रामकथा में दिया विवादित बयान विरोध के बाद मांगी माफी

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रमोत्सव के अंतर्गत कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित किए गए कवि कुमार विश्वास के कार्यक्रम में विवादास्पद टिप्पणी के बाद बुधवार को पूरे दिन राजनैतिक सरगमी बनी रही। कुमार विश्वास के पोस्टर फाड़़े गए, विरोध में नारेबाजी भी हुई। शाम के वक्त कुमार विश्वास ने विवादित टिप्पणी पर माफी भी मांगी लेकिन खुराफातियों की एक करतूत इसके बाद भी कार्यक्रम पर भारी पड़ी। कुछ लोगों ने एक फर्जी चिठ्ठी वायरल कर कार्यक्रम के निरस्त हो जाने की झूठी जानकारी फेला दी। इस पूरे घटनाक्रम के बावजूद कुमार विश्वास का कार्यक्रम आयोजित हुआ लेकिन इसमें मंगलवार जितनी भीड़ नहीं जुट सकी।

विक्रमोत्सव 2023 के अंतर्गत ख्यात कवि कुमार विश्वास का उज्जैन में 22 से 24 फरवरी के बीच भगवान राम और शंकर के संबंधो पर आधारित व्याख्यान आयोजित किया गया था। मंगलवार को आयोजन के पहले दिन कुमार विश्वास ने भगवान राम की कथा सुनाते-सुनाते एक प्रसंग में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लेकर टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कह डाला कि संघ में अनपढ़ लोग है। सुबह जैसे ही उनके बयानों की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई, संघ समर्थकों ने कुमार विश्वास का विरोध आरंभ कर दिया।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने एक ट्विट के जरिए कवि कुमार विश्वास को आड़े हाथों लिया। इसके बाद नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष सोनू गेहलोत ने टॉवर चौक पर पहुंचकर कुमार विश्वास के पोस्टर फाड़ डाले, उन्होंने कुमार विश्वास को उज्जैन छोडऩे की चेतावनी तक दे दी। सोनू गेहलोत के विरोध के बाद दूसरे हिंदूवादी संगठन भी मैदान में आ गए। शहीद पार्क पर कुमार विश्वास के पोस्टर पर कालिख पोती गई।

शाम को मांगी माफी

दूसरे दिन का कार्यक्रम आरंभ होने से ठीक पहले कुमार विश्वास का एक ओर वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियों के जरिए कुमार विश्वास ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रीय स्वयं संघ के लिए अनपढ़ों का संगठन नहीं कहा था, बल्कि अपने ऑफिस के एक युवक के बारे में टिप्पणी की थी जो संघ से जुडा हुआ है। इसे गलत अर्थो में लिया गया।

माफी के बाद शरारत

कवि कुमार विश्वास की विवादित टिप्पणी पर माफी का वीडियों सामने आने के बाद यह मामला लगभग शांत हो चुका था। शाम को एकाएक सोशल मीडिया पर एक चिठ्ठी वायरल हो गई। कार्यक्रम की आयोजक संस्था विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के हस्ताक्षर युक्त इस चिठ्ठी में कार्यक्रम को स्थगित कर दिए जाने की झूठी जानकारी प्रसारित की गई। इसके कुछ देर बाद ही खुद श्रीराम तिवारी मीडिया के सामने आए और उन्होंने ऐसी कोई चिठ्ठी जारी करने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि यह शरारती तत्वों का काम है जो कार्यक्रम में विघ्न डालना चाहते है। इस पूरी कवायद के बाद भी कवि कुमार विश्वास का कार्यक्रम आयोजित हुआ।

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