जोबट उपचुनाव, बेरोजगारी-पलायन सबसे बड़ी परेशानी

किसानों को पानी की समस्या, क्या इस बार पूरी होगी उम्मीद..?

झाबुआ, अग्निपथ (मनोज चतुर्वेदी)। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही दलों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि उनके उम्मीदवार महेश पटेल भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे। वहीं भाजपा की प्रत्याशी सुलोचना रावत भी पूरी तरह से आशान्वित है कि उनका वनवास अब खत्म होगा और प्रदेश की शिवराज सरकार के चलते उनकी जीत निश्चित है। मध्य प्रदेश में इस बार चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। आलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा भी उन्हीं में से एक है। जोबट सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों को मैदान मे उतारा हैै। वहीं जनता के मुद्दों को देखते हुए ही इस बार का यह प्रतिष्ठा बन चुका उपचुनाव लड़ा जाना है। इन्हीं मुद्दों को पता लगाने का प्रयास किया गया तो मुख्य समस्याएं जो सामने आई है उन्हें निराकृत करने का दायित्व भी प्रत्याशियों एवं पार्टियों पर है।

बेरोजगारी और पलायन से परेशान जनता

जोबट की जनता की सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी है। जिनके पास खेत हैं, उन्हें कम परेशानी है। लेकिन जिनके खेत नहीं है, उनके पास मजदूरी के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं हैं। इस कारण यहां के लोगों को गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में जाकर काम ढूंढना पड़ रहा है। पलायन करने वालों में युवाओं के साथ ही नाबालिग बच्चे और महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। पड़ताल में पता चला कि इन लोगों ने अब भी तय नहीं किया है कि इस चुनाव में उन्हें किसे वोट देना है। लेकिन रोजगार के मुद्दों पर यहां जरूर चुनाव लड़ा जा रहा है।

उद्योगों की भारी कमी

यहां उद्योगों की भी भारी कमी है, इसी कारण लोगों के रोजगार का मुख्य साधन खेती और बिजनेस ही है। लेकिन बारिश की कमी के कारण किसानों की समस्याएं भी कम नहीं हैं। बारिश से परेशान किसानों का कहना है कि सूखे जैसे हालात हैं, राहत के नाम पर अब तक कुछ नहीं मिला। पानी की भी भारी किल्लत है। बिजली भी पूरे समय नहीं मिलती। किसानों का कहना है कि वे उसी प्रत्याशी को वोट देंगे जो उनके लिए पानी और 24 घंटे बिजली की व्यवस्था उपलब्ध करा सकेगा। ताकि किसानी भी लाभ का धंधा बन सके। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार जाने के बाद से उनका त्रण माफ नहीं हुआ है।

आदिवासियों को साधने में लगी कांग्रेस

जोबट विधानसभा उप चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने के लिए पहुंच रहे हैं। कांग्रेस जहां बेरोजगारी, महंगाई, सडक़, पानी और बिजली के मुद्दे को उठा रही है। आदिवासी इलाके को देखते हुए यहां जनजाति समुदाय से जुड़े मुद्दों पर ही फोकस भी रहेगा।

सरकार के काम पर चुनाव लड़ रही भाजपा-कांग्रेस के मुद्दे तय हैं, वहीं बीजेपी शिवराज सरकार की योजनाओं, विकास के कामों और सीएम की घोषणाओं को लेकर क्षेत्र की जनता के बीच जा रही है। सुलोचना रावत के कांग्रेस से बीजेपी में जाने के बाद दल-बदल भी क्षेत्र में बड़ा मुद्दा है। लेकिन बीजेपी इसे नकार रही है। दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की जीत का दावा किया। वहीं कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि उनके उम्मीदवार महेश पटेल भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे।

प्रतिष्ठा की सीट बन चुका जोबट

उप चुनाव को लेकर जोबट में प्रदेश स्तरीय नेताओं एवं मंत्रियों का एक के बाद एक आना जारी है। स्वयं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा बनाया हुआ है। वहीं कांग्रेस पार्टी के नेतागण एवं पूर्व मंत्रियों का डेरा जोबट आलीराजपुर में दिखाई देने लगा है। जोबट अंचल के साथ ही आलीराजपुर, झाबुआ जिले के विश्रामगृहों, होटलों में पहले ही बुकिंग करवा ली गई है। कुल मिला कर देखें तो जोबट में गुलाबी ठंड शुरू होने के साथ ही राजनैतिक सरगर्मी तेजी से बढ़ती जा रही है। एक-एक दिन प्रत्याशियों के लिये भारी साबित हो रहा है तथा दिन रात भ्रमण एवं जनसंपर्क कर अपने-अपने पक्ष में वातावरण बनाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

जोबट सीट पर भिलाला वोटर रहेंगे जीत की कुंजी

इस उप चुनाव में जोबट सीट पर भिलाला वोटर अहम भूमिका निभाते हैं। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। पूर्व कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। जोबट विधानसभा चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 2,75,000 है, इसमें पुरुष 1,37,638 एवं महिला मतदाताओं की संख्या 1,37,567 शामिल है। जातिगत समीकरणों के हिसाब से इस सीट पर 97 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं। भील, भिलाला और पटलिया यहां की प्रमुख जातियां हैं। इनमें 40 फीसदी भील, 5 फीसदी पटलिया और 55 फीसदी भिलाला समुदाय के वोटर हैं। कांग्रेस उम्मीदवार महेश पटेल और बीजेपी उम्मीदवार सुलोचना रावत दोनों ही अनुसूचित जनजाति के भिलाला समुदाय से हैं।

जोबट विधानसभा सीट का इतिहास

जोबट सीट मध्य प्रदेश राज्य बनने के बाद से ही विधानसभा का हिस्सा है। यहां 1951 में पहली बार चुनाव हुए थे, तब सोशलिस्ट पार्टी के प्रेमसिंह ने जीत दर्ज की थी। जोबट सीट आलीराजपुर जिले में आती है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर भिलाला जाति के वोटर्स का दबदबा रहा है। भिलाला वोटर ही इस सीट पर जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। इसी कारण कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने भिलाला समुदाय के उम्मीदवार को इस उपचुनाव में टिकट दिया है।

सीट पर कौन सी पार्टी करती है डॉमिनेट?

1951-52 में देश में पहली बार चुनाव हुए, तब जोबट सीट पर भी चुनाव हुए। लेकिन 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश राज्य के गठन के बाद 1957 में यहां विधानसभा चुनाव हुए। 1957 से अब तक यहां 14 बार विधानसभा चुनाव हुए। तब से यहां कांग्रेस ने 11 बार जीत दर्ज की, बीजेपी ने दो बार और सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार ने 1962 विधानसभा चुनाव में एकमात्र जीत दर्ज की थी। इन नतीजों को देख कर साफ है कि इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है। लेकिन पिछले चार चुनावों की बात करें तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही दो-दो बार जीत दर्ज की। ऐसे में दोनों ही पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। पिछले चुनाव में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों का पूरा न हो पाना भी बीजेपी के लिए एक मुद्दा रहेगा।

बीजेपी ने बागी को उतारा मैदान में

जोबट विधानसभा सीट पर अब तक 6 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा, इनमें कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही कड़ी टक्कर होते नजर आ रही है। कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाली सुलोचना रावत को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया। सुलोचना रावत 2003 में राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान राज्य मंत्री रहीं। इलाके में साफ-सुथरी छवि रखती हैं। इस सीट पर पिछले चुनाव में इनके पुत्र विशाल रावत ने बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते हुए 30 हजार वोट हासिल किए थे। माना जा रहा है कि अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए ही उन्होंने बीजेपी का दामन थामा।

कांग्रेस ने दिग्गज नेता को दी जिम्मेदारी

कांग्रेस ने पार्टी के कद्दावर नेता महेश पटेल को इस उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। माना जाता है कि आलीराजपुर में कांग्रेस की प्राण वायु महेश पटेल ही हैं। आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही संगठन में मजबूत होल्ड रखते हैं। वह आलीराजपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष हैं। लेकिन आलीराजपुर विधानसभा के रहवासी होने के कारण उन्हें उपचुनाव में नुकसान झेलना पड़ सकता है।

पिछले चुनावों में क्या रहे नतीजे

2018 में कांग्रेस उम्मीदवार कलावती भूरिया ने 46,067 वोट हासिल कर बीजेपी के माधोसिंह डावर को 2056 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार विशाल रावत को 31,229 वोट मिले थे। इस बार माधोसिंह और रावत परिवार दोनों ही बीजेपी का सपोर्ट कर रहे हैं।

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