ग्वालियर में भी एक साल पहले किया था सस्पेंड
उज्जैन, (ललित जैन) अग्निपथ। करोड़ों के घोटाले व ब्लैकमेल कांड के बाद भी शायद जेल विभग केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की स्थिति सुधारना नहीं चाहती। शायद यहीं वजह है कि मनोज साहू को भैरवगढ़ जेल अधीक्षक पदस्थ किया है,जबकि उन्हे गत वर्ष ग्वालियर से सस्पेंड किया गया था और भोपाल जेल 20 दिन में ही आईबी की रिपोर्ट पर हटाना पड़ा था।
सर्वविदित है केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 11 मार्च को 1968 कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से करीब 15 करोड़ रुपए का गबन सामने आया था। घोटाले पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज उसकी बेटी पावली, राजदार जगदीश परमार, लेखाजोखा संभालने वाले प्रहरी रिपुदमन, शैलेंद्रसिंह, धर्मेंद्र आदि ने किया है। गबन की जांच के दौरान ही कैदियों को ब्लैकमेल कर उनके परिजनों से मोटी रकम वसूलने के मामले में भी सामने आए थे।
यह सनसनीखेज घटना पूरे प्रदेश में सुर्खिया बनी थी। इसे देखते हुए उ मीद जताई जा रही थी कि जेल की स्थिति सुधारने के लिए स्वच्छ व दबंग अधिकारी को भेजा जाएगा, लेकिन गुरुवार को जिम्मेदारों ने मुख्यालय भोपाल में पदस्थ मनोज साहू को भैरवगढ़ जेल अधीक्षक बनाने के आदेश जारी कर दिए। इसे देखते हुए जिम्मेदारों की नीयत शंका के घेरे में दिखाई देती है। इस संबंध में साहू को कॉल किया,लेकिन चर्चा नहीं हो पाई।
एनएसयूआई नेता को किया था सपोर्ट
जेल विभाग के रिकार्डनुसार 12 अप्रैल 2022 में साहू ग्वालियर जेल अधीक्षक थे। इसी दौरान एनएसयूआई का जिलाअध्यक्ष शिव यादव एक सब इंस्पेक्टर पर जानलेवा हमले के केस में बंद था। साहू ने उसकी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से अपने ऑफिस में मुलाकात करवाई थी। घटना का वीडियो वायरल होने पर साहू को सस्पेंड कर दिया गया था।
सिमी सपोलो को वीआईपी सुविधा तो कार्रवाई
ग्वालियर की घटना में बहाल होने के बाद साहू को भोपाल जेल की कमान सौंपी गई थी। आरोप है कि उन्होंने जेल में बंद सिमी सपोलो को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया। आईबी से रिपोर्ट मिलने पर विभाग ने उन्हें २० दिन में ही पद से हटा दिया। तभी से मुख्यालय में पदस्थ साहू को अब भैरवगढ़ जेल पदस्थ किया गया है।