महाकालेश्वर मंदिर: गर्भगृह दर्शन की मारामारी में खिलाड़ी जीते, अनाड़ी निराश

सोमवार की बुकिंग भी संडे को हो गई, बुजुर्ग व कम पढ़े-लिखे क्या करें

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह अनुमति की ऑनलाइन व्यवस्था से महाकाल के भोले भक्तों को दूसरे दिन भी निराशा ही हाथ लगी। तकनीकी जानकारी खिलाड़ी तो ऑनलाइन सुविधा का लाभ लेकर महाकाल तक पहुंच गये लेकिन अनाड़ी भक्त निराश हो गये और 100 फीट दूर से ही अपने भगवान की झलक पाकर चले गये।

महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह जलाभिषेक की अनुमति की व्यवस्था जब से ऑनलाइन हुई है तब से दूरदराज से आये कई दर्शनार्थी यहां आकर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और मंदिर की दर्शन व्यवस्था को कोस रहे हैं। दूर-दूर से अपने महाकाल की दर्शन की लालसा लिये व्यक्ति जब उज्जैन पहुंचता है तो पता चलता कि गर्भगृह के दर्शन के सभी स्लॉट एक दिन पहले ही बुक हो चुके हैं तो वो ठगा-सा रह जाता है।

इनमें से कई ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन नहीं है। यानी ऑनलाइन सेवा के जानकार नहीं है। ये लोग या तो बुजुर्ग हैं या फिर कम पढ़े-लिखे। ये चाहकर भी मंदिर की ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसे लोग श्री महाकालेश्वर के दर्शन कैसे करें, इस सवाल का जबाव किसी के पास नहीं है।

सोमवार की बुकिंग फुल

रविवार को गर्भगृह दर्शन टिकट की लालसा में कुछ लोगों ने जब ऑनलाइन सर्विसेस वालों से संपर्क किया तो पता चला कि सोमवार के भी सभी स्लॉट रविवार दोपहर के पहले ही बुक हो चुके हैं, इस कारण दर्शनार्थियों को निराश होकर 100 फीट दूर से ही भगवान की झलक पाकर संतोष करना पड़ा।

व्यवस्था में सुधार की दरकार

मंदिर समिति को नई दर्शन व्यवस्था में सुधार करना होगा। नहीं तो रोज ही दर्शनार्थियों को खाली हाथ मन मारकर लौटना होगा। इसके लिए कुछ सीटों की ऑफलाइन बुकिंग करनी होगी जो सीनियर सिटीजन और कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए हो। इन सीटों का बुकिंग रिकार्ड डिस्प्ले बोर्ड के जरिए सार्वजनिक भी किया जाये, ताकि अन्य लोगों को पता चल जाये कि अभी कितने सीटें और बाकी है।

ऐसे में गड़बड़ी की आशंका भी नहीं रहेगी। लोगों की बढ़ती परेशानी का फायदा उठाने के लिए मंदिर क्षेत्र में अवांछित तत्व भी सक्रिय हो सकते हैं जो भोलेभाले भक्तों की मजबूरी का फायदा उठाने का प्रयास करेंगे। ऐसे में मंदिर समिति को कोई नया रास्ता जरूर निकालना चाहिए ताकि सभी को सुविधा हो सके।

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