122 साल पुराने नक्शों के आधार पर हटेंगे सप्तसागरों से अतिक्रमण

Ujjain Kshirsagar saptsagar

सिंहस्थ क्षेत्र के बाद अब सप्तसागरों की जमीन से कब्जे हटाने की कवायद

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ क्षेत्र और पुराने उद्योगों की सरकारी जमीन को मुक्त कराने की मुहीम के बाद अब कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर में नई मुहीम की शुरूआत कर दी है। उज्जैन शहर और शहरी सीमा से सटे प्राचीन सप्तसागरों की जमीन को भी कब्जों से मुक्त कराने का अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके लिए 122 साल पुराने नक्शे और 94 साल पुराने राजस्व दस्तावेजों को आधार बनाया जाएगा।

कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को सभी संबंधित एसडीएम को सप्तसागरों की जमीन को कब्जों से मुक्त कराने के लिए पांच बिंदुओं पर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए है। दरअसल, पिछले दिनों कलेक्टर के सामने यह तथ्य आया था कि वर्तमान राजस्व दस्तावेजों में सप्तसागरों में से दो गोवर्धन सागर और क्षीरसागर की जमीन पर निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज है। इसके अलावा इन तालाबों की जमीन पर अतिक्रमण भी है। गोवर्धन सागर और क्षीरसागर की जमीन पर कब्जों और राजस्व रिकार्ड में निजी व्यक्तियों के नाम चढ़े होने की जानकारी सामने आने के बाद अब कलेक्टर ने प्राचीन सभी सप्तसागरों की जमीन को प्रशासनिक कब्जे में लेने और राजस्व रिकार्ड में सुधार करने के लिए एसडीएम और तहसीलदार को निर्देशित किया है।

सप्तसागर की जमीन के लिए कलेक्टर के निर्देश

  • वर्ष 1899 के नक्शे और 1927 के अधिकार अभिलेख के आधार पर रूद्रसागर, गोवर्धन सागर, पुरूषोत्तम सागर, पुष्कर सागर और क्षीरसागर पर हुए अतिक्रमण चिह्नित कर नियमानुसार अतिक्रमण के संबंध में कार्रवाई की जाए।
  • राजस्व व नगर निगम के अभिलेख में यदि गलत प्रविष्ठियां है तो उनकी जांच कर प्रविष्ठियों में सुधार की कार्यवाही करे, जिन मामलों में सिविल न्यायालय सहायता देने के लिए सक्षम है ऐसे मामलों में सरकारी वकील से अभिमत लेकर अगली कार्यवाही करे।
  • उज्जैन कस्बे के बाहर विष्णु सागर और उंडासा स्थित रत्नाकर सागर के मामले में भी 1899 के नक्शे और 1927 के राजस्व रिकार्ड के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाए।
  • इसी तरह 1899 के नक्शे में दर्ज अन्य तालाब जैसे दूधतलाई, नीलगंगा और सूरज कुंड की मौका जांच करवाकर अतिक्रमण हटाने और राजस्व रिकार्ड दुरूस्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करे।
  • साल 1899 के नक्शे की प्रति के लिए प्रभारी अधिकारी राजस्व अभिलेखागार को 6 अक्टूबर को पत्र लिखा गया है। कलेक्टर ने सभी संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को कहा है कि वे राजस्व रिकार्ड सुधार और तालाबों की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई एक महीने के भीतर सुनिश्चित करे।

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