भेदभाव: प्रोटोकाल भस्मारती बुकिंग सीट 500, आनलाइन 350

भेदभाव: प्रोटोकाल भस्मारती बुकिंग सीट 500, आनलाइन 350

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बहुप्रतीक्षित भस्म आरती 11 सितंबर से शुरू हो जाएगी। लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने तय 1000 सीटों में से ऑनलाइन बुकिंग वालों के लिए केवल 350, ऑफलाइन श्रद्धालुओं को 150 और प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के लिए सबसे ज्यादा 500 सीटों का प्रावधान किया है। जोकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के हितों पर कुठाराघात है। ऐसे में धांधली को बढ़ावा मिलेगा।

कुछ दिन पूर्व महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के पटल पर भस्म आरती 11 सितंबर से शुरू करने के आदेश पर मोहर लगाई गई थी। विगत शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन द्वारा लिए गए निर्णय के पश्चात भस्म आरती शुरू करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने 1000 सीटों में से आनलाइन बुकिंग करवाने वालों की जगह भेदभाव कर प्रोटोकाल श्रद्धालुओं के लिए आफलाइन 500 सीटों का प्रावधान कर दिया है। ऐसे में मंदिर प्रबंध समिति की इससे आय तो बढ़ेगी लेकिन धांधलियों की एकबार फिर शुरुआत हो जाएगी। जबकि मंदिर प्रशासन नई व्यवस्था लागू हो जाने से धांधली रुकने की बात कर रहा है। लेकिन यह रुकने की जगह बढ़ जाएगी। क्योंकि बाहर से बुकिंग नहीं करवाने वाले श्रद्धालु पहुंचेंगे और प्रोटोकाल की आड़ में दलाल मनमाने भाव से उनसे पैसे वसूल करेंगे।

ऑनलाइन बुकिंग सीट केवल 350
देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं में भस्म आरती को लेकर विशेष आकर्षण है। लिहाजा उनके द्वारा सबसे ज्यादा भस्मारती परमिशन ली जाती है। लेकिन मंदिर प्रबंध समिति ने 7 सितंबर सुबह 10 बजे से ऑनलाइन अनुमति देना तो शुरू कर दिया, लेकिन केवल 350 श्रद्धालुओं को। प्रोटोकाल श्रद्धालुओं के लिए 500 की जगह 350 परमीशन रखी जाना थी, लेकिन हुआ ठीक इसके उलट। हालांकि 11 सितंबर की ऑनलाइन बुकिंग फुल हो चुकी थी। जिसमें 350 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग परमिशन दी गई। मंदिर प्रबंध समिति पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि ऑफलाइन श्रद्धालुओं को केवल 150 सीटें ही दी जाएंगी। ऐसे में मंदिर पुजारी पुरोहित, मीडिया कर्मी, शासकीय कर्मी को उपकृत करने के लिए आनलाइन बुकिंग करवाने वाले श्रद्धालुओं की सीटें कम कर दी गई हैं। जोकि ठीक नहीं है।

हरिओम जल नहीं चढ़ाने दिया जाएगा
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि श्रद्धालुओं का प्रवेश नंदीहाल में प्रतिबंधित रहेगा। उनको गणपति मंडपम और कार्तिकेय मंडपम में बैठाया जाएगा। कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जाएगा। श्रद्धालुओं को कोरोना के चलते हरिओम जल चढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंगलवार की शाम नवागत मंदिर प्रशासक सोजानसिंह रावत ने मंदिर के प्रभारियों की बैठक ली। उसमें भस्मारती संबंधी मुद्दों पर भी बातचीत की गई।

12 तारीख की 300 सीटों की बुकिंग

7 सितंबर को सुबह 10 बजे ऑनलाइन बुकिंग अनुमति शुरू कर दी गई थी जिसके चलते केवल 5 घंटे के अंतराल में ही 11 सितंबर की 350 सीट फुल हो गईं। वहीं 12 सितंबर की 300 सीट भर चुकी हैं। आनलाइन बुकिंग 30 सितम्बर तक के लिए खोली गई हैं।

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