भीड़ वाले दिन कटेगी 1500 की अभिषेक रसीद
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मन्दिर में विगत 18 महीने से गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश कोरोना संक्रमण के चलते प्रतिबंधित किया हुआ था। गर्भगृह में प्रवेश की सुविधा श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर से शुरू की जाएगी।
मंदिर प्रशासक ने दर्शन गाइड लाइन तय करने के लिए कमेटी का गठन किया है। इसके साथ ही उज्जैन दर्शन बस सेवा भी फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
शासन द्वारा 17 नवम्बर से कोविड महामारी के समय जारी समस्त प्रतिबंध हटा लिये गये हैं। इस तारतम्य में बैठक में आगामी 6 दिसम्बर से श्रद्धालुओं को गर्भगृह में कोविड महामारी में लगाये गये प्रतिबंधों के पूर्व जिस तरह की प्रवेश व्यवस्था थी, उसी के अनुरूप प्रवेश देने का निर्णय लिया गया है।
उज्जैन दर्शन बस सेवा करेंगे शुरू
महाकालेश्वर प्रबंध समिति की बैठक में अन्य निर्णय लिए गए जिसमें उज्जैन दर्शन बस सेवा को शुरू करने का निर्णय भी लिया गया इसके साथ ही श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वर्तमान में अनुमति प्राप्त फोटोग्राफरों की संख्या पर्याप्त होने पर नये फोटोग्राफरों को अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया।
मन्दिर प्रबंध समिति के अन्तर्गत सभी कर्मचारियों, शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि के सम्बन्ध में चर्चा की गई तथा निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष वार्षिक वेतन वृद्धि नियत करने का एक समग्र प्रस्ताव बनाकर आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाये।
त्रिवेणी संग्रहालय से फेसिलिटी सेन्टर तक ई-रिक्शा
बैठक में निर्णय लिया गया कि महाकाल महाराज मन्दिर परिसर विस्तार का रूद्र सागर का कार्य पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं के लिये त्रिवेणी संग्रहालय से फेसिलिटी सेन्टर तक आने-जाने के लिये ई-कार्ट की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही एवं निविदा का प्रस्ताव तैयार किया जाये।
श्री महाकाल महाराज मन्दिर विस्तार योजना अन्तर्गत भूमि अधिग्रहण के लिये कुल 150.92 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन राज्य शासन से करने हेतु पत्र भेजा गया है। बैठक में उक्त कार्यवाही का अनुमोदन किया गया।
प्रवेश बंद होने के दौरान 1500 की अभिषेक रसीद
गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था शुरू हो जाने के बाद पुरोहितों की 1500 रुपए की अभिषेक रसीद भी शुरू हो जाएगी। पूर्व में गर्भगृह में प्रवेश बंद होने के दौरान 1500 रुपए की अभिषेक रसीद पुरोहितों द्वारा कटवाई जाती थी। जिसमें दो श्रद्धालुओं का अभिषेक गर्भगृह से करवाया जाता था।
ऐसी व्यवस्था अत्याधिक भीड़ वाले दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को सुनिश्चित की जाती थी। इसमें एक पुरोहित को अधिकतम तीन रसीदें एक दिन में प्रदान की जाती थी।
नंदीहाल-गर्भगृह में प्रवेश के तीन दिन में नियम बनायेगी कमेटी
मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने 6 दिसम्बर से गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित होते ही अपने अधीनस्थों को दर्शन के लिए गाइड लाइन बनाने के निर्देश प्रदान किए।
इसी गाइड लाइन में प्रक्रिया, व्यवस्था और नियम समाहित होंगे। इसी के अनुसार श्रद्धालुओं को नंदीहाल और गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी भी गठित की गई है।
जिसमें सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, पुजारी प्रदीप गुरु, आईटी शाखा प्रभारी राजकुमारसिंह, पीए अशोक लांडगे सहित अन्य दो शामिल हैं। यह कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट प्रशासक श्री धाकड़ को सौंपेगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टैगोर, समिति प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, पं. आशीष पुजारी, पं. प्रदीप पुजारी, दीपक मित्तल, विजयशंकर शर्मा मौजूद थे।