कालिदास समारोह आज से, प्रतिकात्मक यात्रा निकालकर की कलश स्थापना

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह की शुरुआत बुधवार से हो रही है। कोरोना महामारी के चलते इस बार इसका स्वरूप लघु रहेगा। इसी के तहत परम्परा अनुसार समारोह की उद्घाटन विधि से एक दिन पूर्व 24 नवंबर को शिप्रा तट रामघाट पर शिप्रा एवं कलश का पूजन किया गया। प्रतिकात्मक रूप से यात्रा निकालकर समारोह के आयोजन स्थल कालिदास अकादमी लाकर कलश स्थापित किया गया।

शिप्रा तट पर वैदिक मंत्रों के साथ विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, अकादमी की प्रभारी निदेशक प्रतिभा दवे, उपनिदेशक डॉ.योगेश्वरी फिरोजिया, अनिल बारोड़ सहित उपस्थितजनों ने पूजा विधि सम्पन्न की। पं.सूर्यनारायण व्यास के निवास पर पंडितजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया गया। तत्पश्चात् कालिदास संस्कृत अकादमी में विधिपूर्वक कलश की स्थापना की गई। इस अवसर पर पं.आनंदशंकर व्यास, उज्जैन विधायक पारस जैन, समाजसेवी रूप पमनानी, मानित राज्यमंत्री ओम जैन, एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार भूमिका जैन, अंकित व्यास आदि उपस्थित थे।

इस बार तीन दिन का समारोह

विधायक पारस जैन इस अवसर पर कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण समारोह का त्रिदिवसीय आयोजन किया जा रहा है जो सभी के हित की बात है। संस्कृत विश्व की श्रेष्ठ और सरल भाषा है। कालिदास समारोह की विश्व में प्रतिष्ठा है और इसकी पहचान इसी तरह बनी रहे यह हमारा सबका प्रयास रहेगा। शासन के नियमों का पालन करते हुए इस समारोह को गौरव के साथ सम्पन्न किया जायेगा। इस अवसर पर पं.आनंदशंकर व्यास के संस्कृति एवं समारोह की परम्परा के निर्वाह संबंधी अवदान को दृष्टिगत करते हुए शाल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।

पं.आनंदशंकर व्यास ने कहा कि आयोजन की स्वीकृति प्रदान करने के लिए म.प्र. शासन को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। इससे हमारी परम्परा का समुचित निर्वाह हो रहा है। समूचे विश्व में संस्कृत संबंधी जो कार्य हो रहा है, उसे एक मंच पर लाना समारोह का मूल उद्देश्य है। पूर्व में महाकाल मंदिर और योगेश्वर टेकरी से मेघदूत् के श्लोकों का प्रसारण होता था। उसे पुन: प्रसारित किया जाना चाहिये।

कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पाण्डेय ने कहा कि समारोह हमारी संस्कृति का विशाल आयोजन है। इस वर्ष पारम्परिक विषयों के साथ टेक्नोलॉजी, पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण सहित अन्य अनुशासनों के विद्वानों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। रूप पमनानी ने कहा कि समारोह की परम्परा टूटे नहीं इसलिए हम सबने मिलकर प्रयत्न किया और आयोजन हो रहा है। आमजन को इस समारोह से जोडऩे के लिए स्थानीय कलाकारों का संयोजन एवं हिन्दी माध्यम में भी आयोजन किए जा रहे हैं। संचालन प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने किया। आभार डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया ने किया।

शाम 4 बजे संस्कृति मंत्री ठाकुर करेंगी शुभारंभ

त्रिदिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ बुधवार सायं 4 बजे कालिदास अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास सांस्कृतिक संकुल में प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाले शुभारंभ कार्यक्रम में सारस्वत अतिथि वरिष्ठ संस्कृत विद्वान् प्रो. मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी इंदौर होंगे। इस अवसर पर ऋतुसंहारम् पर केन्द्रित राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रदर्शनी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा किया जाएगा।

आज रात 7 बजे दीपशिखा संस्कृत नाटक की प्रस्तुति

कालिदास समारोह की प्रथम संध्या पं.सूर्यनारायण व्यास सांस्कृतिक संध्या में कालिदास के नारी पात्रों पर केन्द्रित संस्कृत नाटक दीपशिखा की प्रस्तुति परिष्कृति संस्था उज्जैन द्वारा श्री सतीश दवे के निर्देशन में की जाएगी।

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