धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने के बाद मंदाकिनी पुरी ने जहर खाया

महंत को प्रलोभन देकर साढ़े सात लाख रुपए ठगने का आरोप, निरंजनी अखाड़े से निकाला बाहर

उज्जैन, अग्निपथ। निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने मंगलवार सुबह जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगडऩे पर जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताई। महामंडलेश्वर पर सोमवार रात महंत ने धोखा देकर 7 लाख 50 हजार रुपये लेने का आरोप लगाकर प्रकरण दर्ज कराया था।

चिमनगंज थाना पुलिस ने बताया कि सोमवार रात को मंगलनाथ मंदिर के समीप महामाया आश्रम के महंत सुरेश्वरानंद ने आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज कराया था कि सांदीपनी आश्रम के सामने रहने वाली निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनीपुरी उर्फ ममता जोशी ने अश्विन चौधरी के साथ मिलकर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर 7 लाख 50 हजार रूपये लिये।

उपाधि नहीं मिली तो अखाड़े के मुख्यालय हरिद्वार चर्चा की। जहां सामने आया कि महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर कोई रुपये नही लिये जाते है। मैने जब मंदाकिनीपुरी से संपर्क किया तो वह रुपये लेने से ही पलट गई और कहने लगी कि तुमने कोई रुपये नहीं दिये है। वह झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रही है। जिसकी रिकार्डिंग मेरे पास है।

शिकायत पर मामले में मंदाकिनीपुरी और अश्विन चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया। पुलिस आगे कार्रवाई शुरू करती, इससे पहले मंगलवार सुबह सामने आया कि मंदाकिनी पुरी ने जहरीला पदार्थ खा लिया है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। पुलिस बयान दर्ज करने अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर होना बताई।

अखाड़े से बाहर किया

महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी पर महामंडलेश्वर बनाने के नाम रुपये लेने और प्रकरण दर्ज होने के बाद जहरीला पदार्थ खाने की जानकारी अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्रपुरी महाराज को मिली तो उन्होने तत्काल मंदाकिनीपुरी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया। उन्होने कहा कि अगर किसी ओर के साथ उसने धोखाधड़ी की होगी तो उनकी ओर से भी पुलिस में प्रकरण दर्ज कराये जाएगें।

रात 9 बजे जारी किया बयान, दो स्थानीय संतों पर लगाये आरोप

महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने मंगलवार रात 9 बजे एक बयान जारी किया। जिसमें उनके द्वारा एसपी से जांच की मांग करते हुए कहा गया है कि सुरेश पांचाल और सुरेश्वरानंद ने उन्हें फंसाया है और झूठे आरोप लगाये हैं। यह रुपए सुरेश पांचाल ने उनके द्वारा 14 से 19 अप्रैल तक किये गये यज्ञ व धार्मिक कार्यों के लिए आयोजन समिति को दिये थे।

आयोजन के पश्चात सुरेश पांचाल मुझे महामण्डलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर दबाव बनाने लगे। मेरे द्वारा यह कहा गया कि अखाड़े से रूपये लेकर कोई उपाधि नहीं दी जाती। इस पर सुरेश पांचाल ने मुझे झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर ब्लेकमेल करना शुरू कर दिया। बयान में मंगलनाथ क्षेत्र व चारधाम क्षेत्र के दो नामी संतों सहित अन्य 10-12 पर षड्यंत्र रचने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। उनके द्वारा जारी बयान की पुष्टि महेश पटेल ने की।

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