क्रासिंग गाड़ी से अवैध वसूली मामला भोपाल में गूंजा, अभी तक मंडी बोर्ड नहीं कर पाया कार्रवाई

mandi vyapri to minister

उज्जैन के व्यापारी से सेंधवा में मांगी गई थी पचास हजार की रिश्वत कृषि मंत्री कमल पटेल के फोन के बाद मामले में हुई थी कार्रवाई

उज्जैन, अग्निपथ। मंडी से दूसरे स्थानों पर भेजे जाने वाली उपज को क्रासिंग पाइंट पर मंडी के कर्मचारी रोककर वसूली करते हैं। इसका उदाहरण छह दिन पहले सामने आया था। उज्जैन के व्यापारी की 13 टन डालर चने के सेंधवा में रोककर पचास हजार की रिश्वत मांगी गई थी। चार घंटे तक गाड़ी को रोककर रखा गया था।

विवाद बढऩे पर मामले कृषि मंत्री कमल पटेल के पास पहुंचा था। उनके फोन के बाद सही माल होने के बाद भी मंडी के कर्मचारियों ने रात 12 बजे ट्रक को रवाना किया था। इस मामले में मंडी बोर्ड ने तीनों दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। परन्तु आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे माना जा रहा है कि क्रासिंग पाइंट पर होने वाली अवैध वसूली करने वालों को बड़े अफसरों का संरक्षण मिला हुआ है।

इसके विरोध में भोपाल में सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने मंडी प्रबंधक को 15 सूत्री मांग पत्र दिया है। इसमें उन्होंने क्रासिंग की गाड़ी से अवैध वसूली को रोकना का मुद्दा उठाया है।

अग्रवाल का कहना है कि नेशनल परमिट की गाड़ी हर स्थान पर उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए क्रासिंग की गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु क्रासिंग की गाड़ी को चेकिंग पाइंट पर रोक दिया जाता है और व्यापारी से गाड़ी नंबर बदलने जाने के एवज में वसूली की जाती है।

कई बार व्यापारी समय और परेशानी से बचने के लिए पैसा दे देता है। जबकि यह सामान्य प्रक्रिया है। एक गाड़ी रास्ते में खराब हो जाती है तो भी क्रासिंग गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसका हल निकाला जाना चाहिए।

अफसर दोषियों को बचाने में जुटे

इस मामले में सेंधवा चेकिंग पाइंट पर लगे कर्मचारियों के नाम सामने आए थे। मंत्री ने तीनों कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए थे। परन्तु अभी तक मंडी बोर्ड के अफसरों ने इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

बताया जाता है कि मंडी के व्यापारी हजारीलाल मालवीय को इस मामले में शांत रहने का आग्रह किया गया है ताकि दोषी कर्मचारियों को बचाया जा सके। परन्तु मंडी के बाकी व्यापारियों का कहना है कि यह समस्या गंभीर है आए दिन वे इस तरह की समस्या से परेशान रहते हैं।

मंडी के दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने से व्यापारियों को राहत मिलेगी। मंडी में व्यापारियों की छोटी सी गलती पर पांच गुना पेनल्टी लगाकर उससे वसूली जाती है। मंडी के कर्मचारियों द्वारा खुले आम रिश्वत मांगे जाने पर मंडी बोर्ड चुप है।

मंडी बोर्ड के निर्देश पर बयान हो चुके

उज्जैन के व्यापारी से रिश्वत मांगे जाने के मामले को लेकर मंडी बोर्ड ने एक्शन लिया था। उसके निर्देश पर उज्जैन के अफसर ने व्यापारी हजारीलाल मालवीय के बयान दर्ज किए थे। बयान देने की पुष्टि व्यापारी मालवीय ने की है।

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