खबर का असर: मोहन नगर तिराहे की मल्टी की परमिशन रद्द

Mohan nagar building permission canceled

सिंहस्थ आरक्षित भूमि पर बने भवन के मामले में कार्रवाई, अनुमति देने वालों पर भी गिरेगी गाज

उज्जैन, अग्निपथ। मोहन नगर तिराहे पर माता मंदिर के ठीक सामने बन रही तीन मंजिला बिल्डिंग की परमिशन नगर निगम ने रद्द कर दी है। यह बिल्डिंग जिस जमीन पर बन रही थी वह जमीन राजस्व रिकार्ड में सिंहस्थ आरक्षित भूमि के रूप में दर्ज है। नगर निगम के स्तर पर हुई जांच के बाद यह साफ हो गया है कि भवन अनुमति गलत जानकारियों के आधार पर ली गई थी। नगर निगम के जिन अधिकारियों ने बिल्डिंग निर्माण की अनुज्ञा जारी की थी, उनके खिलाफ भी कार्यवाही लगभग तय हो गई है।

दैनिक अग्निपथ ने ही सबसे पहले उक्त अवैध निर्माण की जानकारी प्रकाशित कर नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था। नगर निगम ने 16 अप्रैल 2018 को उक्त भवन के निर्माण के लिए राकेश कुमार कोठारी, संजय कोठारी, मनीष कोठारी के नाम से भवन अनुज्ञा जारी की थी। भवन अनुज्ञा में प्रस्तावित बिल्डिंग का स्थान प्लॉट नंबर 69 का पार्ट अशोक मंडी मार्ग दर्शाया गया। वास्तव में यह बिल्डिंग सर्वे नंबर 1535/1/3 के 0.0900 हेक्टेयर भू-भाग पर बनी हुई है।

राजस्व रिकार्ड बताता है कि यह जमीन अब भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र के लिए आरक्षित है। 18 मार्च 2014 को उक्त जमीन को सिंहस्थ मेला क्षेत्र आरक्षित किया गया। भू-अभिलेख की वेबसाइट पर अब भी उक्त जमीन के कृषि भूमि के रूप में होने की जानकारी दर्ज है।

नगर निगम के दो लोग निशाने पर

मोहन नगर माता मंदिर के सामने वाले भू-भाग पर होंडा शो-रूम के पास बन रही तीन मंजिला बिल्डिंग की अनुमति निरस्त करने से पहले परमिशनधारक को सुनवाई का अवसर दिया गया था। परमिशन जारी होने की प्रक्रिया की जांच से यह साफ हुआ कि गलत जानकारियों के आधार पर नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन जारी हुई थी। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (अब रिटायर्ड) अरुण जैन और जोन की भवन अधिकारी रही निशा वर्मा द्वारा यह परमिशन जारी की गई थी। जल्द ही इस मामले में इन दोनों की भूमिका की भी जांच शुरू हो सकती है।

परमिशन की अवधि भी हो चुकी है समाप्त

नगर निगम ने 16 अप्रैल 2018 को बिल्डिंग के निर्माण की परमिशन जारी की थी। यह परमिशन 15 अप्रैल 2021 तक के लिए ही वैध थी। इस अवधि के निकल जाने के बाद तक भी बिल्डिंग में निर्माण कार्य जारी रहा। तीन दिन पहले जोन क्रमांक 2 के कार्यपालन यंत्री अनिल जैन भी यहां डंपर और बैकहो लोडर लेकर काम रूकवाने पहुंचे थे, लेकिन बिना किसी कार्यवाही के ही वापस लौट गए थे।

हमे अब कोर्ट से न्याय की उम्मीद

तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करने वाले मनीष कोठारी ने दैनिक अग्निपथ को बताया कि हमने कहीं किसी तरह की गलत जानकारी देकर बिल्डिंग परमिशन हांसिल नहीं की थी। कोठारी ने कहा कि हम शत प्रतिशत सत्य है, नगर निगम ने जो कार्रवाई की है वह किन्हीं लोगों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की है। उन्होंने कहा कि हमने हाईकोर्ट के समक्ष भी सारे तथ्य रखे है और हमें कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद है। मनीष कोठारी ने बताया कि हमें नगर निगम की कार्रवाई के विरूद्ध कोर्ट से स्थगन आदेश मिल चुका है।

इनका कहना

मोहन नगर तिराहे वाली बिल्डिंग की परमिशन रद्द कर दी गई है। गलत जानकारी के आधार पर परमिशन लिए जाने के तथ्य सामने आए है। परमिशन रद्द करने से पहले निर्माणकर्ता का पक्ष भी सुना गया। – जी.के. कंठिल, अधीक्षण यंत्री नगर निगम

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