेगी, ऐसा नहीं है। समितियों में पुरुषों की भागीदारी भी उतनी ही है। रविवार तक करीब 3 हजार से अधिक सेवादार महिला-पुरुष यहां रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। अगले दो दिनों तक और रजिस्ट्रेशन चलेगा, इसके बाद फिर मीटिंग कर समिति के सदस्यों को दायित्व सौंप दिया जायेगा।

प्रशासनिक व्यवस्थाएं धीमी, निरीक्षण करने गये दो अधिकारियों का तबादला

शिवमहापुराण कथा में प्रशासनिक स्तर पर भी काफी तैयारी की जाना है। जिसमें यातायात व्यवस्था के लिए रूट चार्ट, मीटिंग में तय हुए निर्णय के मुताबिक करीब एक हजार अस्थाई शौचालय, पार्किंग, सुरक्षा के इंतजाम, पुलिस चौकी, पेयजल, पथ प्रकाश सहित ऐसी कई व्यवस्थाएं हैं जो प्रशासन को करनी है। कथा प्रारंभ होने में ठीक आठ दिन बाकी हैं। 3 अप्रैल तक हर हाल में सभी व्यवस्थाएं जुटाना जरूरी हैं, क्योंकि इसी दिन से श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जायेगा और स्वयं पं. मिश्रा भी इसी दिन उज्जैन आ आयेंगे। शनिवार को जिस प्रशासनिक टीम ने आयोजन समिति के साथ बैठ कर व्यवस्थाओं पर चर्चा की थी, उसमें से दो पुलिस अधिकारियों को तो शनिवार की रात को ही स्थानांतरण हो गया है। ऐसे में नए अधिकारियों को आते से ही कथा की व्यवस्था में जुटना होगा।

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