बायपास मार्ग पर बिना अनुमति हो रहे निर्माण पर प्रशासन मौन

थांदला। नगर के बायपास मार्ग से आम लोगों को तो कोई राहत नहीं मिली। लेकिन बायपास मार्ग पर स्थित निजी भूस्वामियों की जमीनों की कीमते बढऩे से उनको राहत जरूर मिली गई है। जो अब विवादों का बायपास बनता जा रहा है। बायपास मार्ग पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है वह भी बगैर आवश्यक अनुमतियां प्राप्त किये।

बायपास मार्ग पर निर्माण कार्य करने वालों को राजस्व विभाग पीडब्ल्यूडी ग्राम व नगर निवेश तथा नगर परिषद से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करनी होती है। आवश्यक अनुमतियों के बाद ही निर्माण कार्य किया जा सकता है। किन्तु निर्माण कर्ताओं द्वारा प्रशासन की नाक के नीचे बेखौफ होकर बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया जा रहा है।

प्रशासन को इस बाबत शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होना प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। बायपास मार्ग की भूमियों की वास्तविक कीमत इसी बात से समझी जा सकती है कि एक इंच भूमि के लिये भी भूस्वामियों में आपसी विवाद तक की नौबत आ गई है। मामला पुलिस तक भी पहुंच गया। बायपास मार्ग पर कुछ भूमि शासकीय तथा शासकीय नाला है जिस पर भी निर्माणकर्ताओं द्वारा अतिक्रमण कर निर्माण करने की कोशिश की जा रही थी। जिसे शिकायत के बाद रोकना पड़ा लेकिन उक्त निर्माण अभी तक हटाया नहीं गया है।

जहां निजी भूस्वामी एक इंच जमीन के लिये लड़ रहे वहीं शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण के मामलों में प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। बायपास मार्ग पर एक निर्माणकर्ता पर नगर परिषद सीएमओ अशोक चौहान ने दरियादिली दिखाते हुए नियम विरुद्ध कार्यालय से पत्र बनाकर अनुमति प्रदान कर दी।

जबकि परिषद के उपयंत्री पप्पू बारिया का कहना है कि नगर परिषद में वर्ष 2016-17 से निर्माण कार्यों की अनुमति आनलाइन प्रक्रिया के तहत आवेदन करने पर आनलाइन ही प्राप्त होती है। परिषद निर्माण अनुज्ञा जारी नहीं कर सकती है। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक निर्माणकर्ता को अनुविभागीय अधिकारी ने वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये तलब किया। निर्माणकर्ता परिषद द्वारा जारी उक्त पत्र के अलावा कोई भी शासकीय अनुमति प्रस्तुत नहीं कर सका लेकिन उसके बावजूद भी कार्य निरन्तर जारी है।

मुआवजे वाली भूमियों पर भी बेरोकटोक निर्माण कार्य जारी

बायपास मार्ग निर्माण के समय मार्ग के लिये आवश्यक जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के लिये अधिग्रहित 17 मीटर भूमि का राजस्व विभाग के सहयोग से चयन कर अधिग्रहित किया गया। भूस्वामियों को लाखों रुपयों का मुआवजा भी वितरित किया गया था। लोक निर्माण विभाग ने मार्ग का निर्माण किया बाकी भूमि भविष्य में चारलेन निर्माण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित रखी गई। लेकिन जिन भूस्वामियों ने अपनी भूमि के लिए शासन से मुआवजे के रूप में लाखों रुपये प्राप्त किये वही भूस्वामी जमीनों की कीमत बढऩे पर उस रिक्त भूमि पर निजी निर्माण कार्य बेधडक़ कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी उक्त कार्यों को रोका नहीं गया।

इनका कहना

हमारेे द्वारा भूमि अधिग्रहित कर लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दी गई थी। मुआवजे वाली भूमि पर निजी निर्माण पर कार्रवाई लोक निर्माण विभाग करेगा। -एमएल वास्कले, राजस्व निरीक्षक राजस्व विभाग थांदला

जिन भूस्वामियो द्वारा शासन से मुआवजा लिया है और वह उस भूमि पर निर्माण कार्य नहीं कर सकता है। यदि निर्माण किया जा रहा है तो वह गैरकानूनी है। -वीएस पंवार कार्यपालन यंत्री लोनिवि झाबुआ

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