देश में बढ़ रही बेतहाशा महंगाई, खराब सडक़ें, कुशासन और किसानों-गरीबों-आमजनों की सुनवाई नहीं होने और महाकाल मंदिर में भाजपा पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों की बढ़ती दखलंदाजी के विरोध में कांग्रेस के घट्टिया क्षेत्र के विधायक रामलाल मालवीय ने दो दिवसीय पदयात्रा निकाली। जिसका समापन बुधवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट के घेराव से हुआ।
लेकिन शर्मनाक….यहां भी कांग्रेस की गुटबाजी हावी रही। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस कई गुटों में बंटी आ रही है। इसी गुटबाजी के कारण पार्टी में एकता समाप्त हो गई। लंबे समय से बनवास भोग रहे कांग्रेसी आज भी उस गुटबाजी और अहम भावना को समाप्त करने के मूड में नहीं है। रसातल की ओर बढ़ती पार्टी को बचाने के लिए भी एक होने को तैयार नहीं है।
बुधवार को शहर में जब विधायक मालवीय की पदयात्रा आई थी तो होना यह चाहिए था कि शहर कांग्रेस का हर पदाधिकारी, कार्यकर्ता उसमें बढ़-चढक़र शामिल होता और जनता की आवाज उठाता। लेकिन इसमें शहर कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारी ही शामिल नहीं हुए। सिर्फ वे ही कांग्रेस कार्यकर्ता या पदाधिकारी इसमें शामिल हुए जो विधायक मालवीय से जुड़े हुए हैं। अगर सभी कांग्रेसी एकजुट होकर प्रदर्शन में शामिल हो जाते तो यह प्रदर्शन राष्ट्रीय पार्टी की इज्जत बचाता जरूर नजर आता।