उज्जैन में 5 पर भाजपा 2 पर कांग्रेस

उज्जैन, अग्निपथ । विधानसभा चुनाव में उज्जैन जिले में भारी उलटफेर हुआ है। भाजपा के प्रत्याशी पांच सीटों पर चुनाव जीत गए। कांग्रेस को दो सीटों से संतोष करना पड़ा। तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने अपनी सीट को बचा लिया। तो दिनेश जैन बोस ने आखिरकार अपनी सीट पर जीत दर्ज कर ली। बोस 290 मतों से जीते हैं।

उज्जैन उत्तर से भाजपा प्रत्याशी अनिल जैन कालूहेड़ा ने कांग्रेस प्रत्याशी माया त्रिवेदी को 27हजार 480 वोटों से हराया। जबकि उज्जैन दक्षिण विधायक मोहन यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी चेतन यादव को१३ हजार २८६ वोटों से हराया। नागदा के तेजबहादुर सिंह ने दिलीप गुर्जर को 15247 वोटों से हराया दिया। बडऩगर के जितेंद्र पंडया ने कांग्रेस के मुरली मोरवाल को 36हजार 693 वोटों से हरा दिया।

घट्टिया के सतीश मालवीय ने कांग्रेस के रामलाल मालवीय को 17862 वोटों से हराया। बहादुर सिंह, मुरली मोरवाल, रामलाल मालवीय और दिलीप गुर्जर विधायक हैं। चारों को आत्मविश्वास ले डूबा। मोरवाल ने तो भोपाल में अपने समर्थकों के साथ हंगामा करते हुए टिकट बदलवाया था। कई दिनों के प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने राजपूत समाज के राजेंद्र सिंह सोलंकी का टिकट देने के बाद काटा और मोरवाल को दिया था।

वहीं भाजपा के विधायक बहादुर सिंह चौहान का इलाके में जबरदस्त विरोध के चलते टिकट काट दिया था। यह भनक लगते ही टिकट की घोषणा से पहले ही बहादुर सिंह ने पार्टी पर जबरदस्त दबाव बनाया था। उन्होंने कई सभा में संगठन के नेताओं के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिए थे। इसका असर हुआ कि बगावत के डर से भाजपा ने बहादुर को ही अपना प्रत्याशी बनाया।

सरल व्यक्ति रामलाल का काम न करा पाना बना मुसीबत

रामलाल मालवीय सरल व्यक्ति के रूप में इलाके में पहचाने जाते हैं। जबकि घट्टिया से विधायक बनने वाले सतीश मालवीय को तेजतर्रार व्यक्ति माना जाता है। सतीश मालवीय के इस स्वभाव को जनता ने स्वीकार लिया। रामलाल के सरल स्वभाव के साथ ही उनका काम न करा पाना हार का कारण बना। वहीं बहादुर सिंह चौहान को हर व्यक्ति को दबाने और केस दर्ज कराने की रणनीति के चलते लोगों ने हरा दिया। मुरली के छवि को उनके बेटे ने खराब कर दिया था तो गुर्जर भी इस बार कोई करिश्मा नहीं कर पाए। नागदा को जिला न बनना भी उनकी हार का कारण बना।

जैन का रिकॉर्ड तोड़ा जैन ने

सात बार के विधायक पारस जैन की सबसे बड़ी जीत 25 हजार वोटों से अब तक रही है। पहली बार चुनाव लडऩे वाले अनिल जैन कालूहेड़ा को भाजपा ने मौजूदा विधायक पारस जैन का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया था। कई दिनों तक पारस जैन कोप भवन में रहे। यहां तक की उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर टिकट काटने का विरोध भी जताया था। इससे पूरे संभाग में कई दिनों तक हंगामा मचा रहा।

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