बार कोड रीड नहीं होने पर दो फूल वाले फर्जी पर्ची के साथ पकड़ाए

दैनिक अग्निपथ का अंदेशा निकला सही : शनिवार को भी एक हारफूल वाला पकड़ाया था, चार नंबर गेट पर पर्ची फाडऩे में कोताही

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था शुरू होते ही फर्जीवाड़ा होना शुरू हो गया है। शनिवार को एक और रविवार को दो हारफूल वाले फर्जी पर्ची से प्रवेश करते हुए पकड़ाए। हालांकि मंदिर के अधिकारियों के संज्ञान में यह बात सामने आई है। लेकिन फर्जीवाड़े से निजात पाने के लिए फिलहाल विचार नहीं किया जा रहा है। दैनिक अग्निपथ ने बार कोड स्कैनिंग व्यवस्था लागू करने संबंधी समाचार पूर्व में प्रकाशित किया था। इसमें जिस बात की आशंका जाहिर की गई थी, वही सामने आ रही है।

शनिवार की शाम को महाकाल चौराहा पर दुकान लगाने वाला हारफूल वाले को चार नंबर गेट पर दर्शन अनुमति की पर्ची की फोटो कॉपी के साथ पकड़ा गया। इसको सुरक्षाकर्मी मंदिर के एक अधिकारी के सामने प्रशासनिक भवन लेकर पहुंचे। यहां पर एक घंटे तक उसको बैठाकर रखा। बाद में काफी माफी मांगने के बाद बाद उसको छोड़ दिया गया। हालांकि इसका नंबर अधिकारी ने अपने पास सुरक्षित रख लिया है।

रविवार को भी पकड़े गए दो हारफूल बेचने वाले

दूसरा मामला रविवार को दोपहर को घटा। सुनील और अजीत नाम के दो हारफूल वाले फर्जी पर्ची के साथ पकड़ाए। एक सुरक्षाकर्मी ने उनको पहचाना और पकड़ा, लेकिन बाद में दोनों को छोड़ दिया गया। इस तरह से फर्जीवाड़ा मंदिर में होना शुरू हो गया है। जबकि मंदिर को खुले एक सप्ताह भी नहीं हुआ है। दैनिक अग्निपथ ने अपने पूर्व के अंक में आनलाइन बुकिंग की अनुमति रसीद में छपे बार कोड़ के माध्यम से प्रवेश देने संबंधी सुझाव दिया था।

श्रद्धालुओं से ले लेते हैं पर्ची

आनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं के मैसेज और वैक्सीनेशन सार्टिफिकेट देखने के बाद कियोस्क सेंटर के कर्मचारी एक पर्ची जारी कर दे देते हैं। इस पर्ची को चार नंबर प्रवेश गेट पर दिखाकर ही प्रवेश मिलता है। लेकिन कई बार मंदिर कर्मचारी इस पर्ची को भीड़भाड़ के चलते नहीं ले पाते हैं। श्रद्धालु जब अपने उतारे गए जूते चप्पल लेने के लिए इनके पास पहुंचता है तो हारफूल वाले इस पर्ची को मांग लेते हैं। इसके बाद इसका दुरुपयोग करना शुरू हो जाता है।

इनका कहना

शनिवार को एक हारफूल वाला फोटोकापी पर्ची के साथ पकड़ाया था। उसको समझाइश देकर छोड़ दिया गया था। -मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक

अग्निपथ ने 27 जून को जता दिया था अंदेशा

अग्निपथ में प्रकाशित खबर।

दैनिक अग्निपथ पहले ही बार कोड की सहायता से प्रवेश देने संबंधी समाचार को पूर्व में ही प्रकाशित कर चुका है। इस बात का अंदेशा पहले ही जता दिया गया था कि हारफूल वाले मंदिर खुलते ही फर्जीवाड़ा शुरू कर देंगे। हुआ भी यही।

शनिवार और रविवार को हुई फर्जीवाड़े की घटना आगामी दिनों में मंदिर प्रशासन की परेशानी का सबब बनने वाली हैं। इस समस्या के निदान के लिए कोठी स्थित एनआईसी शाखा को बार कोड रीडर ऐप बनाना होगा। इसकी सहायता से आनलाइन अनुमति प्राप्त श्रद्धालु की अनुमति पद दर्शित बार कोड को स्कैन करना होगा।

यदि ऐसा किया जाता है तो श्रद्धालु दोबारा इस अनुमति को लेकर प्रवेश नहीं कर पाएगा। लेकिन अभी तक मंदिर प्रशासन ने इस बात पर विचार नहीं किया है क्योंकि मंदिर को खुले एक सप्ताह भी नहीं हुआ है। वहीं जानकारी लगी है कि मंदिर के कर्मचारियों ने अधिकारियों को इस बात से अवगत करवा दिया है कि बार कोड रीडर ऐप बनवा दिया जाए तो फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा। लेकिन एनआईसी शाखा के हेड के फिलहाल इसको लेकर राजी नहीं होने की बात सामने आ रही है।

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