उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में मेले का आयोजन गणेशोत्सव के दौरान किया है। इसलिए प्रशासन उज्जैन में भी कार्तिक मेले में व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति प्रदान करें।
यह बात राष्ट्रीय मनोरंजन व्यवसाय एवं सांस्कृतिक कला परिषद के सदस्य मनीष चौहान (तेजूबाबा) ने प्रेस को जारी बयान के माध्यम से कही। उन्होंने कहा, इस दौरान कोविड नियमों का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा, मेले की स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से मेले के व्यापारी और इससे जुड़े लोग दो साल से बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि गुजरात, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्लीए महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार जैसे विशाल राज्यों में भी कोविड.19 के प्रोटोकॉल पालन के साथ मेला आयोजन किये जा रहे हैं। मेले से जुड़े व्यापारियों ने मंत्री, विधायक और सांसद को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान खालिद भाई इंदौर, जिला महामंत्री सुनील डागर, अजीत जैदी, निमेश शुक्ला आदि मौजूद थे।
गरबों में कोविड नियमों के उल्लंघन पर प्रशासन कटघरे में
बताया जाता है कि पिछले दिनों कोविड नियमों के उल्लंघन का मामले को लेकर कटघरे में है। प्रशासन के अफसरों ने शहर के कई स्थानों पर गरबा आयोजन की अनुमति दे दी थी। इस दौरान भीड़ उमड़ पड़ी। इसमें स्थानीय राजनेता और उनसे जुृड़े नेता भी पहुंचे थे। उन्होंने भी कोविड नियमों का पालन नहीं किया था। इससे विवाद शुरू हो गया था कि बच्चों को वैक्सीन नहीं आने के बाद भी प्रशासन लगातार कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और भीड़ वाले आयोजन के लिए लगातार अनुमति प्रदान कर रहा है।
इसमें नगर निगम, पुलिस और प्रशासन के अफसरों की भूमिका रहती है। ऐसे में अगर कोरोना फैल गया तो इस तरह के आयोजन की अनुमति देने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। चरक अस्पताल के सामने गरबा की अनुमति दिए जाने से प्रशासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ गया था।