खबरों के उस पार: भीख मांगने के अजब तरीके..!

वाह रे भिखारियों! नये-नये अंदाज ढूंढ लिये भीख मांगने के। कोई नकली साधु बना घूम रहा है तो कोई तिलक लगाने वाला छद्म ब्राह्मण। कोई खुद अपाहिज बना घूम रहा है तो कोई बच्चों को बिना वजह अपाहिज का हुलिया बनाकर भीख मांग रहा है। बाबा महाकाल के दर्शन की लालसा में उज्जैन आने वाले दर्शनार्थी यहां पर दान-धर्म कर पुण्य की इच्छा रखते हैं और वे इन छद्मवेश में घूम रहे भिखारियों के मायाजाल में उलझकर रह जाते हैं।

लेकिन गुरुवार को इनका भेद आखिरकार बाहर आ ही गया। रामघाट पर एक व्यक्ति अपने बच्चे को पैर में पट्टा बांधकर व्हील चेअर पर घूमा रहा था और अपाहिज बेटे की मदद की दुहाई देकर भीख मांग रहा था। जागरूक नागरिक और सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकडक़र बच्चे के पैर का पट्टा उतारा तो बच्चा सरपट दौडऩे लगा।

इस घटना से सवाल उठ रहा है कि इन लोगों को भीख मांगने जैसे घृणित कार्य को आजीविका के रूप में अपनाने का हौंसला किसने दिया। कहीं न कहीं हम ही इसके जिम्मेदार हैं जो इन लोगों की भावनाओं में बहकर इनकी आर्थिक मदद करने को तैयार रहते हैं। यह बात सही है कि इन लोगों को रोकने के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए। लेकिन हमें भी संकल्प लेना होगा कि भीख नहीं देंगे। मदद जरूर करेंगे, लेकिन ढोंगियों की नहीं, बल्कि जरूरतमंद की।

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