भस्मारती में जनप्रतिनिधियों के श्रद्धालुओं ने बढ़ाई तय सीमा से अधिक संख्या

1200 से 1300 तक पहुंचा आंकड़ा, मंदिर के अधिकारियों द्वारा भी नहीं रखा जा रहा ध्यान

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बहुप्रतीक्षित शुरू हुई भस्मारती में श्रद्धालुओं का आंकड़ा कोरोना गाइड लाइन के तहत तय कर दिया गया था। लेकिन जनप्रतिनिधियों के श्रद्धालुओं को भस्मारती अनुमति देकर नियमों को धत्ता बताया जा रहा है।

बताया जाता है कि प्रतिदिन तय संख्या से अधिक श्रद्धालु भस्मारती में शामिल हो रहे हैं। मंदिर के जिला प्रोटोकाल कार्यालय प्रभारी भी इस हस्तक्षेप से काफी परेशान हैं। उन पर जनप्रतिनिधि दबाव बनाकर भस्मारती अनुमति बनवा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और विधायक पारस जैन के हस्तक्षेप के पश्चात बहुप्रतीक्षित भस्मारती को आम जनता के लिए शुरू किया गया था। जिसमें 350 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन, 150 श्रद्धालुओं को ऑफलाइन और 500 श्रद्धालुओं को प्रोटोकाल के तहत प्रतिदिन भस्मारती में प्रवेश देना शुरू किया गया था।

जिसका शुल्क प्रति व्यक्ति 200 रुपए तय किया गया था। कुछ दिन तक तो 1000 श्रद्धालुओं को भस्मारती में प्रवेश दिया गया और उसके बाद से प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन बढ़ती गई। जानकारी में आया है कि यह आंकड़ा 1200 से 1300 प्रतिदिन पहुंच रहा है। ऐसा मंदिर के कर्मचारियों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा दबाव बनाकर किया जा रहा है।

क्या करें, जनप्रतिनिधियों का दबाव

पिछले दिनों प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने भस्मारती में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को पूरी तरह से बदल दिया था। इसके बावजूद भस्मारती में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती रही। यह इसलिए किया गया था क्योंकि तय संख्या से अधिक श्रद्धालुओं को भस्मारती मेंं प्रवेश दिया जा रहा था। लेकिन जानकारी में आया है कि इसके बावजूद व्यवस्था में बदलाव नहीं आया है। बताया जाता है कि शहर के भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि दबाव पूर्वक श्रद्धालुओं की भस्मारती बुकिंग करवा रहे हैं। जिसके चलते 500 की जगह प्रतिदिन 700 से 800 प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालु भस्मारती में शामिल हो रहे हैं।

प्रशासक ने इसलिए किया औचक निरीक्षण

जानकारी में आया है कि प्रशासक श्री धाकड़, सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिंघी और मूलचंद जूनवाल द्वारा हरी फाटक स्थित भस्मारती कार्यालय का शनिवार को औचक निरीक्षण ही इसलिए किया गया था कि उनको तय संख्या से अधिक भस्म आरती बुकिंग होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। हालांकि इस मामले में कोई ऐसा खुलासा नहीं हुआ है। मामले को गुप्त रखा गया है, लेकिन आगामी दिनों में इसको लेकर मंदिर के अधिकारी स्टिंग ऑपरेशन तक कर सकते हैं।

बताया जाता है कि जिला प्रोटोकाल कार्यालय प्रभारी द्वारा मंदिर के प्रभारियों और अधिकारियों द्वारा दी जा रही आवश्यक बुकिंग को भी नकारकर जनप्रतिनिधियों की बुकिंग को तवज्जो दी जा रही है। जिसके चलते भस्मारती में तय संख्या से अधिक श्रद्धालुओं का जमावड़ा हो रहा है।

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