डेढ़ माह के मासूम को गर्म सरिये से दागा मामला बना स्वास्थ्य विभाग की गले की फांस

मिशन संचालक ने कहा- जिले में विकासखंडों व मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी संतोषप्रद नहीं

उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में 22 नव बर को डेढ़ साल के मासूम को गर्म सरिये से दागा गया था, जिसको सांस लेने में तकलीफ थी। इस मामले में अब तूल पकड़ लिया है। इसकी गूंज भोपाल तक में हो गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र की संचालक ने इसको लेकर सीएमएचओ को पत्र लिखा है। जिसमें जिले के विकासखंडों व मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य प्रदायगी पर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया है। साथ ही विकासखंड में 5 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है।

23 नवम्बर को समाचार पत्रों में निमोनिया होने पर डेढ़ माह के मासूम को गर्म सरिए में दागा संबंधी समाचार प्रकाशित हुआ था। समाचार अनुसार उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील के किशनखेड़ी में सोनू व मधु का पुत्र सोनू उम्र डेढ़ माह के बच्चे की तबीयत खराब हो गई थी। बच्चे की बुखार के साथ सर्दी खांसी हो रही थी। ऐसे में बच्चे का चिकित्सकों से इलाज करवाने की बजाए टोटका किया और उसे गर्म सरिए से दाग दिया गया एवं सीने पर क्रॉस का निशान बनाया गया। जबकि परिजनों द्वारा टोटके किये जाने से मना किया गया था। बच्चे की हालत बिगड़ी हुई थी और उसको इंफेक्शन का भी खतरा भी था। बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर पीआईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।

स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी संतोषप्रद नहीं

मिशन संचालक प्रियंका दास ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से प्रतीत हो रहा है कि जिले में विकासखंडों व मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी संतोषप्रद नहीं है। उन्होंने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि उक्त पटना की गंभीरता से लेते हुए मैदानी स्तर पर निगरानी एवं जागरूकता हेतु उचित कदम उठाते हुए जिले के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों- डीएचओ, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डीसीएम, डीईआईएम, जिला इपीडी आदि एवं विकासखंड स्तरीय अधिकारियों-कर्मचारियो बीपीएम, बीसीएम, एएनएम, आशा आदि समस्त मैदानी कार्यकर्ताओं की इयूटी लगाते हुए समस्त विकासखंड में समस्त 5 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाये।

तीन दिन में मांगा जवाब

सीएमएचओ के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि जिलों के समस्त विकासखंडों में जागरूकता मैदानी स्तर तक सुनिशित की जाये ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृनि ना हो। उपरोक्तानुसार आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही करते हुए पालन प्रतिवेदन उप संचालक शिशु स्वास्थ्य के मेल पर 3 दिवस में प्रेषित करना सुनिश्चित करें।

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