इंदौर रोड पर लापरवाही का जाम एबुलेंस और शव वाहन भी फंसे

रोड पर हजारों वाहन, ठेकेदार ने शुरू कर दिया मेंटनेंस का काम, 5 किलोमीटर तक कतार लगी

उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर-उज्जैन रोड़ पर रविवार की दोपहर करीब 3 घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। इस रोड़ पर रोड़ का मेंटेनेंस करने वाली ठेकेदार कंपनी की लापरवाही का खामियाजा हजारों लोगों ने भुगता। रोड़ पर अन्य दिनों की अपेक्षा ट्रेफिक का लोड ज्यादा था, इसके बावजूद बिना पुलिस को सूचना दिए कंपनी ने मेंटेनेंस का काम शुरू कर दिया। नतीजा, दोनों तरफ लगभग 5 किलोमीटर लंबी वाहनों लाईन लग गई। हजारों लोग फंस गए। शहर से ट्रेफिक पुलिस का अमला और अधिकारी पहुंचे, काम बंद कराया और इसके बाद ट्रेफिक को व्यवस्थित कराया।

यह घटनाक्रम रविवार दोपहर करीब 3.30 बजे का है। इंदौर रोड़ पर रविवार को छुट्?टी का दिन होने से सप्ताह के अन्य दिनों की अपेक्षा वाहनों का ज्यादा दबाव था। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की भीड़ ज्यादा बनी हुई है। ट्रेफिक के दबाव के बावजूद तपोभूमि से निनोरा टोल नाके के बीच रोड़ पर डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया। इससे रोड़ पर वाहन फंसने लगे और लंबा जाम लग गया।

शाम 4 बजे डीएसपी ट्रेफिक पवन बागड़ी और उनकी पूरी टीम तपोभूमि पहुंचे। डीएसपी ने तत्काल ही सडक़ पर डामरीकरण का काम बंद करवा दिया। इस समय तक दोनों तरफ लगभग 5-5 किलोमीटर लंबी वाहनों की कतार लग गई थी। वाहनों की कतार में 2 एंबुलेंस और एक शव वाहन भी फंसे हुए थे। यातायात पुलिस के अमले ने जैसे-तैसे पहले एंबुलेंस को बाहर निकलवाया। इंदौर रोड़ पर ट्रेफिक दुरूस्त कराने में 2 घंटे से भी ज्यादा वक्त लग गया।

एमपीआरडीसी को डीएसपी लिखेंगे पत्र

यातायात डीएसपी पवन बागड़ी ने बताया कि रविवार को वाहनों का दबाव अधिक था, इसके बावजूद सडक मेंटेनेंस करने वाली कंपनी ने बिना पुलिस को सूचना दिए डामरीकरण का काम शुरू दिया। ट्रेफिक को डायवर्ट करने की व्यवस्था भी नहीं की गई थी। डीएसपी ने कहा कि कंपनी की लापरवाही के कारण हजारों लोग परेशान हुए लिहाजा यातायात पुलिस की तरफ से एमपीआरडीसी को सोमवार को पत्र भेजकर संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कहा जाएगा।

महाकाल क्षेत्र में सारे पार्किंग फुल

महाकाल मंदिर क्षेत्र में पिछले 8 दिनों से श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत ज्यादा बनी हुई है। रविवार को पूरे दिन मंदिर के आसपास की त्रिवेणी संग्रहालय, कर्कराज, चारधाम मंदिर के सामने, मेघदूत वन, हरिफाटक ओवर ब्रिज के नीचे और कार्तिक मेला प्रांगण की पार्किंग वाहनों से खचाखच भर गई थी। लालपुल और कार्तिक मेला प्रांगण की तरफ से नृसिंह घाट वाला रूट तो कई घंटो तक वाहनों के लिए प्रतिबंधित रखना पड़ा।

10 हजार वाहनों की पार्किंग जरूरी

महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक के दर्शन के लिए जिस तरह से पूरे देश से भीड़ जुट रही है, उससे आने वाले भविष्य के संकेत मिलते है। महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में फिलहाल जितने भी पार्किंग स्थल है, वे पर्याप्त नहीं है। मंदिर समिति द्वारा त्रिवेणी संग्रहालय के पास बनाई जा रही पार्किंग भी अक्सर फुल हो जाती है। मंदिर के आसपास के किसी एक क्षेत्र में लगभग 10 हजार वाहनों की पार्किंग लायक जगह तैयार करना भविष्य के लिए बहुत जरूरी हो गया है।

डीएसपी ट्रेफिक पवन बागडी के मुताबिक यातायात पुलिस की तरफ से जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति को भविष्य की जरूरतों से अवगत भी करवा दिया गया है।

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