थांदला। सरकार ने प्रदेश में शासकीय तथा धार्मिक स्थलों की भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश दिये हैं। शासकीय और धर्मिक स्थलों की भूमियों को अतिक्रमणकर्ताओं से बचाने के लिये अभियान भी चलाये जाना है। लेकिन प्रशासन की ऐसी कोई मंशा नजर नहीं आ रही है।
धार्मिक स्थानों के अतिक्रमण का ताजा मामला नगर से करीब ग्राम खजूरी के शंकर व नृसिंह मन्दिर का है। मंदिर पुजारी बलदेवप्रसाद चतुर्वेदी ने मंदिर भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को हटाने के लिये तहसीलदार को आवेदन दिया।
तहसीलदार चौहान ने मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए हल्का पटवारी हर्षिता मैडा को जांच कर मौका पंचनामा बना कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हल्का पटवारी हर्षिता ने तहसीलदार के आदेश पर एक ही दिन में दो अलग-अलग समय, अलग-अलग जांच कर पंचनामा बनाये और दोनों पंचनामा विरोधाभासी।
पटवारी द्वारा दो अलग-अलग विरोधाभासी पंचनामा बनाए जाने व पटवारी की कार्यशैली को लेकर मंदिर पुजारी ने तहसीलदार के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई। तहसीलदार शक्ति सिंह चौहान ने राजस्व निरीक्षक एमएल वास्कले को दल के साथ जाकर मंदिर भूमि का सीमांकन करने व अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश देने के बाद भी मंदिर भूमि अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाई है।
पुजारी चतुर्वेदी का कहना है कि काफी समय से मंदिर भूमि पर कुछ लोगों द्वारा गुमटियां रखकर अतिक्रमण कर रखा है। जिसे हटाने के लिये मैंने जून माह में आवेदन दिया था। भूमि के अतिक्रमण मुक्त होने पर मंदिर के आसपास पौधारोपण किया जाना है।
इनका कहना
कार्य ज्यादा होने से समय नहीं मिल पा रहा है। समय मिलने पर सीमांकन कर देंगे। -एमएल वास्कले, राजस्व निरीक्षक थांदला