कालिदास के स्मरण मात्र से धन्य हो जाते हैं हम

Kalidas Samroh sangoshthi 17112021

कालिदास समारोह : राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय सत्र

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अन्तर्गत कालिदास साहित्य में मानवीय मूल्य शीर्षक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय सत्र आयोजित हुआ। अध्यक्ष महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वैदविद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के सचिव डॉ. विरूपाक्ष जड्डीपाल थे तथा अतिथि पद्मश्री अभिराज डॉ. राजेन्द्र मिश्र, शिमला थे।

डॉ. विरूपाक्ष जड्डीपाल ने कहा कि कालिदास जैसा कवि न हुआ है और न कभी होगा। उनका स्मरण करके हम सब धन्य हो जाते हैं। पद्मश्री अभिराज डॉ. राजेन्द्र मिश्र ने कहा कि विक्रमादित्य एवं कालिदास हमारे संस्कृति पुरुष हैं। विक्रमादित्य के बारे में विद्वानों के अनेक मत हैं। उन्होंने दिग्विजय यात्रा की थी जिसका संकेत महाकवि कालिदास रघुवंशम् में करते हैं। कालिदास ने लोक के लिए कविताएँ लिखीं। प्रयागराज की डॉ. मीनाक्षी जोशी ने कहा कि सभी ने अपनी मेधानुरूप कालिदास का स्मरण किया है। डॉ. रेवा कुलकर्णी, सोलापुर, डॉ. उपेन्द्र भार्गव, उज्जैन, डॉ. शुभम् शर्मा, उज्जैन ने शोध-पत्रों का वाचन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रमेश शुक्ल ने किया तथा स्वागत एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सन्तोष पण्ड्या ने किया।

शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र सम्पन्न

कालिदास समिति, विक्रम विवि, उज्जैन द्वारा समारोह के अन्तर्गत आयोजित शोध-संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में विद्वानों, शोध छात्रों ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। सत्र की अध्यक्षता डॉ. विजयकुमार मेनन, कुलपति महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक वि.वि ने की। डॉ. धीरेंद्र सोलंकी, अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग एवं पुरातत्व संग्रहालय के निदेशक डॉ. रमण सोलंकी भी मंच पर उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन ने किया तथा सत्र का संचालन डॉ. सदानन्द त्रिपाठी ने किया।

इसी संध्या पं. सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला में डॉ. इला घोष ने लोकतंत्र के प्रति कालिदास का सन्देश पर व्याख्यान दिया। अध्यक्षता प्रो. अखिलेशकुमार पाण्डेय, उज्जैन ने की। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ. सन्तोष पण्ड्या ने दिया।

समारोह में आज होगा संस्कृतकविसमवाय:

कालिदास समारोह में शुक्रवार प्रात: 10 बजे को संस्कृतकविसमवाय: होगा। अध्यक्षता प्रो. रहसबिहारी द्विवेदी, जबलपुर करेंगे। इस अवसर पर देशभर से पधारे कवि संस्कृत कविताओं का पाठ करेंगे। कालिदास समिति, विक्रम वि.वि. उज्जैन की शोध संगोष्ठी का तृतीय सत्र होगा।

इस अवसर पर विक्रम कालिदास पुरस्कार चयनित शोध-पत्रों का वाचन किया जाएगा। इसी संध्या 5 बजे महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला में राष्ट्रीयता एवं सुशासन-कालिदास के संदर्भ में विषय पर डॉ. राजेन्द्र मिश्र, शिमला व्याख्यान देंगे तथा अध्यक्षता वरिष्ठ संस्कृत विद्वान् डॉ. केदारनाथ शुक्ल उज्जैन करेंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोकनाट्य माच ‘महाकवि कालिदास’ की प्रस्तुति मालव लोककला केन्द्र, उज्जैन द्वारा प्र्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा शास्त्रीय नृत्य कथक की प्रस्तुति इंदौर की कलाकार सुश्री मुद्रा बेन्द्र देंगी।

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